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मुस्लिमों की जासूसी करा रहा चीन,खाने और बेडरूम तक पर नजर

seema
Published on: 7 Dec 2018 3:40 PM IST
मुस्लिमों की जासूसी करा रहा चीन,खाने और बेडरूम तक पर नजर
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गरीबी से बचने के लिए कंबोडिया की महिलाएं करती हैं चीनी पुरूष से शादी

शिनजियांग का इलाका मुस्लिम बहुल है और ये लोग तुर्की भाषी उइगर समुदाय के हैं। ऐसी खबरें अक्सर आती रहती हैं कि चीन सरकार इस समुदाय के साथ भेदभाव बरत रही है। अब खबर है कि उइगर समुदाय के लोगों पर बहुत नजदीकी से निगाह रखने के लिए भावनात्मक हथकंडे तक अपनाने में नहीं हिचक रही है। यहां रह रही हलमुरात इदरीस के पास एक फोटोग्राफ है, जिसमें उसकी 39 साल की बहन के साथ एक उम्रदराज महिला भी खड़ी है, जिसे वो नहीं जानती कि वह कौन है। इस फोटोग्राफ में उसकी बहन ने नीचे की तरफ लिखा है, देखिए, मुझे एक चीनी हान मां मिल गई है। हान चीन का एक समुदाय है।

इदरीस फोटोग्राफ में दिख रही महिला पर शक जाहिर करती हुई कहतीं हैं कि यह बूढ़ी महिला कोई और नहीं बल्कि एक जासूस है, जिसे चीन सरकार ने भेजा है ताकि वह उसके परिवार में घुसकर जानकारियां हासिल कर सके। उसके जैसे कई और लोग चीनी सरकार ने इस समदुाय में भेज दिए हैं। इसकी पुष्टि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक समाचारपत्र से भी होती है। अखबार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सितम्बर के अंत तक 11 लाख सरकारी कर्मचारियों को अल्पसंख्यकों के शयनकक्षों, खाना खाने की जगहों और मुस्लिम पूजास्थलों में भेज दिया दिया गया है। शादी, शवयात्रा और अन्य निजी समझे जाने वाले मौकों पर भी ये चीनी जासूस मुस्तैद रहते हैं।

शिनजियांग को लेकर चीन की सरकार विशेष सतर्कता बरत रही है। यहां सड़कों के नाकों पर संगीनधारी तैनात हैं और उनके पास चेहरे की पहचान करने में सक्षम सीसीटीवी उपकरण हैं। उइगर समुदाय के लोगों का कहना है कि उन्हें अब अपने घरों के भीतर भी सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की तेज निगाहों के सामने ही रहना होगा।

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गर्भपात तक करा देता है चीनी प्रशासन

गुलनाज का कहना है कि चीन में एक बच्चे का नियम खत्म हो चुका है। इसके बावजूद चीनी प्रशासन उइगर समाज की किसी भी महिला का जब-तब गर्भपात करा देता है। गर्भपात के दौरान ही गुलनाज की एक पड़ोसन की जान भी चली गई थी। इसके बाद परिवार यूएई चला गया मगर चीन ने वहां भी पीछा नहीं छोड़ा। आखिरकार अब ये परिवार लंदन में रह रहा है। उइगर समाज के लोगों को आर्थिक मोर्चे पर कमजोर करने के लिए चीन चीनी भाषा न आने पर इस समाज के लोगों को नौकरी देने से मना कर रहा है। महिला ने उइगर मुसलमानों के घर के बाहर लग रहे क्यूआर कोड सिस्टम का भी जिक्र किया है। गुलनाज का कहना है कि वह ये लेख इसलिए लिख पा रही है क्योंकि फिलहाल उनका परिवार लंदन में है।

उइगर महिला ने खोली चीन की कलई

पिछले दिनों उइगर समुदाय की एक महिला ने चीन की दमनकारी कार्रवाई की कलई खोली थी। उइगर समाज की महिला ने खुलकर बताया कि चीन में उसके समाज के लोगों के साथ किस तरह अत्याचार किया जाता है। उइगर समाज की महिला गुलनाज ने इंडिपेंडेंट में एक लिखे एक लेख में कहा कि चीन उइगर समाज के लोगों से नफरत करता है। चीन की सरकार चाहती है कि उइगर उन्हीं के धर्म और संस्कृति को अपना लें। वे इस्लाम से पूरी तरह नफरत करते हैं। उइगर समुदाय के लोगों के अपनी सभ्यता-संस्कृति छोडऩे के लिए तैयार न होने पर उनके साथ अत्याचार किया जाता है।



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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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