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NASA Artemis 1 Moon Mission: "आर्टेमिस" के लांच के लिए नासा तैयार

NASA Artemis 1 Moon Mission: अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर की टीमें नासा के विशाल, अगली पीढ़ी के चंद्रमा रॉकेट को अपनी पहली उड़ान में लॉन्च करने की दूसरी कोशिश के लिए तैयार हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 3 Sep 2022 10:54 AM GMT
NASA ready for launch of Artemis
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"आर्टेमिस" के लांच के लिए नासा तैयार: Photo- Social Media

NASA Artemis 1 Moon Mission: अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर की टीमें नासा के विशाल, अगली पीढ़ी के चंद्रमा रॉकेट को अपनी पहली उड़ान में लॉन्च करने की दूसरी कोशिश के लिए तैयार हैं। ये प्रक्षेपण लोकल समयानुसार दोपहर 2 बज कर 17 मिनट पर किया जाएगा। नासा को उम्मीद है कि इस बार की कोशिश कामयाब होगी। पांच दिन पहले प्रक्षेपण को इंजीनियरिंग की समस्याओं के चलते स्थगित कर दिया गया था। आर्टेमिस-1 (Artemis-1) की उड़ान मानवरहित होगी।

32 मंजिला लंबा स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस) रॉकेट और उसका ओरियन कैप्सूल भारतीय समयानुसार रात डेढ़ बजे केप कैनावेरल, फ्लोरिडा से उड़ान भरेगा। पिछले अपोलो चंद्र मिशन के 50 साल बाद नासा का महत्वाकांक्षी "चंद्रमा से मंगल" कार्यक्रम आर्टेमिस की उड़ान के साथ शुरू हो रहा है।

लांच की पिछली उल्टी गिनती बीते सोमवार को तकनीकी समस्याओं के कारण स्थगित कर दी गई थी। परीक्षण से संकेत मिलता है कि तकनीशियनों ने ईंधन लाइन को अब दुरुस्त कर दिया है जिसमें पहले खराबी देखी गई थी।

प्रक्षेपण में मौसम का बहुत महत्त्व होता है

आर्टेमिस मिशन मैनेजर माइक सराफिन ने कहा है कि रॉकेट के दो अन्य प्रमुख मुद्दे - दोषपूर्ण इंजन तापमान सेंसर और इन्सुलेशन फोम में कुछ दरारें - हल हो गई हैं। प्रक्षेपण में मौसम का बहुत महत्त्व होता है। केप कैनावेरल में यू.एस. स्पेस फोर्स के अनुसार, नवीनतम पूर्वानुमान ने शनिवार की दो घंटे की लॉन्च विंडो के दौरान 70 फीसदी अनुकूल परिस्थितियों की 70 संभावना काअनुमान व्यक्त किया है। किसी कारणवश यदि उलटी गिनती फिर से रोक दी गई तो नासा सोमवार या मंगलवार के लिए एक और लॉन्च प्रयास कर सकता है।

नासा के अनुबंधों के तहत आर्टेमिस - 1 मिशन का एसएलएस राकेट बोइंग कंपनी और ओरियन कैप्सूल लॉकहीड मार्टिन कॉर्प द्वारा बनाया गया है। यह नासा के अपोलो मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम के लिए दिशा में एक बड़े बदलाव का संकेत है। ये मिशन दशकों बाद अंतरिक्ष शटल और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के साथ पृथ्वी की निचली कक्षा पर केंद्रित है।

अंतरिक्ष यान अपोलो (space shuttle apollo)

आर्टेमिस का लक्ष्य अंतरिक्ष यात्रियों को 2025 की शुरुआत में चंद्रमा की सतह पर लाना है। 1969 से 1972 तक छह अपोलो मिशनों के दौरान बारह अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर उतर चुके हैं। चंद्रमा की सतह पर मनुष्यों को पहुंचाने वाला अभी तक एकमात्र अंतरिक्ष यान अपोलो ही रहा है।

नए चंद्रमा कार्यक्रम में स्पेसएक्स जैसे कामर्शियल भागीदारों तथा यूरोप, कनाडा और जापान की अंतरिक्ष एजेंसियों को अंततः मंगल तक की मानव यात्राओं के लिए एक कदम के रूप में सूचीबद्ध किया है। एसएलएस-ओरियन अंतरिक्ष यान को जमीन से प्रक्षेपित करना एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। इसकी पहली यात्रा का उद्देश्य 5.75 मिलियन पाउंड के वाहन को एक कठोर परीक्षण उड़ान में अपनी अनोखी डिजाइन के जरिये खुद को उपयुक्त अंतरिक्ष यान साबित करना है।

यदि मिशन सफल होता है, तो चंद्रमा तक जाने - आने के लिए आर्टेमिस - 2 उड़ान 2024 की शुरुआत में जा सकती है। इसके बाद 2026 तक आर्टेमिस-3 यात्रियों को चंद्रमा की सैर करा सकता है।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

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