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America News: अमेरिका में बसता है एक मिनी अरब

America News: अमेरिका और अरब देशों के ताल्लुकात भले ही चाहे जैसे हों लेकिन अमेरिका में भी एक मिनी अरब है। जानिए कैसे।

Neel Mani Lal
Published on: 7 Nov 2024 1:19 PM IST
America News
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America News (social media) 

America News: अमेरिका और अरब देशों के ताल्लुकात भले ही चाहे जैसे हों लेकिन अमेरिका में भी एक मिनी अरब है और वहां के बाशिंदे देश के चुनाव में महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इसबार भी ऐसा ही हुआ है। अमेरिका का ये मिनी अरब है मिशिगन प्रान्त। दरअसल, अमेरिका में सबसे बड़े और सबसे विविध अरब अमेरिकी समुदायों में से एक है मिशिगन जो उन कुछ राज्यों में से एक है जो आधिकारिक तौर पर अरब अमेरिकियों को एक जातीय और वंचित समूह के रूप में मान्यता देता है।

कैसे मिशिगन में आए अरब लोग

मिशिगन में अरब लोगों की कहानी 20वीं सदी की शुरुआत में शुरू होती है, जिसे हेनरी फोर्ड ने आकार दिया। 1920 के दशक से पहले यहाँ का वह इलाका जो आज का डेट्रायट है वह एक शांत ग्रामीण क्षेत्र था। यहाँ के हालात तब बदल गए जब हेनरी फोर्ड अपनी नई फोर्ड मोटर कंपनी के लिए मजदूरों की तलाश कर रहे थे, तभी उनकी निगाह मिडिल ईस्ट से आये इमिग्रेंट्स पर पड़ी। हुआ ये था कि जब फोर्ड के ‘मॉडल टी’ ने ऑटोमोबाइल उद्योग में तहलका मचा दिया तो फोर्ड के कारखानों ने दुनिया भर से मजदूरों को आकर्षित किया। उस समय फोर्ड 5 डालर प्रतिदिन का शानदार वेतन देते थे सो बेहतर जीवन की तलाश करने वाले मजदूरों का पसंदीदा डेस्टिनेशन फोर्ड कारखाना बन गया। चूँकि हेनरी फोर्ड को मिडिल ईस्ट से आये इमिग्रेंट्स पसंद आ गए थे सो इन लोगों की अच्छी खासी संख्या फोर्ड कारखाने से जुड़ गयी और यहीं से मिशिगन के डियरबॉर्न में अरब-अमेरिकन समुदाय का विकास हुआ।


डियरबॉर्न कभी एक छोटा उपनगरीय इलाका था लेकिन जल्द ही यह अरब-अमेरिकन मजदूरों की रिहायश बन गया। और समय के साथ साथ ये अमेरिका में अरब लोगों की सबसे बड़ी कम्युनिटी में तब्दील हो गया। 2020 की जनगणना के अनुसार, डियरबॉर्न की 54 प्रतिशत से अधिक आबादी मिडिल ईस्ट या उत्तरी अफ्रीकी वंश वाली है जिसके चलते यह अमेरिका में अरब अमेरिकियों का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है।

अरब अमेरिकियों का इतिहास

1870 के दशक की शुरुआत में मिशिगन के डेट्रायट क्षेत्र में पहले अरब लोग लेबनानी थे। उनमें से ज़्यादातर ईसाई थे, जबकि कुछ अप्रवासी सुन्नी और शिया मुसलमान थे। ये लोग आमतौर पर फेरीवाले और दुकानदार के रूप में काम करते थे। 1916 तक हेनरी फ़ोर्ड की फ़ैक्टरियों में 555 सीरियाई कर्मचारी थे। 1930 में डेट्रायट के निवासियों में 9,000 अरबी-भाषी थे। उनमें से 6,000 सीरियाई थे। बाकी में असीरियन, यमनी और फ़िलिस्तीनी शामिल थे। यहाँ इराक से इमिग्रेशन 20वीं सदी की शुरुआत में शुरू हुआ, और इनका चरम आप्रवास 1927 से 1950 तक हुआ। 1951 के आसपास डेट्रायट में लगभग 50,000 लोग थे जो लेबनान और सीरिया से आए थे। 1970 के दशक में ऑटोमोबाइल उद्योग में गिरावट के बाद भी अरब अप्रवासी डेट्रोइट की तरफ रुख करते रहे।


1975-1990 के लेबनानी गृहयुद्ध के परिणामस्वरूप डेट्रोइट में आप्रवासन की लहर आई। 1991 के खाड़ी युद्ध और 2003 के इराक युद्ध के बाद कई इराकी डेट्रोइट में आकर बस गए। 2001 से 2011 तक अमेरिकी अरब चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों की संख्या 300 से बढ़कर 1500 हो गई। अनुमान लगाया गया था कि 1990 में अरब वंश वाले 850,000 लोग (कुल जनसंख्या का 0.35 प्रतिशत) अमेरिका में रहते थे। 2004 में, 1.2 मिलियन (कुल जनसंख्या का 0.42 प्रतिशत) थे। 2006-2010 के अनुमानों से पता चलता है कि अरब वंश वाले अनुमानित 1.5 मिलियन लोग (कुल जनसंख्या का 0.5 प्रतिशत) अमेरिका में रह रहे थे, जो 1990 के बाद से 76.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वर्तमान में, सबसे बड़ी अरब आबादी वाले दस राज्य हैं - कैलिफ़ोर्निया, मिशिगन, न्यूयॉर्क, फ्लोरिडा, टेक्सास, न्यू जर्सी, इलिनोइस, ओहियो, मैसाचुसेट्स और पेंसिल्वेनिया। ये आबादी आम तौर पर महानगरीय क्षेत्रों में केंद्रित है।



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Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

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