TRENDING TAGS :
'महात्मा गांधी ने पर्यावरण की समस्या को तभी समझ लिया था जब किसी को इसकी चिंता नहीं थी'
विशेषज्ञों के अनुसार वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने की तत्काल जरूरत है क्योंकि एक अध्ययन में दावा किया गया है कि यह राष्ट्रीय आपदा बन गई है जिसके चलते भारत में हर साल पांच साल से कम उम्र के एक लाख बच्चे मारे जा रहे हैं। इस साल पर्यावरण दिवस का विषय भी यही थी।
यरूशलम: इजराइल में भारत के राजदूत पवन कपूर ने कहा कि वायु प्रदूषण भारत में मौत के सबसे बड़े कारणों में से एक है जबकि इसी देश के महात्मा गांधी ने पर्यावरण संबंधी समस्याओं को उस वक्त समझा था जब यह लोगों के लिए चिंता का इतना बड़ा विषय नहीं था।
कपूर ने बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष मनाने के लिए किबुट्ज नान (कृषि समुदाय) एवं भारत के अन्य समर्थकों के साथ मिलकर पौधे लगाए।
ये भी देंखे:जाने नीतीश कुमार ने दुसरे धर्मों को लेके कह दी कौन सी बात?
विशेषज्ञों के अनुसार वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने की तत्काल जरूरत है क्योंकि एक अध्ययन में दावा किया गया है कि यह राष्ट्रीय आपदा बन गई है जिसके चलते भारत में हर साल पांच साल से कम उम्र के एक लाख बच्चे मारे जा रहे हैं। इस साल पर्यावरण दिवस का विषय भी यही थी।
साथ ही उन्होंने भारत-इजराइल की दोस्ती के नाम एक बागान समर्पित किया और एक पट्टिका का अनावरण किया जिस पर पर्यावरण के संरक्षण को लेकर राष्ट्रपिता के विचार लिखे हुए थे, “धरती, वायु, भूमि एवं जल हमारे पूर्वजों से मिली विरासत नहीं बल्कि हमारे बच्चों से मिला हुआ ऋण है। इसलिए हमें ये तत्व उसी प्रकार उन्हें सौंपने हैं जैसे वे हमें मिले थे।’’
सतत विकास एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर बापू की शिक्षा पर जोर देते हुए भारतीय राजदूत ने कहा, “महात्मा गांधी के समय में पर्यावरण चिंता का बड़ा विषय नहीं था। उक्त विचार से उनकी दूरदर्शिता झलकती है।”
ये भी देंखे:डीयू दाखिला में 2.29 लाख से अधिक छात्रों ने पाठ्यक्रमों के लिए कराया पंजीकरण
कपूर ने कहा, “वह (गांधी) पर्यावरण संबंधी चिंताओं को समझते थे और उन्होंने सतत विकास एवं आत्मनिर्भरता की बात की...उन्होंने पर्यावरण संरक्षण एवं सतत विकास के बारे में बहुत बात की।”
उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य के लिए यह सोचना होगा कि इन समस्याओं को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है।
(भाषा)