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ब्रिटेन के प्रधानमत्री थेरेसा का कड़ा रुख, निकाले 23 रूसी राजनयिक

raghvendra
Published on: 16 March 2018 9:36 AM GMT
ब्रिटेन के प्रधानमत्री थेरेसा का कड़ा रुख, निकाले 23 रूसी राजनयिक
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लंदन। ब्रिटेन की जमीन पर ‘नर्व एजेंट’ यानी स्नायु तंत्र को नष्ट करने वाले हमले के बाद प्रधानमत्री थेरेसा मे ने रूस के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने 23 रूसी राजनयिकों को देश से निष्कासित करने का आदेश दिया है। इन राजनयिकों को ब्रिटेन छोडऩे के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। रूसी जासूस को जहर देने के मामले में रूस के स्पष्टीकरण से इनकार करने के बाद ब्रिटेन ने यह कड़ा कदम उठाया है।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन में नर्व एजेंट का इस्तेमाल पहली बार हुआ है। मे ने 23 रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने के साथ यह धमकी भी दी कि यदि ब्रिटेन के हितों को खतरा पहुंचाने की कोशिश की गयी तो रूसी संपत्तियों को भी जब्त कर लिया जाएगा। इसे पिछले 30 वर्षों सबसे बड़ा राजनयिक निष्कासन बताया जा रहा है।

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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले दक्षिणी इंग्लैंड में रूस के एक पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपाल और उनकी बेटी यूलिया पर नर्व एजेंट से हमला किया गया था। 66 साल के रिटायर्ड सैन्य खुफिया अधिकारी स्क्रिपाल व 33 वर्षीय यूलिया सेलिस्बरी सिटी सेंटर में एक बेंच पर बेहोशी की हालत में मिले।

अस्पताल में दोनों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। मे ने इस वर्ष जून में होने वाले फीफा फुटबॉल विश्वकप के लिए रूसी विदेश मंत्री के निमंत्रण को भी ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि रूस में होने वाले फुटबॉल विश्वकप में शाही परिवार हिस्सा नहीं लेगा।

अमेरिका ने दिखाई ब्रिटेन से एकजुटता: इस बीच संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने ब्रिटेन के साथ एकजुटता दिखाते हुए चेतावनी दी है कि यदि सख्त कदम नहीं उठाए गए तो रूस न्यूयॉर्क पर या संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के शहरों पर रासायनिक हमला कर सकता है। सीएनएन के मुताबिक हेली ने कहा कि ट्रंप प्रशासन रूस के पूर्व जासूस एवं उनकी बेटी पर हुए नर्व एजेंट हमले के बाद ब्रिटेन के साथ खड़ा है।

हेली ने कहा कि अमेरिका ब्रिटेन के उस आकलन से सहमत है कि पूर्व जासूस को जहर देने के पीछे रूस का हाथ है। हेली ने इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सख्त कदम उठाए जाने की मांग की। हेली ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कहा कि अमेरिका को पक्का विश्वास है कि हमले में रूस का हाथ है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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