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Major Political Assassination: वो प्रमुख राजनीतिक हत्याएं, जिससे हिल उठी दुनिया

Major Political Assassination: करीबन 9 साल तक जापान के प्रधानमंत्री रहे आबे की हत्या से पहले भी दुनिया के कई प्रमुख राजनेताओं को मौत का घाट उतारा जा चुका है।

Krishna Chaudhary
Published on: 8 July 2022 12:21 PM GMT
Major Political Assassination: The major political killings that shook the world
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अब्राहम लिंकन, जार निकोलस द्वितीय, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, जॉन एफ कैनेडी, यित्जाक राबिन: Photo - Social Media

Major Political Assassinations': जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ( Former Japanese PM Shinzo Abe Assassination) की शुक्रवार को गोली मार कर हत्या कर दी गई। ये घटना उस समय हुई जब आबे एक चुनावी रैली (election rally) को संबोधित कर रहे थे। हमलावर ने पीछे से आकर उनपर फायरिंग की। करीबन 9 साल तक जापान के प्रधानमंत्री रहे आबे की हत्या से पहले भी दुनिया के कई प्रमुख राजनेताओं को मौत का घाट उतारा जा चुका है। इन राजनीतिक हत्याओं ने पूरी दुनिया को हिला दिया था। प्रथम विश्व युद्ध भी एक राजनीतिक हत्या की ही देन है। तो आइए एक नजर दुनिया के उन प्रमुख राजनीतिक हत्याओं पर डालते हैं, जिसकी चर्चा आज तक होती है । -

अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln)

अमेरिकी इतिहास में अब्राहम लिंकन का अहम स्थान है। अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बने लिंकन ने न केवल देश को दास प्रथा जैसी कुप्रथा से मुक्ति दिलाई बल्कि अमेरिका को उसके सबसे बड़े संकट गृहयुद्ध से पार लगाया। एक गरीब परिवार में जन्मे लिंकन की हत्या उस समय कर दी गई, जब वे वाशिंगटन के फोर्ड थियेटर में अवर अमेरिकी कजिन नाटक देख रहे थे। घटना के समय बालकनी में बैठे लिंकन के अंगरक्षक जॉन पार्कर उस समय उनके साथ नहीं थे। वो इंटरवल में ही वहां से बाहर निकल गए थे। रात सवा दस बजे मौका देखकर हमलावर जॉन वाइक्स बूथ ने अब्राहम लिंकन को पीछे से सिर में गोली मार दी। ये घटना 15 अप्रैल 1865 की है। वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर वाइक्स बूथ मौके से फरार होने में कामयाब रहा। 10 दिन बाद वर्जीनिया में अमेरिकी सैनिकों ने एक मुठभेड़ में उसे मार गिराया था।

आर्चड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड (Archduke Franz Ferdinand)

28 जून 1914 को आस्ट्रिया –हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी आर्चड्यूक फर्डिनेंड अपनी पत्नी के साथ बोस्निया में साराएवो के दौरे पर थे। वहां एक सर्बियाई छात्र गैवरिलो प्रिंसिप द्वारा उनकी और उनकी पत्नी की हत्या कर दी गई। इस घटना को प्रथम विश्व युद्ध की पहली चिंगारी कहा जाता है। आस्ट्रिया – हंगरी साम्राज्य ने सर्बिया के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया। फिर इस युद्ध में सर्बिया की तरफ से रूस और आस्ट्रिया –हंगरी की तरफ से जर्मनी कूदा। इसके बाद ब्रिटेन और फ्रांस भी युद्ध में शामिल हो गए।

जार निकोलस द्वितीय ( Nicholas II)

17 जुलाई 1918 को निकोलस रोमानोव, अंतिम रूसी सम्राट, और उनके पूरे परिवार की बोल्शेविक क्रांतिकारियों द्वारा जेल में हत्या कर दी गई थी। अंतिम रूसी सम्राट को ब्लडी संडे (शाही कार्यक्रम में मचे भगदड़ में सैंकड़ों लोगों की मौत) और प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए हजारों रूसियों की मौत का जिम्मेदार ठहराया गया था। परिवार की मृत्यु के कारण शाही वंश का अंत हुआ और सोवियत संघ का जन्म हुआ। सोवियत संघ जो अगले सात दशक तक दुनिया में अमेरिका के बाद शक्ति का दूसरा केंद्र रहा।

मार्टिन लूथर किंग जूनियर (Martin Luther King Jr.)

