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निक्की हेली बोलीं- जलवायु परिवर्तन से वाकिफ हैं ट्रंप, ओबामा पर मढ़े आरोप
वाशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निक्की हेली ने कहा है कि 'राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जलवायु परिवर्तन से वाकिफ हैं और उन्हें इस बात का अहसास है कि इसमें मनुष्यों की भूमिका है।' भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद हेली ने शनिवार रात सीएनएन से ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के हटने के मद्देनजर कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप इस बात से वाकिफ हैं। जलवायु में परिवर्तन हो रहा है। उन्हें यह भी पता है कि इसमें प्रदूषण फैलाने वाली चीजों का प्रभाव है।'
हेली ने कहा, कि 'ट्रंप को पता है कि जलवायु परिवर्तन हो रहा है और अमेरिका को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी और हम ऐसा करने जा रहे हैं।' उन्होंने कहा, कि पेरिस समझौते से हटने से जलवायु परिवर्तन को रोकने की देश की प्रतिबद्धता नहीं बदलेगी।
ओबामा पर आरोप मढ़े
हेली ने कहा, 'सिर्फ अमेरिका के एक क्लब से बाहर हो जाने का मतलब यह नहीं है कि हम जलवायु परिवर्तन की परवाह नहीं करने जा रहे हैं।' जब हेली से पूछा गया कि अमेरिका जलवायु समझौते से बाहर क्यों निकला? तो उन्होंने इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को जिम्मेदार ठहराया। उन पर बहुत ही गंभीर, सख्त और पालन न किए जा सकने योग्य शर्तो पर सहमति देने का आरोप लगाया।
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हमारी कंपनियों को नुकसान पहुंच रहा था
उन्होंने कहा, 'पेरिस समझौते की शर्तो से हमारी कंपनियों को नुकसान पहुंच रहा था। उन्होंने कहा कि मैं एक गवर्नर के तौर पर इसे जानती हूं। जब तक हम उन शर्तो का पालन करते रहते तो नौकरियां प्राप्त नहीं होतीं। हम जिस लक्ष्य को हासिल करने के प्रयास में थे उन्हें प्राप्त करना संभव नहीं था।"
हम इसे अपने शर्तो के तहत करेंगे
हेली ने सीएनएन से कहा कि 'ट्रंप हमेशा अमेरिका का हित चाहते हैं, इसमें उनके द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जाने वाले काम भी शामिल हैं।' उन्होंने कहा, 'बाकी दुनिया हमें बताना चाहती है कि इसे कैसे करना है। लेकिन हम इसे अपने शर्तो के तहत करेंगे।'
ट्रंप के फैसले की कई देशों ने की थी आलोचना
बता दें, कि ट्रंप ने गुरुवार को कहा था कि वह औपचारिक रूप से इस समझौते से हट रहे हैं और 2016 के अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान का एक संकल्प पूरा कर रहे हैं। अमेरिका के इस कदम की कनाडा, ब्रिटेन, स्वीडन, फिनलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे, संयुक्त राष्ट्र और ओबामा ने निंदा की है। अमेरिका ने ओबामा प्रशासन के तहत 2015 में अपने ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में 2025 तक 26 से 28 फीसदी की कटौती करने का वादा किया था।
आईएएनएस: