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Pakistan Elections: मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा लाहौर से चुनाव लड़ेगा
Pakistan Elections: तल्हा सईद भी नेशनल असेंबली के निर्वाचन क्षेत्र लाहौर से चुनाव लड़ेगा। जबकि पीएमएमएल के केंद्रीय अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधु का पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज सुप्रीमो और पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ सीधा मुकाबला होगा।
Pakistan Elections: 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और आतंकवादी हाफिज मुहम्मद सईद द्वारा समर्थित पार्टी पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) 8 फरवरी, 2024 को पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव में लड़ेगी। सईद ने कथित तौर पर प्रत्येक राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवार खड़े किए हैं। उसका बेटा तल्हा सईद भी नेशनल असेंबली के निर्वाचन क्षेत्र लाहौर से चुनाव लड़ेगा। जबकि पीएमएमएल के केंद्रीय अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधु का पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज सुप्रीमो और पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ सीधा मुकाबला होगा। पीएमएमएल का चुनाव चिन्ह 'कुर्सी' है।
अधिकांश सीटों पर प्रत्याशी
एक वीडियो संदेश में पीएमएमएल के अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधु ने कहा कि उनकी पार्टी अधिकांश राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा, "हम भ्रष्टाचार के लिए नहीं बल्कि लोगों की सेवा करने और पाकिस्तान को एक इस्लामिक कल्याणकारी राज्य बनाने के लिए सत्ता में आना चाहते हैं।" पीटीआई के मुताबिक, संपर्क करने पर सिंधु ने सईद के संगठन के साथ अपनी पार्टी के संबंध से इनकार किया। समाचार एजेंसी ने उनके हवाले से कहा, "पीएमएमएल को हाफिज सईद का कोई समर्थन नहीं है।"
जेल में बंद है हाफिज सईद
हाफिज सईद संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का संस्थापक है और कई आतंकी वित्तपोषण मामलों में दोषी पाए जाने के बाद 2019 से जेल में है। उसे 31 साल जेल की सज़ा सुनाई गई है। 2012 में अमेरिका ने सईद पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था। 2008 में पीएमएमएल ने प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (जेयूडी) के राजनीतिक चेहरे - मिल्ली मुस्लिम लीग के रूप में भाग लिया था। हालाँकि वह किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से कोई आशाजनक परिणाम दिखाने में विफल रही थी। पीएमएमएल का गठन एमएमएल पर प्रतिबंध के कारण हुआ था। सईद के नेतृत्व वाला जेयूडी लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है, जो 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है, जिसमें छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे।