Russia Ukraine War: रूसी विदेश मंत्री का बड़ा बयान, युद्ध खत्म करने के लिए मास्को बातचीत को तैयार

रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि युद्ध खत्म करने के लिए मास्को बातचीत के लिए तैयार है। अपने से कहीं अधिक ताकतवर सेना से जंग लड़ रही यूक्रेनी सेना ने रूस को उम्मीद से कहीं अधिक टक्कर दी है।

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Report Krishna ChaudharyPublished By Divyanshu Rao
Published on: 3 March 2022 5:27 PM IST
Russia Ukraine War
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 रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (फोटो:सोशल मीडिया)

Russia-Ukraine War: मास्को रूस और यूक्रेन के बीच भीषण सैन्य संघर्ष जारी है। लगातार आठ दिनों से चल रहे इस जंग ने जहां यूक्रेन में तबाही मचा दी है, तो वहीं रूस को भी जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ रहा है। बेलारूस में दूसरे दौर की शांति वार्ता शुरू होने के बीच रूस ने युध्द को समाप्त करने को लेकर बड़ा बयान दिया है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि मास्को यूक्रेन के साथ चल रहे जंग को बातचीत के जरिए खत्म करने के लिए तैयार है। लेकिन इस दौरान यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर रूसी हमले जारी रहेंगे।

रूस को बड़ी सैन्य क्षति पहुंचने का दावा

अपने से कहीं अधिक ताकतवर सेना से जंग लड़ रही यूक्रेनी सेना ने रूस को उम्मीद से कहीं अधिक टक्कर दी है। रूसी हमले से तबाह हुए यूक्रेन ने रूस को बड़ी सैन्य क्षति होने का दावा किया है। यूक्रेन के दावे के अनुसार, उसने अब तक रूस के 30 लड़ाकू विमान, 374 ऑटो मोबाइल्स टेक्निक्स, 42 MLRS, 900 AFV, 31 हेलीकॉप्टर, 90 आर्टिलेरियन सिस्टम, 2 कटर, 217 टैंक, 11 एंटीएयर डिफेंस और तीन यूएवी को नष्ट कर दिया है। इसके अलावा 90 हजार रूसी सैनिकों को भी मार गिराने का दावा किया है। इस बीच यूक्रेन ने आज एक और बड़ा दावा करते हुए कहा कि रूसी सेना में मेजर जनरल Andrei Sukhovetskiy भी इस संघर्ष में मारे जा चुके हैं।

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (फोटो:सोशल मीडिया)

बेलारूस में दूसरे दौर की वार्ता

यूक्रेन पर रूस द्वारा एकतरफा जंग छेड़ने के ऐलान के बाद लगातार रूस अलग – थलग पड़ता जा रहा है। भारी वैश्विक दवाब का सामना कर रहे राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन बातचीत के मेज पर आने के लिए राजी हुए। बीते सोमावार को बेलारूस में हुए पहले दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद दोनों देशों के नेता ने दोबारा मिलने पर सहमति जताई थी। आज शाम बेलारूस मे होने जा रहे दोनों पक्षों के बीच बैठक इसी का हिस्सा है।

दरअसल राष्ट्रपति पुतिन जिस तेजी से यूक्रेन पर कब्जे की सोच रहे थे, वो सफलता उन्हें हाथ नहीं लग पाई। उन्हें उम्मीद से कहीं ज्यादा यूक्रेनी प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि रूसी नेता यूक्रेन पर जारी भीषण हमले के साथ - साथ बातचीत के जरिए भी यूक्रेनी पक्ष को अपनी शर्तों पर झुकाने की कवायद कर रहे हैं।

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