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Nobel Peace Prize 2021: नोबेल शांति पुरस्कार ने बताया कितनी कीमती है अभिव्यक्ति की आज़ादी

नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाले दो पत्रकारों ने बताई अभिव्यक्ति की आजादी

Neel Mani Lal
Published on: 8 Oct 2021 5:41 PM GMT
Nobel Peace Prize maria resa & Dmitry Muratov
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नोवेल पुरस्कार विजेता मारिया रेसा और दिमित्री मुराटोव की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Nobel Peace Prize 2021: इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार फिलिपीन्स और रूस के दो पत्रकारों को अभिव्यक्ति की आज़ादी की रक्षा के लिये काम करने पर दिया गया है। नोबेल पुरस्कार समिति ने कहा है कि मारिया रेसा और दिमित्री मुराटोव को 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार का पुरस्कार दिया जाना मतलब अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकारों की रक्षा और बचाव के महत्व को हाइलाइट करना है। ये दोनों पत्रकार बरसों से विपरीत परिस्थियों में प्रेस और अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए आगे बढ़ कर काम कर रहे हैं।

दिमित्री मुराटोव (Nobel Peace Prize Winner Dmitry Muratov)

दिमित्री मुराटोव ने दशकों से रूस में तेजी से चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बोलने की स्वतंत्रता का बचाव किया है। 1993 में वह स्वतंत्र समाचार पत्र नोवाया गजेटा के संस्थापकों में से एक थे। नोवाया गजेटा की तथ्य-आधारित पत्रकारिता और पेशेवर अखंडता ने इसे रूसी समाज के निंदात्मक पहलुओं पर जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत बना दिया है जिसका शायद ही कभी अन्य मीडिया द्वारा उल्लेख किया गया हो। अखबार के शुरू होने के बाद से अब तक इसके छह पत्रकार मारे जा चुके हैं। हत्याओं और धमकियों के बावजूद अखबार के प्रधान संपादक दिमित्री मुराटोव ने अखबार की स्वतंत्र नीति को छोड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने लगातार पत्रकारों के अधिकारों का बचाव किया है। दिमित्री मुराटोव को 2007 में इंटरनेशनल प्रेस फ्रीडम अवार्ड मिल चुका है।

दिमित्री का जन्म 30 अक्टूबर,1961 को हुआ था। उन्होंने लोमोनोसोव मास्को स्टेट यूनिवर्सिटी ने फिलोलोजी यानी भाषा इतिहास की शिक्षा ग्रहण की है। पढ़ाई के दौरान उनका पत्रकारिता की तरह झुकाव हुआ। उन्होंने एक अखबार के लिए पार्टटाइम काम भी किया। यूनिवर्सिटी की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिमित्री ने 1983 से 1985 तक रेड आर्मी की सेवा की। 1987 में दिमित्री ने एक अखबार 'वोलझस्की कोम्सोमोलेट्स' को बतौर संवाददाता ज्वाइन किया। उनका काम इतना बढ़िया था कि साल भर के भीतर उनको कोम्सोमोल्स्काया प्रावदा यूथ डिपार्टमेंट का प्रमुख नियुक्त कर दिया गया। बाद में वे प्रोन्नत करके संपादक बना दिए गए। 1993 में दिमित्री और 50 अन्य सहयोगियों ने यह अखबार छोड़ दिया । अपना खुद का प्रकाशन नोवाया गजेटा शुरू किया। यह अख़बार जब शुरू हुआ तब उसके पास दो कंप्यूटर और एक प्रिंटर था। इस अखबार के काम से प्रभावित हो कर पूर्व सोवियत प्रेसिडेंट मिखाइल गोर्बाचेव ने नोबेल शांति पुरस्कार की इनामी रकम का कुछ हिस्सा दान दे दिया था ताकि अख़बार के लिए कंप्यूटर खरीदे जा सकें और कर्मचारियों को वेतन दिया जा सके। नोवाया गजेटा ने 2001 में इंटरनेशनल इंडस्ट्रियल बैंक में घोटाले की खबर ब्रेक की थी।

मारिया रेसा (Nobel Peace Prize Winner Maria Resa)

मारिया रेसा फिलीपीन्सन के राष्ट्रपति दुतर्ते की कठोर आलोचक हैं । उन्होंने तमाम खोजी ख़बरें की हैं। उन्हें हाल ही में साइबर अपराध के एक मामले में छह साल कैद की सजा सुनाई गई थी। इस फैसले को देश में प्रेस की स्वतंत्रता को बड़ा झटका माना गया था। मारिया रेसा ने फिलीपींस में सत्ता के दुरुपयोग, हिंसा और बढ़ते अधिनायकवाद को उजागर किया है और उसके खिलाफ लोगों को जागरूक भी किया। मारिया रेसा ने 2012 में एक डिजिटल मीडिया कंपनी रैप्लर की सह-स्थापना की थी।

मारिया का जन्म 2 अक्टूबर, 1963 को मनीला में हुआ था। वह जब मात्र एक वर्ष की थीं तब उनके पिता का निधन हो गया। बाद में मारिया की मां अमेरिका चली गईं। लेकिन मारिया और उसकी बहन को मनीला में छोड़ दिया। बाद में मारिया की मां ने एक अमेरिकन से शादी कर ली। फिर अपने बच्चों को अमेरिका साथ ले गईं। मारिया ने शुरुआती पढ़ाई न्यूजर्सी के टोम्स रिवर हाई स्कूल से की। बाद में मारिया ने विख्यात प्रिन्सटन यूनिवर्सिटी से मॉलिक्यूलर बायोलॉजी और थिएटर की पढ़ाई की और 1986 में यहीं से इंग्लिश में बीए की डिग्री हासिल की। साथ ही उन्होंने थिएटर और नृत्य में सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया। ग्रेजुएशन के बाद मारिया को यूनिवर्सिटी ऑफ़ फिलिपीन्स में पोलिटिकल थिएटर की पढ़ाई करने के लिए फुलब्राईट फेलोशिप मिली।

पढ़ाई पूरी करने के बाद मारिया ने फिलिपीन्स के सरकारी टीवी स्टेशन पीटीवी 4 में नौकरी की। कुछ समय बाद 1987 में उन्होंने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी 'प्रोब' शुरू की। साथ ही साथ उन्होंने मनीला में सीएनएन के ब्यूरो चीफ के रूप में 1995 तक काम भी किया। 1995 से 2005 तक मारिया ने जकार्ता में सीएनएन का ब्यूरो संभाला। मारिया की विशेषज्ञता राजनीतिक हिंसा और आतंकवादी नेटवर्क्स पर रिपोर्टिंग की रही है। उन्होंने सीएनएन के अलावा एबीएस-सीबीएन और वाल स्ट्रीट जर्नल के लिए भी काम किया है। 2011 में मारिया ने तीन अन्य महिलाओं के साथ मिलकर 'मूव पीएच' नाम का एक फेसबुक पेज शुरू किया था। 1 जनवरी, 2012 को उन्होंने एक फुल वेबसाइट लांच की। यह फिलीपींस की पहले मल्टीमीडिया न्यूज़ वेबसाइट थी जो आगे चल कर बड़ा न्यूज़ पोर्टल बन गयी। आज ये देश की छठी सबसे बड़ी न्यूज़ वेबसाइट है, जिसमें 100 पत्रकार काम करते हैं। इस वेबसाइट की विशेषता खोजी ख़बरें हैं। फिलिपीन्स के राष्ट्रपति दुतर्ते इस वेबसाइट के मुखर विरोधी और आलोचक हैं।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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