4 अप्रैल 1968 को अमेरिकी आंदोलनकारी मार्टिन लूथर किंग की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस दिन मार्टिन अपने होटल की बालकनी में खड़े थे, तभी जेम्स अर्ल रे नाम के एक शख्स ने उनपर गोली चला दी। किंग ने अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिकों के अधिकारों के लिए अहम भूमिका निभाई। वह राष्ट्रपति महात्मा गांधी से काफी प्रभावित थे। उन्होंने अपनी भारत यात्रा को तीर्थयात्रा बताया था। ये लूथर के ही आंदोलन का नतीजा था, जब 1956 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि एफ्रो-अमेरिकी नागरिक नगर निगम की बस में कहीं भी बैठ सकते थे।

जॉन एफ कैनेडी (John F Kennedy)

22 नवंबर 1963 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की पूर्व मरीन ली हार्वी ऑस्वाल्ड ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह डलास में एक मोटरसाइकिल से यात्रा कर रहे थे। दो दिन बाद, ऑस्वाल्ड को भी एक नाइट क्लब के मालिक ने गोली मार दी थी। कई लोगों का मानना था कि कैनेडी की हत्या के पीछे एक बड़ी साजिश थी लेकिन कुछ भी साबित नहीं हो सका। बता दें कि कैनेडी को अमेरिका का प्लेबॉय राष्ट्रपति भी कहा जाता है। एक किताब के मुताबिक, राष्ट्रपति रहते हुए कैनेडी ने कई महिलाओं के साथ संबंध बनाए थे।

यित्जाक राबिन (yitzhak rabin)

4 नवंबर 1995 को इजरायल के प्रधानमंत्री यित्जाक राबिन की तेल अवीव में एक रैली में दक्षिणपंथी चरमपंथी यिगल आमिर ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। राबिन इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति स्थापित करने के लिए काम कर रहे थे। उनकी मृत्यु के बाद से, दोनों देशों के बीच कोई शांति समझौता नहीं हुआ है।

शेख मुजबीर रहमान (Sheikh Mujbir Rahman): Photo - Social Media

शेख मुजबीर रहमान (Sheikh Mujbir Rahman)

शेख मुजबीर रहमान पाकिस्तान से आजाद होकर स्वतंत्र मुल्क बने बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति थे। बाद में वे प्रधानमंत्री भी बने। 15 अगस्त 1975 को बागी बांग्लादेशी सेना के कुछ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास में जबरन घुसकर उन्हें और उनके पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। वर्तमान में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शेख मुजबीर रहमान की ही बेटी हैं। उस तख्तापलट के दौरान हसीना इसलिए बच गईं क्योंकि वो उस समय विदेश में थीं। शेख मुजबीर रहमान आज भी बांग्लादेश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं।

बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto): Photo - Social Media

बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto)

किसी मुस्लिम देश के साथ – साथ पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजरी भुट्टो की हत्या 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में एक चुनावी रैली के दौरान कर दी गई थी। उन्हें आत्मघाती हमले के जरिए निशाना बनाया गया था। इस हत्याकांड के बाद उपजी सहानूभुति की बदौलत उनकी पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को अगले आम चुनाव में जबरदस्त सफलता मिली और पांच साल तक पाकिस्तान में उसकी सरकार रही। बेनजरी भुट्टो को सियासत विरासत में मिली थी। उनके पिता जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान के पीएम रह चुके थे। बेनजरी 1988 में पहली बार प्रधानमंत्री बनी थीं। वह दो बार इस पद पर पहुंची और दोनों ही बार करप्शन के आरोप में उन्हें बर्खास्त कर दिया था। यहां आपको बता दें कि पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की भी हत्या कर दी गई थी।

इंदिरा गांधी और राजीव गांधी (Indira Gandhi and Rajiv Gandhi): Photo - Social Media

इंदिरा गांधी और राजीव गांधी (Indira Gandhi and Rajiv Gandhi)

31 अक्टूबर 1984 को सतवंत सिंह और बेअंत सिंह नाम के दो अंगरक्षकों ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को गोलियों से छलनी कर दिया था। सतवंत सिंह ने इंदिरा पर 30 राउंड गोली दागे थे। दोनों सिख बॉडीगार्ड ऑपरेशन ब्लूस्टार की वजह से इंदिरा गांधी से नाराज थे।

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पीएम बने उनके बेटे राजीव गांधी की भी हत्या कर दी गई थी। हालांकि, हत्या के दौरान वह विपक्ष में थे। 21 मई 1991 को लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए चेन्नई के श्रीपेरंबुदूर पहुंचे राजीव गांधी की मौत एक आत्मघाती हमले में हुई थी। इस हत्याकांड की जिम्मेदारी श्रीलंका में सक्रिय आतंकी संगठन लिट्टे ने ली थी। इस हमले में राजीव समेत 14 लोगों की जान चली गई थी।

Shashi kant gautam

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