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म्यांमार सेना ने भारत से मांगी मदद, इन 40 परिवारों पर खतरा, अलर्ट पर मिजोरम
पड़ोसी देश म्यांमार में एक दशक से भी ज्यादा वक़्त में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखा जा रहा है। कुछ दिन पहले ही यहा तख्तापलट कर दिया गया है।
गुवाहाटी: पड़ोसी देश म्यांमार में एक दशक से भी ज्यादा वक़्त में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखा जा रहा है। कुछ दिन पहले ही यहा तख्तापलट कर दिया गया है। इसे देखते हुए सशस्त्र उग्रवादी समूह चिन नेशनल आर्मी (सीएनए) ने भारत में अपने परिवारों के लिए शरण की गुहार लगाई है।
परिवारों के लिए शरण का अनुरोध
मिजोरम के चंफाई जिला उपायुक्त मारिया सीटी जुआली ने जानकारी दी है कि चिन नेशनल फ्रंट (सीएनएफ) की सशस्त्र इकाई सीएनए ने 40 परिवारों के लिए शरण का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा सीएनए ने फरकावन ग्राम परिषद के अध्यक्ष से इस बारे में बात की और उन्होंने चंफाई जिला प्रशासन को इस बारे में जानकारी दी है। जुआली ने आगे बताया कि उन्होंने शीर्ष अधिकारियों को मामले की सूचना दी है ।
बड़ी संख्या में शरणार्थियों के आने की आशंका
वही इस मामले पर अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने तख्तापलट के मद्देनजर म्यांमार से बड़ी संख्या में शरणार्थियों के आने की आशंका को लेकर एक अलर्ट जारी किया है। मिजोरम में म्यांमार से लगी 404 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा है। जुआली द्वारा मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में सभी गांवों को इलाके में म्यांमार के शरणार्थियों के दिखने पर जिला प्रशासन को सूचित करने का निर्देश दिया गया है।
हजारों की संख्या में रह रहे लोग
अधिकारियों ने आगे बताया कि 1980 के दशक में सैन्य जुंटा के कारण म्यांमार के चिन समुदाय के हजारों सदस्य मिजोरम आ गए थे। कई लोग पड़ोसी देश में लोकतंत्र बहाल होने पर लौट गए थे तो वही हजारों लोग अब भी राज्य में रह रहे हैं।
आपको बता दें, कि बीते दिनों म्यांमार में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई आंग सान सू ची की सरकार के खिलाफ तख्तापलट कर सेना ने कब्ज़ा कर लिया। जिसे नाराज़ होकर लोग बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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