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Most Costly Tea Video: सोने से अधिक मंहगी है इस चाय की चुस्की, देखें ये वीडियो
Most Costly Tea Video: भारत में चाय का शौक़ीन हर दूसरा व्यक्ति आपको मिल जाएगा। अभी तक हमें ऐसा लगता था कि दार्ज़लिंग और असाम की चाय मशहूर है पर इस चाय का स्वाद और दाम दोनों ही आपके होश उड़ा सकता है । इस चाय का नाम दा होंग पाओ है । इस चाय की एक किलोग्राम की क़ीमत 9 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
Most Costly Tea Video: भारत में चाय का शौक़ीन हर दूसरा व्यक्ति आपको मिल जाएगा ।यदि आप चाय लवर हैं, तो आप कभी भी चाय की चुसकियाँ लेना नहीं भूलते हैं ।चाय को एक पेय पदार्थ नहीं बल्कि एक बूस्टर माना जाता है ।चाय पीते ही शरीर फुर्तीला हो जाता है ।सर दर्द ठीक हो जाता है ।ऐसी मानसिकता हो या सच में औषधि गुण हो पर चाय को लोग इसी तरह से देखते हैं ।दुनियभर में भारत , चीन , जापान , तुर्की तक हर कोई चाय की चुस्की का शौक़ीन है। पर यदि चाय की चुसकियाँ आपको करोड़ों में मिलें तो ?
आप सोच रहे हैं ऐसा क्यों कहा जा रहा है ।तो उसकी वजह चाय की विशेष क़िस्म है।जिसकी वजह से आप इस चाय की चुसकियाँ शायद ही ले पाएँ।एक आम व्यक्ति इस चाय की क़िस्म को ख़रीद नहीं सकता है ।ना ही यह चाय हमारे चाय के बग़ानों में मिलती है ।अभी तक हमें ऐसा लगता था कि दार्ज़लिंग और असाम की चाय मशहूर है पर इस चाय का स्वाद और दाम दोनों ही आपके होश उड़ा सकता है ।
इस चाय का नाम
इस चाय का नाम दा होंग पाओ है । इस चाय की एक किलोग्राम की क़ीमत 9 करोड़ रुपये से ज्यादा है।आप सोच रहे होंगे कि इसमें आखिर ऐसा क्या है, जो इसे इतना महँगा बनाता है। दरअसल, दुनिया में इस वैरायटी के चाय के केवल छह पेड़ हैं। यह प्लांट चीन के फ़ुज़ियान प्रांत के वुई पर्वत में पाए जाते हैं।
इस चाय की नीलामी भी की जा चुकी है ।साल 2002 में एक नीलामी के दौरान इस चाय के केवल 20 ग्राम बेचे गए थे, यह 180,000 युआन या मौजूदा दरों के हिसाब से 23.16 लाख रुपये में बेची गई थी। और तो और ये चाय इतनी महँगी और दुर्लभ है कि इसे अपनी दुर्लभता के लिए एक राष्ट्रीय खजाना घोषित किया जा चुका है।
इस चाय में औषधीय गुण हैं। जिसकी वजह से मिंग डाइनेस्टी के एक सम्राट ने अपनी बीमार मां के इलाज के इस विशेष चाय को पाना चाहा था और इस चाय को पाने के लिए उन्होंने अपना क़ीमती कपड़ा दान कर दिया था । ये चाय पीने के बाद वह पूरी तरह से ठीक हो गईं थीं। इसके बाद राजा ने इसे पूरे राज्य में उगाने का आदेश दिया था।
इस चाय के किससे विदेशों तक भी है ।तभी तो यहाँ के चेयरमैन माओ ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को 1972 में चीन की आधिकारिक यात्रा पर 200 ग्राम चाय गिफ़्ट में भी दी थी।
चाय के पीछे एक दिलचस्प कहानी यह भी है ।कहा जाता है कि साल 1849 में, ब्रिटिश एक गुप्त मिशिन पर भारत गए ।जहां से उन्होंने ये बीज चुराए और यहीं से ये बीज भारत पहुंचे और तब से लेकर आज तक भारत और चाय के बीच इतना गहरा रिश्ता बन चुका है ।बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी कीमत सोने से 20 गुना अधिक है।
आप इस चाय को चीन के बाज़ारों में नहीं पा सकते हैं ।क्योंकी अब यह सरकारी ख़ज़ाना बन चुकी है ।यदि आप इस चाय को ख़रीदना चाहते हैं तो नीलामी के द्वारा आप चाय ले सकते हैं।कहते हैं जिन पेड़ों में यह चाय लगती है वह रेयर पेड़ होते हैं और उन्हें मदर्स ट्री भी कहते हैं।
ऐसी चाय जो बहुत महँगी या दुर्लभ हैं उन्हें खासतौर पर तैयार किए जाते हैं। इनकी खेती करने में काफी सावधानी बरती जाती है।