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Trekking Rules in Nepal: नेपाल में ट्रेकिंग करने के लिए अब गाइड साथ लेना जरूरी
Trekking Rule In Nepal: नेपाल में अब सोलो यानी अकेले ट्रेकिंग करने के लिए एक लोकल गाइड को साथ ले जाना अनिवार्य बना दिया गया है। ये अनिवार्यता पहली अप्रैल 2023 से लागू हो जाएगी।
Trekking Rule In Nepal: नेपाल में अब सोलो यानी अकेले ट्रेकिंग करने के लिए एक लोकल गाइड को साथ ले जाना अनिवार्य बना दिया गया है। ये अनिवार्यता पहली अप्रैल 2023 से लागू हो जाएगी। नेपाल टूरिज्म बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नेपाल में बिना गाइड की मदद के सोलो या स्वतंत्र विदेशी ट्रेकर्स को अनुमति नहीं दी जाएगी।
सुरक्षा का मुद्दा
पर्यटन बोर्ड के प्रवक्ता मणि राज लामिचाने ने कहा कि इस तरह के ट्रेकर्स की सुरक्षा को देखते हुए निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि "हमें सालाना ट्रेकर्स के 40 से 50 मामले मिलते हैं जो संपर्क से बाहर हो जाते हैं। इससे दुनिया को ये संदेश गया है कि नेपाल एक सुरक्षित गंतव्य नहीं है। इसलिए हमने इस निर्णय के साथ नेपाल में एक संगठित ट्रेकिंग को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इस फैसले के पीछे एक और कारण देश में अधिक रोजगार के अवसर पैदा करना है।
एकल ट्रेकर्स
एकल और स्वतंत्र ट्रेकर्स वे हैं जो अपनी यात्राओं की योजना बनाते हैं और ट्रेकिंग एजेंसियों से सहायता के बिना अकेले यात्रा करना पसंद करते हैं। उन्हें बजट यात्री माना जाता है। खासकर विदेशी बैकपैकर्स अकेले ही ट्रेक किया करते हैं। 46,000 से अधिक एकल विदेशी ट्रेकर्स को कोरोना महामारी से पहले 2019 में पर्यटन बोर्ड से अनुमति मिली थी। 2022 में यह आंकड़ा 19,415 था।
एसोसिएशन की पैरवी
नेपाल के ट्रेकिंग एजेंसियों का एसोसिएशन 2012 से वन-ट्रेकर वन-गाइड सिस्टम की पैरवी कर रहा है। इसका मकसद स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।
परमिट लेना जरूरी
नेपाल में ट्रेकर्स को फीस देकर परमिट लेना पड़ता है। उनको ट्रेकर्स इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (टीम्स) कार्ड भी लेना होता है। ये कार्ड एक बुनियादी ट्रेकिंग परमिट है जो एडवेंचर टूरिज्म वाले विदेशी पर्यटकों द्वारा लेना आवश्यक है। लेकिन नए निर्णयों के तहत एक गाइड के बिना परमिट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बोर्ड ने टीम्स परमिट की कीमत भी बढ़ा दी है।
इससे पहले, बड़े समूहों में यात्रा करने वाले लोगों ने कार्ड के लिए 1,000 रुपये तथा अकेले यात्रा करने वालों को 2,000 रुपये का भुगतान करना पड़ता था। अब प्रति व्यक्ति 2000 रुपये देने होंगे। सार्क देशों के लोगों के लिए परमिट भी बढ़कर 1,000 रुपये का हो गया है। ट्रेकिंग गाइड की कोई फिक्स फीस नहीं होती है लेकिन औसतन प्रति दिन 25 से 50 डॉलर की फ़ीस पड़ जाती है।