×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Woman Mountain Climber: 62 साल की उम्र में "माउंट के2" फतह कर बनाया विश्व रिकार्ड

Woman Mountain Climber: यानोव्सकिया ने कहा कि के2 की कठिन और दुर्गम चढ़ाई की चुनौतियों से वह रुकी नहीं और उनकी उम्र ही इसमें आड़े आई।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 29 Aug 2022 2:29 PM IST
Woman Mountain Climber:
X

Woman Mountain Climber: (photo: social media )

Woman Mountain Climber: 50 की उम्र में पर्वतारोहण सीखा और 62 की उम्र में दुनिया के दूसरे सबसे ऊँचे पर्वत शिखर को फतह कर लिया। ये कारनामा है कनाडा की एक महिला का। जो 62 साल की उम्र में दुनिया के दूसरे सबसे ऊंचे पर्वत पर चढ़ने वाली सबसे उम्रदराज महिला बन गई हैं। ओंटारियो की लिलिया इयानोव्सकिया, न केवल नेपाल में माउंट एवरेस्ट को सफलतापूर्वक फतह करने में सफल रहीं बल्कि कुछ ही हफ्तों बाद 8,000 मीटर से ऊपर वाले दो और पहाड़ों पर चढ़ गईं।माउंट एवरेस्ट 8,849 मीटर पर पृथ्वी पर सबसे ऊंचा पर्वत होने तो है जबकि दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी पाकिस्तान का "के2" पर्वत, हिमस्खलन, खड़ी चढ़ाई और अप्रत्याशित मौसम के कारण सबसे खतरनाक और कठिन ट्रेक में से एक के रूप में जाना जाता है। यानोव्सकिया ने कहा कि के2 की कठिन और दुर्गम चढ़ाई की चुनौतियों से वह रुकी नहीं और उनकी उम्र ही इसमें आड़े आई।

उन्होंने कहा -"मैं वास्तव में उम्र द्वारा थोपी गई कोई सीमा नहीं देखती, मैं मजबूत महसूस करती हूं ... और मैं बड़े सपने देखने में सक्षम हूं,और हाँ, शायद यह कभी-कभी बोल्ड होता है, लेकिन अब तक मैं इसे हासिल करने में सक्षम थी। मुझे लगता है कि उम्र कोई सीमा नहीं है, यह सिर्फ एक संख्या है।"

K2 पर चढ़ना अद्भुत

22 जुलाई को यानोव्सकिया ने उत्तरी पाकिस्तान में काराकोरम रेंज में 8,611 मीटर के पहाड़ के2 को फतह किया। यानोव्सकिया ने कहा, "K2 पर चढ़ना अद्भुत था। मैं हमेशा से पाकिस्तान जाना चाहती थी। वर्षों से मैं इसके बारे में सोच रही थी। मैंने ये सोचा कि यह बहुत कठिन है। यह बहुत खतरनाक है, बहुत जटिल है लेकिनसब कुछ संभव है।"

जर्मनी के शोधकर्ता एबरहार्ड जुर्गल्स्की और उनकी टीम के अनुसार, यानोव्सकिया के2 पर चढ़ने वाली सबसे उम्रदराज महिला और इस पहाड़ पर चढ़ने वाली पहली कनाडाई महिला हैं।

8 अगस्त को, यानोव्सकिया ने के2 के क्षेत्र में अपनी पांचवीं 8,000-मीटर से अधिक चोटी, गशेरब्रम-2 से निपटने के लिए आगे बढ़ीं और समुद्र तल से 8,035 मीटर ऊपर दुनिया के 13 वें सबसे ऊंचे पर्वत को फतह कर लिया।

अपनी तीन बेटियों में सबसे छोटी दाशा से प्रेरित इयानोव्सकिया ने अपने 50वें जन्मदिन पर एक साल के भीतर हासिल करने के लिए लक्ष्यों की एक सूची तैयार की थी। उसने न केवल मैराथन दौड़ने के अपने प्रारंभिक लक्ष्य को हासिल किया बल्कि छह सप्ताह की अवधि के भीतर तीन लंबी दौड़ लगा डालीं। उन्होंने 2009 में अपनी बेटी के साथ तंजानिया में 5,895 मीटर के निष्क्रिय ज्वालामुखी माउंट किलिमंजारो पर भी चढ़ाई की।

यानोव्सकिया ने कहा - यह सब कुछ की शुरुआत थी और उसके बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं निश्चित रूप से अपने आप को और अधिक कठिन बना सकती हूं।"



\
Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story