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USA: अमेरिका से आया मुस्लिम जोड़ा हिंदू रीति-रिवाज से प्रभावित, त्रिलोचन महादेव मंदिर में रचाई शादी
USA: भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति दुनिया भर के लोगों का हमेशा से आकर्षण रहा है। इसकी नजीर अमेरिका से आए मुस्लिम जोड़े ने भी पेश की है। अमेरिका से आए मुस्लिम जोड़े ने जौनपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध त्रिलोचन महादेव मंदिर में अग्नि को साक्षी मानकर हिंदू रीति रिवाज से शादी की है।
USA: भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति दुनिया भर के लोगों का हमेशा से आकर्षण रहा है। इसकी नजीर अमेरिका से आए मुस्लिम जोड़े ने भी पेश की है। अमेरिका से आए मुस्लिम जोड़े ने जौनपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध त्रिलोचन महादेव मंदिर में अग्नि को साक्षी मानकर हिंदू रीति-रिवाज से शादी की। अमेरिका से भारत घूमने आए कियमाह दीन खलीफा और उनकी प्रेमिका केशा खलीफा ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सात फेरे लेने के बाद सिंदूरदान की रस्म अदा की।
विदेशी मुस्लिम जोड़े का कहना था कि वे मुस्लिम धर्म में जरूर पैदा हुए, लेकिन हम अपना विवाह अलग तरीके से करना चाहते थे। सनातन धर्म की परंपराओं से प्रभावित होने के बाद इस मुस्लिम जोड़े ने हिंदू रीति-रिवाज से सात फेरे लेने का फैसला किया था।
इसलिए किया मंदिर में विवाह का फैसला
त्रिलोचन महादेव मंदिर में कियमाह दीन खलीफा और केशा खलीफा के विवाह की रस्म करीब दो घंटे तक चली। कियमाह और उनकी प्रेमिका केशा दोनों एक-दूसरे को करीब 18 साल से जानते हैं। भारत दौरे पर पहुंचने के बाद उन्होंने काशी आने का फैसला किया था। यहां पर दोनों ने अपने टूरिस्ट गाइड राहुल दुबे से किसी ज्योतिषी से मिलवाने का आग्रह किया। राहुल ने उनकी मुलाकात गोविंद गुरु से करवाई तो उन्होंने कियमाह और केशा की कुंडली तैयार की।
इस जोड़ी ने पांच साल पहले भी काशी का दौरा किया था और सनातन धर्म की परंपराओं से प्रभावित हुए थे। इस बार भी इस जोड़े ने काशी में करीब 10 दिन बिताए और इस दौरान यहां की संस्कृति और हिंदू रीति-रिवाजों के बारे में जानकारी हासिल की। गोविंद गुरु ने बताया कि सनातन धर्म के विभिन्न पहलुओं की जानकारी पाकर यह मुस्लिम जोड़ा काफी प्रभावित हुआ और हिंदू रीति-रिवाज से शादी करने का फैसला किया।
मुस्लिम जोड़े का भारत कनेक्शन
अपने टूरिस्ट गाइड के साथ यह जोड़ा पहले विवाह करने के लिए कैथी पहुंचा था मगर कैथी में विवाह का आयोजन बंद होने के कारण दोनों ने जौनपुर में स्थित त्रिलोचन महादेव मंदिर जाने का फैसला किया। वहीं पर पूरे हिंदू रीति-रिवाज से दोनों का विवाह संपन्न हुआ। मुस्लिम जोड़े के मंदिर में इस विवाह को लेकर लोगों में भी काफी कौतूहल दिखा।
इस मुस्लिम जोड़े के भारत कनेक्शन का एक और कारण भी रहा है। दरअसल केशा की दादी का रिश्ता भारत से ही था और उन्होंने अमेरिका जाकर शादी कर ली थी। कियमाह और केशा पहले भी कई बार भारत आ चुके हैं। 2020 में कोरोना महामारी के कारण इधर वे काशी नहीं आ सके थे।
सात जन्मों का बंधन
कोरोना महामारी का कहर कमजोर पड़ने के बाद दोनों ने काशी आने का फैसला किया था। इस बार दोनों शादी करने का फैसला लेकर ही काशी पहुंचे थे। त्रिलोचन महादेव के दरबार में विवाह करने के बाद केशा ने अपने पति के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। विवाह के बाद यह जोड़ा तीन दिनों तक काशी में रुकने के बाद अमेरिका रवाना होगा।
विवाह के बाद दोनों का कहना था कि हिंदू धर्म में विवाह सात जन्मों का बंधन है और हम सात जन्मों तक एक-दूसरे के साथ रहना चाहते हैं। हिंदू धर्म और संस्कृति ने हमें काफी प्रभावित किया है और इसी कारण हमने हिंदू रीति-रिवाज से शादी करने का फैसला किया।