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Nepal Protest: नेपाल में राजशाही की बहाली की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन, राजधानी काठमांडू में लगा कर्फ्यू
Nepal Protest: यह झड़प तब उत्पन्न हुई जब प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की और पुलिस पर पत्थर फेंके। इसके जवाब में पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान, प्रदर्शनकारियों ने एक व्यावसायिक परिसर, शॉपिंग मॉल, एक राजनीतिक दल के मुख्यालय और एक मीडिया हाउस की इमारतों में आग लगा दी।
Nepal Protest: नेपाल की राजधानी काठमांडू में शुक्रवार को राजशाही की बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के टिंकुने इलाके में एक इमारत को आग के हवाले कर दिया और कई स्थानों पर तोड़फोड़ की। यह घटनाएं सरकार के खिलाफ बढ़ती नाराजगी और राजशाही समर्थकों के आक्रोश को दर्शाती हैं, जिससे नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल और गहरा गया है। इसके साथ ही, यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या नेपाल भी बांग्लादेश की तरह एक बड़े राजनीतिक संकट की ओर बढ़ रहा है।
वहीं, काठमांडू में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के चलते त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल को सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप, यहां से उड़ान भरने और लैंडिंग करने वाली सभी उड़ानों को रोक दिया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने शुरुआत में शांतिपूर्ण मार्च निकाला, लेकिन जैसे ही उन्होंने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, स्थिति बेकाबू हो गई। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इस हिंसा में कई लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार जानबूझकर उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
प्रदर्शन का नेतृत्व
इस प्रदर्शन का नेतृत्व नवराज सुवेदी की अगुवाई वाली संयुक्त आंदोलन समिति ने किया था, जिसमें विवादित कारोबारी दुर्गा प्रसाई के समर्थक भी शामिल थे। इसके अलावा, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (जो राष्ट्रवादी राजशाही समर्थक दल है) के प्रमुख राजेंद्र लिंगदेन ने भी इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया। इन समूहों का कहना है कि नेपाल में संवैधानिक राजशाही और हिंदू राष्ट्र की बहाली ही देश की समस्याओं का समाधान है।
राजशाही की बहाली की बढ़ती मांग
नेपाल 2008 तक एक संवैधानिक राजशाही था, लेकिन माओवादी आंदोलन और लोकतांत्रिक बदलावों के कारण इसे एक धर्मनिरपेक्ष गणराज्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद से कई समूह फिर से राजशाही और हिंदू राष्ट्र की बहाली की मांग कर रहे हैं। महंगाई, भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता के कारण जनता का एक वर्ग वर्तमान व्यवस्था से असंतुष्ट है और इसका विरोध कर रहा है।
क्या नेपाल में तख्तापलट संभव है
नेपाल में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों को कई विशेषज्ञ बांग्लादेश में हुए राजनीतिक संकट से जोड़कर देख रहे हैं, जहां सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे और कई जानें भी गई थीं। हालांकि, नेपाल की स्थिति फिलहाल उतनी गंभीर नहीं है, लेकिन अगर हिंसा और असंतोष बढ़ता है, तो देश में राजनीतिक अस्थिरता गहरी हो सकती है।
सरकार का रुख
नेपाल सरकार ने इन प्रदर्शनों को असंवैधानिक करार देते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है और हिंसा फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। वहीं, प्रदर्शनकारी सरकार पर दमनकारी नीतियां अपनाने का आरोप लगा रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में नेपाल की राजनीति किस दिशा में जाती है।
विमान डायवर्जन और उड़ानों पर प्रतिबंध
विरोध प्रदर्शनों के कारण कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को काठमांडू में लैंडिंग की अनुमति नहीं दी गई है। इनमें एयर एशिया की बैंकॉक से, बांगलादेश एयरलाइंस की ढाका से, फ्लाई दुबई की दुबई से और कोरियन एयर की सियोल से आने वाली उड़ानें शामिल हैं। इन उड़ानों को भारत में इमरजेंसी लैंडिंग करने का निर्देश दिया गया है।
इसी तरह, काठमांडू से उड़ान भरने वाली दोहा जाने वाली कतर एयरवेज, दुबई जाने वाली फ्लाई दुबई और क्वालालंपुर जाने वाली बाटिक एयर की उड़ानों को भी रोका गया है।
गृह मंत्रालय में आपातकालीन बैठक
नेपाल में जारी राजनीतिक अशांति के बीच गृह मंत्रालय ने सुरक्षा प्रमुखों की एक आपात बैठक बुलाई है। गृहमंत्री रमेश लेखक की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में नेपाल पुलिस के आईजी दीपक थापा, सशस्त्र प्रहरी बल के आईजी राजू अर्याल, नेपाली सेना के प्रधान सेनापति अशोक राज सिग्देल और खुफिया विभाग के प्रमुख हुतराज थापा भी उपस्थित थे। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक के बाद गृहमंत्री रमेश लेखक पत्रकारों से बात करेंगे और संभावित रूप से आज की घटनाओं के लिए पूर्व राजा को जिम्मेदार ठहराने की बात कर सकते हैं।
PM ओली ने बुलाई आपात बैठक
नेपाल में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई है। यह बैठक प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर शाम 7 बजे हुई, जिसमें देश की मौजूदा स्थिति और सुरक्षा उपायों पर चर्चा की गई।