TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

मलाला बोली-सोशल मीडिया बने राजनीतिक हथियार

Gagan D Mishra
Published on: 2 Sept 2017 1:26 AM IST
मलाला बोली-सोशल मीडिया बने राजनीतिक हथियार
X
मलाला बोली-सोशल मीडिया बने राजनीतिक हथियार

मैक्सिको सिटी: नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित पाकिस्तान की साहसी युवती मलाला यूसुफजई ने कहा कि युवा सोशल मीडिया को एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करें, ताकि समाज में फैली असमानता, महिला अधिकार और शिक्षा जैसी जन समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाया जा सके। समाचार एजेंसी एफे की खबर के मुताबिक, गुरुवार को मोंटेरेरी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और एंड हाइयर एजुकेशन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए 20 साल की इस सामाजिक कार्यकर्ता ने सोशल नेटवर्क और मीडिया में फैले पक्षपात के बारे में चेताया भी।

यह भी पढ़ें...अब ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई करेंगी मलाला यूसुफजई, कहां- जाने के लिए हूं उत्साहित

मलाला ने कहा कि अगर पक्षपात ऑनलाइन भी बना रहता है, तो लोग यह सोचना शुरू कर देंगे कि उन्हें मुस्लिमों, मैक्सिकनों और ईसाइयों से नफरत करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, "हमें तकनीक का शुक्रिया अदा करना चाहिए, जिसकी बदौलत दुनिया के तमाम देशों की राजनीति में युवा अब बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने लगे हैं।"

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया अकाउंट पर अक्सर आने वाली अज्ञात लोगों की टिप्पणियों पर मलाला ने कहा कि ऐसे लोग गलत काम कर रहे हैं। वे खुलकर सामने आएं और बेहिचक बोलें।

यह भी पढ़ें...मलाला यूसुफजई जुड़ी ट्विटर से, स्कूल का आखिरी दिन बना उनका सोशल वेबसाइट पर FIRST DAY

मलाला ने कहा कि लोगों को उनकी परंपरा, संस्कृति और राष्ट्रीयता का पालन करना चाहिए, लेकिन उन्हें नफरत का पालन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे दूसरे लोगों को दुख पहुंच सकता है।

मलाला ने लैटिन अमेरिका में महिलाओं की स्थिति पर चिंता जताई और महिलाओं के लिए समान शिक्षा के अधिकार के पक्ष में आवाज उठाई।

मलाला ने महज 17 साल की उम्र में शांति का नोबेल पुरस्कार जीता था और उस वक्त की सबसे कम उम्र की नोबेल सम्मान पाने वाली नागरिक बनी थीं।

यह भी पढ़ें...‘दंगल’ की छोटी गीता जायरा वसीम बनी कश्मीर की मलाला, 10th में हासिल किए 90% मार्क्स

साहसी मलाला ने 11 साल की उम्र से ही लड़कियों के स्कूल जाने पर तालिबानी रोक के खिलाफ और समानता के लिए लड़ाई छेड़ रखी थी।

मलाला बीबीसी के किसी उपनाम के जरिए ब्लॉग भी लिखती है। इसके जरिए वह लोगों को बताती है कि उनका देश किस कदर आंतक के कब्जे में है।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला के लिए चुनी जाने के बाद मलाला ने कहा कि बच्चों के शिक्षित होने से किसी देश को अनगिनत फायदे हो सकते हैं।

मलाला आगे कहा कि वह नेल्सन मंडेला, महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर और विश्व के दूसरे नेताओं की तरह बनना चाहती हैं, जिन्होंने असमानता के खिलाफ लड़ाई लड़ी।

यह भी पढ़ें...UP की मलाला ! पढ़ने से रोकने को परिजनों ने किया प्रताड़ित, घर छोड़ा-कलम नहीं

--आईएएनएस



\
Gagan D Mishra

Gagan D Mishra

Next Story