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Myanmar में हवाई हमले शुरू, जारी ताबड़तोड़ गोलाबारी, अब यहां से हजारों ने किया पलायन

Myanmar: म्यांमार की सेना ने देश के पूर्व में विद्रोही बलों के खिलाफ हवाई और तोपखाने हमले शुरू किए हैं जिसके चलते हजारों लोग पलायन करने को मजबूर हुए हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 24 Feb 2022 2:47 PM GMT
airstrikes in myanmar
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म्यांमार में हवाई हमले (फोटो-सोशल मीडिया)

Myanmar: म्यांमार की सेना (Myanmar soldiers) ने देश के पूर्व में विद्रोही बलों के खिलाफ हवाई (airstrikes in myanmar) और तोपखाने हमले शुरू किए हैं जिसके चलते हजारों लोग पलायन करने को मजबूर हुए हैं। थाईलैंड की सीमा से लगे राज्य काया के नान मेई खोन गांव में लगातार बमबारी की गई है। म्यांमार के सैनिकों (Myanmar soldiers) को मिलिशिया समूहों में से एक, करेन्नी नेशनल डिफेंस फोर्स(Karen National Defence Force) (kndf) के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है। ये ग्रुप म्यांमार के सैन्य शासन (Myanmar militia groups) को चुनौती दे रहा है।

इलाके में काम करने वाले 'फ्री बर्मा रेंजर्स' नामक एक नागरिक राहत संगठन ने गांव के घरों में आग लगने की फुटेज साझा की है। इस फुटेज में तोपखाने के फटने की आवाज भी आई थी। संगठन के संस्थापक डेविड यूबैंक ने एक मैसेज में कहा - आज 24 फरवरी 2022 को फिर से बमबारी हुई है। इस क्षेत्र में मोर्टार हमले किये जा रहे हैं और पैदल सेना की कारवाई भी जारी है। हजारों लोग क्षेत्र से भाग गए हैं।

कईयों के जख्मी होने की खबर

यूबैंक ने कहा कि दो लोग मारे गए और तीन घायल हुए हैं। दूसरी तरफ म्यांमार नाउ समाचार साइट ने बताया कि एक जेट द्वारा हमला (airstrikes in myanmar)किया गया। जिसमें एक अन्य गांव में तीन लोग मारे गए।

सेना ने 2011 तक पांच दशकों तक म्यांमार (Myanmar) पर शासन किया, लेकिन इस बार सत्ता को मजबूत करने के लिए संघर्ष कर रही है क्योंकि इसे शहरों में विरोध, कई मोर्चों पर सशस्त्र संघर्ष और पिछले साल लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने वाले जनरलों को अलग करने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है।

संयुक्त राष्ट्र मानवीय एजेंसी के अनुसार, काया राज्य में लड़ाई से कम से कम 90,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं। अनुमान है कि तख्तापलट के बाद से म्यांमार में 441,000 लोग अशांति से भाग गए हैं।

मानवाधिकार समूहों ने सेना पर नागरिक क्षेत्रों में आय से अधिक बल प्रयोग करने का आरोप लगाया है। सेना का कहना है कि वह "आतंकवादियों" से लड़ रही है। एक बचावकर्मी ने बताया है कि भारी बमबारी के कारण नागरिकों को राहत शिविरों में ले जाने के प्रयासों में दिक्कतें आ रही हैं। बचावकर्मी ने कहा कि हजारों लोग फंसे हुए हैं। हम उन्हें अभी तक इलाके से बाहर नहीं निकाल पाए। हवाई, जमीन और भारी हथियारों से भी लोगों पर हमला किया जा रहा है।

Vidushi Mishra

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