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US: निखिल गुप्ता ने खुद को बताया निर्दोष, खालिस्तान समर्थक पन्नू की हत्या की साजिश रचने का है आरोप
Nikhil Gupta: खालिस्तान समर्थक आतंकी की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता की पेशी सोमवार को अमेरिका के एक अदालत में हुई। इस दौरान निखिल ने खुद को निर्दोष बताया। जानिए पूरा मामला।
Nikhil Gupta: खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को बीते दिन यानी सोमवार को अमेरिकी कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान निखिल ने खुद को निर्दोष बताया। आरोपी निखिल को बीते शुक्रवार चेक रिपब्लिक से अमेरिका वापस लाया गया था। बता दें, पिछले साल अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर चेक गणराज्य में निखिल को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी निखिल गुप्ता के वकील जेफरी चैब्रोवे के अनुसार, उनके मुवक्किल निखिल गुप्ता को सोमवार को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में पेश किया, जहां उसने खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने बताया कि मामला दोनों ही देशों के लिए काफी जटिल है। लेकिन महत्वपूर्ण भीहै इसलिए हम किसी भी तरह की जल्दबाजी से बचना चाहते हैं। कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपी निखिल गुप्ता ने कहा कि उस पर गलत तरीके से आरोप लगाए गए हैं। इससे पहले चेक गणराज्य की अदालत ने आरोपी निखिल गुप्ता के अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने के अनुरोध को खारिज कर दिया था। अब न्यूयॉर्क की अदालत ने आरोपी को अगली सुनवाई यानी 28 जून तक हिरासत में रखने का आदेश दिया है।
क्या है मामला?
पिछले साल फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया था कि अमेरिका में खालिस्तानी समर्थक पन्नू की हत्या की साजिश रची गई थी, जिसे अमेरिका ने नाकाम कर दिया था। रिपोर्ट में दावा किया गया कि इस मामले को अमेरिका ने भारत सरकार के समक्ष भी उठाया था। रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले से परिचित लोगों ने यह नहीं बताया कि क्या भारत के समक्ष इस मामले को उठाने की वजह से साजिशकर्ताओं ने अपनी योजना बदल दी या फिर एफबीआई के हस्तक्षेप से इस साजिश को नाकाम कर दिया गया था मामले में एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की कथित साजिश रचने का आरोप लगा था। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, निखिल गुप्ता पर आरोप था कि उसने न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले सिख अलगाववादी पन्नू को मारने के लिए एक हत्यारे को 100,000 अमेरिकी डॉलर देने पर सहमत हुए थे। इसमें से 9 जून को 15 हजार डॉलर की एडवांस पेमेंट कर दी गई थी। लेकिन, जिस शख्स को यह काम सौंपा गया, वह अमेरिकी एजेंसी का ही खुफिया एजेंट था।