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Metaverse: मेटावर्स अपनाने वाला पहला देश बना साउथ कोरिया

Metaverse: साउथ कोरिया ने एलान किया है कि वह तमाम सार्वजानिक सेवाएँ और सांस्कृतिक इवेंट्स को मेटावर्स प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराएगा।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Chitra Singh
Published on: 12 Nov 2021 11:40 AM IST
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Metaverse (Concept Photo- Social Media)

Metaverse: जहाँ एक तरफ दुनिया में मेटावर्स की अभी बातें ही चल रहीं हैं, वहीं साउथ कोरिया ने एलान किया है कि वह तमाम सार्वजानिक सेवाएँ और सांस्कृतिक इवेंट्स को मेटावर्स प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराएगा।

साउथ कोरिया की राजधानी सीओल के मेयर ऑह से हून (oh se hoon) ने कहा है कि सीओल के लोग वर्चुअल रियलिटी उपकरण के जरिये न सिर्फ ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कर सकेंगे बल्कि नागरिक समस्याओं के बारे में शिकायतें भी दर्ज कर उनका समाधान करा सकेंगे। मेटावर्स की इस महत्वकांक्षी योजना पर 33 लाख डालर खर्च किये जायेंगे।

सीओल की स्थानीय सरकार वर्ष 2022 के अंत तक अपना खुद का मेटावर्स प्लेटफार्म डेवलप कर लेगी जो 2026 तक पूरी तरह कार्य करने लगेगा। इसके तहत तमाम तरह की सार्वजानिक सेवाएँ मेटावर्स पर उपलब्ध हो जायेंगी जिन्हें लोग वर्चुअल उपकरण यानी हेडसेट धारण करके इस्तेमाल कर सकेंगे।

सीओल का मेटावर्स प्लेटफार्म इस साल दिसंबर में ठीक मध्य रात्रि को नए साल की वर्चुअल घोषणा के साल शुरू हो जाएगा। वर्ष 2023 में सीओल में मेटावर्स के 123 केंद्र खोलने की योजना है। ये सार्वजानिक सेवाओं के वर्चुअल केंद्र होंगे जहाँ लोग नगर निगम संबंधी अपनी समस्याएं दर्ज करा सकेंगे और उनका समाधान भी वहीं पर हो जाएगा। अभी तक ऐसे कामों के लिए शरह के दफ्तर में जाना पड़ता है।

मेयर ऑह से हून (पाइल फोटो- सोशल मीडिया)

अभी ये स्पष्ट नहीं है कि मेटावर्स प्लेटफार्म इस्तेमाल करने के लिए लोगों को कौन सा उपकरण इस्तेमाल करना होगा। हालाँकि अधिकारियों का कहना है कि उनका लक्ष्य मेटावर्स में सार्वजनिक शहरी सेवाओं को सभी लोगों के लिए सुलभ कराना है लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि मेटावर्स के लिए विशेष उपकरणों की जरूरत होगी और बहुत से लोगों को इसमें दिक्कत हो सकती है।मेटावर्स रियलिटी हेडसेट 300 से 600 डालर के बीच मिलते हैं जो आम जन के लिए एक अच्छी खासी रकम है।

दरअसल, सीओल के मेयर ने राजधानी के लिए दस वर्षीय योजना बनाई है जिसका लक्ष्य नागरिकों के लिए सोशल मोबिलिटी बढ़ाना और सीओल को ग्लोबल प्रतिस्पर्धा में ऊंचा उठाना है। और इसकी योजना में मेटावर्स भी शामिल है। साउथ कोरिया की केंद्रीय सरकार ने भी देश में स्वास्थ्य सेवाओं, केंद्रीय संसाधनों और अर्थव्यवस्था को और उन्नत करने के लिए डिजिटल समाधानों को लागू करने की योजना बनाई है जिसमें आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा।

मेटावर्स के भविष्य को फिलहाल कम्पनियाँ ही आकार दे रही हैं। माइक्रोसॉफ्ट, मेटा (फेसबुक) (meta facebook) और नाइके इस क्रम में आगे हैं। साउथ कोरिया उन चुनिन्दा सरकारों में शामिल है जो सार्वजानिक वर्चुअल जगत बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मेटावर्स में अपार संभावनाएं तो हैं लेकिन ये प्लेटफार्म और उस तक जाने के लिए उपकरण सर्वसुलभ हों तभी इसका पूरा फायदा मिल सकता है।



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Chitra Singh

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