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मालदीव: पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद बरी, भारत के लिए अच्छे संकेत
माले: मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को आतंकवाद के आरोपों से बरी कर दिया है। कोर्ट ने इसके साथ सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब तक लंदन में निर्वासित जीवन जी रहे नशीद और उनके समर्थकों की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।
मालदीव सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद वहां की राजनीति में तूफान आ गया है। नशीद और उनके समर्थक अब राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इस बीच पुलिस ने जश्न मना रहे नशीद समर्थकों पर गुरुवार देर रात लाठियां बरसाईं। राष्ट्रपति यमीन ने देश के पुलिस प्रमुख को पद से हटा दिया है।
भारत के लिए क्या?
बता दें, कि पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को भारत समर्थक समझा जाता है। नशीद और उनकी पार्टी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी ने भारत समर्थक सरकार बनाए जाने का वादा किया है। हिंद महासागर में स्थित मालदीव भारत के लिए कूटनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। चीन ने भी मालदीव को भारी मात्रा में कर्ज और आर्थिक सहायता दे रहा है।
नशीद ने किया ट्वीट
नशीद ने ट्वीट कर इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, 'मैं सभी राजनीतिक बंदियों की तत्काल रिहाई, नागरिक और राजनीतिक अधिकारों के बहाली के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अनिवार्य रूप से इस फैसले को मानें और इस्तीफा दें। मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि वे संघर्ष से बचें।'
गौरतलब है, कि पूर्व राष्ट्रपति नशीद को साल 2012 में तख्तापलट कर राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया था। नशीद को 2015 में आतंकवाद के आरोपों में 13 साल की सजा सुनाई गई थी जिसके बाद वह पिछले साल ही अपना इलाज कराने लंदन गए थे और वहां ब्रिटेन ने उन्हें शरण दे दी थी।