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तालिबानियों में सत्ता संघर्ष, गोलीबारी में मुल्ला बारादर घायल , हालत गंभीर
शुक्रवार की देर शाम हुई गोलीबारी में मुल्ला बारादर गंभीर तौर पर घायल हो गया है।
नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) में नई सरकार का गठन करने के लिए तैयार तालिबान (Taliban) के अंदर ही सत्ता का संघर्ष तेज हो गया है। अनस हक्कानी और मुल्ला बारादर गुट में खूनी संघर्ष की खबर है। बताया जा रहा है कि काबुल (Kabul) में शुक्रवार की देर शाम हुई गोलीबारी में मुल्ला अब्दुल गनी बारादर गंभीर तौर पर घायल हो गया है। उसे इलाज के लिए पाकिस्तान ले जाया गया है।
पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) पर कब्जा करने के अभियान को लेकर तालिबान के अंदर अंतर विरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पंजशीर पर कब्जा करने में बीस साल पहले भी तालिबान नाकाम रहा है। दो दिन से जारी जंग में उसे अपने कई लड़ाकों को खोना पड़ा है। ऐसे में तालिबान का एक गुट अब चाहता है कि पंजशीर से समझौता कर लिया जाए और सरकार में उन्हें भी प्रतिनिधित्व दिया जाए। मिली जानकारी के अनुसार इसी बात पर अनस हक्कानी और मुल्ला बारादर गुट में बीती रात संघर्ष हो गया है। रात लगभग दस बजे काबुल में भयंकर फायरिंग की आवाज सुनी गई। पहले इस गोलीबारी के बारे में बताया गया कि तालिबान की ओर से यह फायरिंग पंजशीर में तालिबान की जीत की खुशी में की गई है लेकिन जब नार्दन एलायंस की ओर से इसका खंडन किया गया तो बताया गया कि तालिबान नेताओं ने उन लड़कों को चेतावनी दी है जो हवाई फायरिंग कर रहे हैं।
पंजशीर घाटी पहुंचे एक हजार तालिबानी मारे गए
दूसरी ओर नार्दन एलायंस की ओर से दावा किया गया है कि काबुल में बीती रात हुई गोलीबारी की वजह मुल्ला बारादर व अनस हक्कानी गुट में हुआ खूनी संघर्ष है। बीते 24 घंटे में पंजशीर घाटी पहुंचे एक हजार तालिबानी मारे गए हैं। बीते दो दिन के दौरान हजारों तालिबानी मारे गए और सैन्य —सामान भी पंजशीर घाटी में गवांना पड़ा है। मुल्ला बारादर इसके पक्ष में नहीं है। वह चाहता है कि पंजशीर के लड़ाकों से समझौता किया जाए। यह जंग अफगानिस्तान के हित में नहीं है। वह अफगानिस्तान की नई सरकार में पंजशीर को उसका हक देने के लिए तैयार है। मुल्ला बारादर ने पंजशीर से अपने लड़ाकों को वापस बुलाने की मंशा जताई और कहा कि वह इस जंग को यहीं रोकना चाहता है। उसके इस रुख का विरोध अनस हक्कानी गुट ने किया है। दोनों के बीच इस बात पर झगड़ा हुआ है। गोली चलने पर मुल्ला बारादर गंभीर तौर पर घायल हो गया है। उसे इलाज के लिए पाकिस्तान ले जाना पड़ा है। पंजशीर गुट का यह भी दावा है कि तालिबान के अंदर सत्ता संघर्ष तेज हो गया है। हक्कानी गुट की मंशा अफगानिस्तान सरकार पर कब्जा करने की है। इसी संघर्ष का नतीजा है कि दोनों गुटों में गोलीबारी हुई है।
पंजशीर घाटी पर कब्जा
गौरतलब है कि शुक्रवार की शाम तालिबान की ओर से यह दावा किया गया कि उनका पंजशीर घाटी पर कब्जा हो गया है। हजारों पंजशीर लड़ाके मारे गए हैं। तालिबानियों की ओर से एक वीडियो भी जारी किया गया जिसमें लगभग एक दर्जन पंजशीर लड़ाकों के शव दिखाई दे रहे हैं लेकिन अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति व पंजशीर घाटी के नेता अमरुल्लाह सालेह ने टवीट कर इसका खंडन किया है। उन्होंने कहा कि तालिबान की ओर से अफवाह फैलाई जा रही है जबकि हकीकत यह है कि घाटी में नार्दन रेजिस्टेंस फोर्स के लड़ाके तालिबानियों से लड़ रहे हैं। तालिबानियों को नुकसान भी पहुंचा है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई पाकिस्तान की ओर से पंजशीर पर थोपी गई है। पाकिस्तान ही तालिबान के पीछे है और वह अफगानिस्तान को अशांति के हवाले कर रहा है।