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Loss Due To Corona: कोरोना से हुए घाटे की भरपाई, इंडोनेशिया में रईसों पर लगा 35 फीसदी टैक्स

कोरोना महामारी से सरकारी खजाने पर पड़े असर से निपटने के लिए इंडोनेशिया सरकार अमीरों पर भारी टैक्स लगाने जा रही है।

Shashi kant gautam
Published By Shashi kant gautam
Published on: 21 Jun 2021 9:01 AM GMT
Tax from the nobles on the loss caused by Corona in Indonesia
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इंडोनेशिया में कोरोना से हुए घाटे पर रईसों से टेक्स: फोटो- सोशल मीडिया  

Loss Due To Corona: कोरोना महामारी से सरकारी खजाने पर पड़े असर से निपटने के लिए इंडोनेशिया सरकार अमीरों पर भारी टैक्स लगाने जा रही है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने देश की संसद से सामान्य टैक्स के प्रावधानों में संशोधन पर विचार करने को कहा है। सरकार का प्रस्ताव है कि सर्वाधिक कमाई करने वालों के लिए टैक्स की नई दरें लागू की जाएं, वैट का दायरा बढ़ा कर उसमें अनाज, शिक्षा, इलाज, पब्लिक ट्रांसपोर्ट से लेकर मनी आर्डर सेवा और पब्लिक फोन बूथों तक को उसमें शामिल कर दिया जाए।

घाटा पूरा करने का अभियान

इंडोनेशिया की सरकार ज्यादा से ज्यादा राजस्व कमाने की जुगत लगा रही है क्योंकि इसका बजटीय घाटा कुल जीडीपी के 6.09 फीसदी के बराबर पहुंच गया है। कोरोना महामारी के दौरानसरकार ने घाटा बढ़ने दिया लेकिन अब कहा है कि 2023 तक बजटीय घाटा जीडीपी के 3 फीसदी तक ले आया जाएगा। इंडोनेशिया में 3 फीसदी घाटे तक की ही कानूनी लिमिट है। सरकार ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि अगले साल से टैक्स सुधार लागू हो जाएंगे और देश को और विदेशी कर्जे मांगने की जरूरत नहीं रहेगी। इंडोनेशिया का विदेशी कर्ज 418 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है।

सरकार की योजना

इंडोनेशिया सरकार की योजना में प्रमुख है ज्यादा कमाई करने वालों पर तगड़ा टैक्स लगाना। ज्यादा कमाई में उन लोगों को रखा गया है जो सालाना साढ़े तीन लाख डॉलर से ज्यादा कमाते हैं। अभी इंडोनेशिया के करदाताओं को टैक्स के चार स्लैब में रखा गया है और टैक्स की दर 5 से 30 फीसदी तक है। अब प्रस्ताव है कि सबसे ज्यादा कमाई वालों पर 35 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाएगा। यानी 5 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी। वैसे अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सिर्फ 5 फीसदी टैक्स बढ़ाने से कोई फायदा नहीं है। टैक्स 30 फीसदी से बढ़ा कर 40 से 45 फीसदी कर देना चाहिए।

तुलनात्मक रूप से देखें तो सिंगापुर में 0 फीसदी से 22 फीसदी तक के टैक्स स्लैब हैं। मलेशिया में 0 से 30 फीसदी और हांगकांग में 2 से 17 फीसदी टैक्स स्लैब है। लंदन स्थित नाइट फ्रैंक की वेल्थ रिपोर्ट 2021 में कहा गया है कि इंडोनेशिया में 2021 से 2025 तक अमीरों की तादाद 67 फीसदी सालाना की दर से बढ़ने का अनुमान है।

अमीरों की कैटेगरी में 30 मिलियन डॉलर से ज्यादा की हैसियत वालों को रखा गया है। एक अन्य रिसर्च में बताया गया है कि इंडोनेशिया में 30 मिलियन डॉलर की हैसियत वाले 756 लोग हैं और इनमें से 401 लोग राजधानी जकार्ता में रहते हैं।

Shashi kant gautam

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