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खून का बदला खून! नसरल्लाह की मौत के बाद अब हिजबुल्लाह और ईरान का क्या होगा कदम
Israel-Hezbollah War: नसरल्लाह के मारे जाने के बाद ईरान,यमन सीरिया और हिजबुल्लाह के लड़ाके तिलमिलाए हुए हैं और इजरायल के खिलाफ बड़े हमले की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
Israel-Hezbollah War: हिजबुल्लाह के चीफ सैयद हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद संगठन ने इजरायल से बदला लेने की कसम खाई है। हालांकि इजरायल ने हाल के दिनों में लेबनान में किए गए हमलों के दौरान नसरल्लाह समेत हिजबुल्लाह के एक दर्जन से अधिक कमांडरों को ढेर कर दिया है। इजरायल ने संगठन के ढांचे को नष्ट करने के साथ ही उसके हथियारों को भी नष्ट कर दिया है। इसके बावजूद हिजबुल्लाह की ओर से जारी बयान में इजरायल के खिलाफ जंग जारी रखने का ऐलान किया गया है।
दूसरी ओर हिजबुल्लाह की मदद करने वाले ईरान ने भी इजरायल को कड़ी चेतावनी देते हुए हमलों का बदला लेने की बात कही है। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह जंग और तीखी हो सकती है। इजरायल भी इस बार आर-पार के मूड में दिख रहा है।
हिजबुल्लाह को अब तक की सबसे बड़ी चोट
हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह का मारा जाना संगठन के लिए अब तक की सबसे बड़ी चोट मानी जा रही है। नसरल्लाह ने लंबे समय से संगठन की कमान संभाल रखी थी और इजरायल के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन में उसकी मास्टरमाइंड की भूमिका मानी जाती रही है। इजरायल के हमले से बचने के लिए हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्लाह बंकर में रहा करता था और पिछले 18 वर्षों से उसने किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया। इसके बावजूद इजरायल ने सटीक सूचना मिलने के बाद उसे बंकर में ही ढेर कर दिया है।
इजरायल के खिलाफ बड़े हमले की रणनीति
नसरल्लाह के मारे जाने के बाद ईरान,यमन सीरिया और हिजबुल्लाह के लड़ाके तिलमिलाए हुए हैं और इजरायल के खिलाफ बड़े हमले की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। वैसे इजरायल की कड़ी चेतावनी के बाद अगली कार्रवाई को लेकर डर भी बना हुआ है। इसी कारण ईरान ने अपने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई को किसी सुरक्षित स्थान पर बंकर में छिपा दिया है। बताया जा रहा है कि इजरायल की ओर से हमले की आशंका के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
हिजबुल्लाह के लिए अब ‘करो या मरो’ की जंग
इजरायल की ओर से हाल के दिनों में की गई कार्रवाई पर नजर डाली जाए तो उसने हिज्बुल्लाह की कमर तोड़ने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। संगठन के ढांचे को तोड़ने के साथ ही एक दर्जन से अधिक शीर्ष कमांडरों को मारा जा चुका है। पेजर और वॉकी-टॉकी धमाके ने भी हिज्बुल्लाह को बड़ी चोट पहुंचाई है और उसके कई लड़ाके अपंगता के शिकार हो गए हैं।
इसके बावजूद मध्य पूर्व के सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हसन नसरुल्लाह के मारे जाने का बड़ा असर दिख सकता है। सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक अब संगठन के लिए ‘करो या मरो’ की लड़ाई के साथ अपना वजूद बचाने का संकट पैदा हो गया है। हिजबुल्लाह की ओर से नए प्रमुख का ऐलान जरूर कर दिया गया है मगर अब संगठन की सैन्य और राजनीतिक रणनीति में बदलाव दिखने की उम्मीद जताई जा रही है।
लड़ाकों ने खाई बदला लेने की कसम
हिज्बुल्लाह को नजदीक से जाने वाले लोगों का कहना है कि इजरायल का कट्टर विरोधी माने जाने वाला यह संगठन आसानी से हार मानने को तैयार नहीं होगा। हिज्बुल्लाह के लड़ाकों ने बदला लेने की कसम खाई है और इजरायल के खिलाफ नई जंग का ऐलान कर दिया है। संगठन के पास अनुभवी लड़ाकों की बड़ी फौज है और इसके दम पर वह जवाबी कार्रवाई कर सकता है।
इजरायल पर मिसाइल दागने की तैयारी
इसके साथ ही संगठन के पास लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों का जखीरा भी है। जानकारों का कहना है कि हिजबुल्लाह की ओर से जल्द ही इन मिसाइलों का उपयोग तेलअवीव और इजरायल के अन्य ठिकानों पर हमले में किया जा सकता है। हिज्बुल्लाह को इस बात का भी डर सता रहा है कि यदि उसने इन मिसाइलों का उपयोग नहीं किया तो इजरायल की सेना की ओर से इन्हें भी नष्ट किया जा सकता है। वैसे इन हमलों में यदि इजरायल के नागरिक मारे गए तो इजरायल बदला लेने के लिए फिर बड़ी कार्रवाई कर सकता है।
ईरान भी बदला लेने की फिराक में
नसरल्लाह के मारे जाने के बाद ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई की भी आशंका जताई जा रही है। नसरल्लाह की मौत पर ईरान ने पांच दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है और इजरायल को कड़े शब्दों में चेतावनी भी दी है। ईरान जुलाई महीने के दौरान तेहरान में इस्माइल हानिये की हत्या की घटना को भी नहीं भूला है। ईरान अभी तक उस घटना का भी बदला नहीं ले सका है मगर माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वह भी कोई बड़ी कार्रवाई कर सकता है। मध्य पूर्व के सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हालात काफी गंभीर हो चुके हैं और यह जंग आने वाले दिनों में और खतरनाक रूप धारण कर सकती है।