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New York Climate Change: जलवायु परिवर्तन से न्यूयॉर्क की इमारतों पर पड़ा रहा बुरा असर, बिल्डिंग हो रही खराब
New York Climate Change: जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग सी न्यू यॉर्क की इमारतों का हो रहा है बुरा हाल। नए नियमों के अनुसार करें उनका पालन अथवा जुर्माना देने के लिए नहीं तैयार।
New York Climate Change: ग्लोबल वॉर्मिंग का पूरी पृथ्वी पर बुरा असर पड़ रहा है। बाहर से भले ही न्यूयॉर्क में बिल्डिंग बड़ी और सुंदर दिखती लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण इन इमारतों का हो रहा है बुरा हाल।
जलवायु परिवर्तन- गैस को वायुमंडल में रोकने पर है ज़ोर
न्यूयॉर्क के भवन विभाग के अनुसार “न्यूयॉर्क की इमारतों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत लगभग दो तिहाई है। लक्ष्य उस जलवायु-वार्मिंग गैस को वायुमंडल में प्रवेश करने से रोकना है और ऐसे में शहर में गगनचुंबी इमारतों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने की सख्त जरूरत है।”
अन्य राज्यों की तुलना में अधिक वायु प्रदूषण का उत्सर्जन करती हैं ये इमारतें
न्यूयॉर्क की इमारत में किसी अन्य राज्य की तुलना में अधिक वायु प्रदूषण का उत्सर्जन करती है। बिल्डिंग मालिक को या तो कटौती करनी चाहिए या अगले वर्ष से नए कानून के तहत जुर्माना भरने के लिए तैयार रहें। शहर के आधे से अधिक भवनों की लगभग 50,000 संरचनाएं स्थानीय कानून के अधीन हैं। अन्य शहरों जैसे बोस्टन और डेनवर ने भी इसी तरह के नियमों का पालन किया है।
कार्बनक्वेस्ट के मुख्य परिचालन अधिकारी
कार्बनक्वेस्ट के मुख्य परिचालन अधिकारी ब्रायन असपरो ने कहा कि हमें लगता है कि यह समस्या जल्द से जल्द कम हो रही है। समय हमारे पक्ष में नहीं है और इस प्रकार के समाधान को जल्दी, लागत प्रभावी और बिना किसी बड़े व्यवधान के स्थापित किया जा सकता है।
प्राकृतिक गैस या तेल पर चलते हैं यह बॉयलर
न्यूयॉर्क की लगभग 70 प्रतिशत इमारतों मैं ऐसे बॉयलर का प्रयोग होता है जो गैस या तेल से चलते हैं। शहर के आधे से अधिक भवनों की लगभग 50,000 संरचनाएं स्थानीय कानून के अधीन हैं। अन्य शहरों जैसे बोस्टन और डेनवर ने भी इसी तरह के नियमों का पालन किया है। ग्लेनवुड मैनेजमेंट कॉर्प के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट जोश कहते हैं कि अपार्टमेंट बिल्डिंग अन्य तरीकों से भी ऊर्जा कम करने की कोशिश कर रही है। इसमें कम्प्यूटर युक्त मोटर, पंखे और पंप, एलईडी लाइटिंग और बैटरी स्टोरेज शामिल हैं। इसके अलावा कंपनी की इस साल पांच और इमारतों में कार्बन कैप्चर सिस्टम लगाने की योजना है।