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...तो इसलिए विलियम नोर्डहॉस, पॉल रोमर को अर्थशास्त्र क्षेत्र में मिलेगा नोबेल पुरस्कार
न्यूयॉर्क: रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ इकोनॉमिक्स ने जलवायु परिवर्तन और आर्थिक विकास पर खोज के लिए विलियम द नोर्डहॉस और पॉल एम. रोमर को दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। बता दें, दोनों का इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में अहम योगदान रहा है।
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विलियम द नोर्डहॉस और पॉल एम. रोमर से पहले साल 2017 में इकोनॉमिक्स का नोबल पुरस्कार रिचर्ड एच थेलर को मिला था। बिहेवियरल इकोनॉमिक्स में रिचर्ड एच थेलर का अहम योगदान था, जिसके चलते उन्हें ये पुरस्कार मिला।
कौन हैं विलियम द नोर्डहॉस और पॉल एम. रोमर?
- विलियम द नोर्डहॉस और पॉल एम. रोमर को 2018 का अर्थशास्त्र का नोबेल सम्मान दिया जा रहा है।
- येल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं विलियम द नोर्डहॉस।
- येल यूनिवर्सिटी से ही विलियम ने पूरी की है अपनी ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) की पढ़ाई।
- मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी (एमआईटी) से मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी (एमआईटी) से अपनी पीएचडी।
- न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस से पॉल रोमर जुड़े हुए हैं।
- जनवरी 2018 तक पॉल रोमर वर्ल्ड बैंक के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट थे लेकिन एक विवाद के कारण उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया।
- न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के अलावा पॉल शिकागो यूनिवर्सिटी में भी बतौर इकोनॉमिक्स प्रोफेसर काम कर चुके हैं।
- दोनों को जलवायु परिवर्तन और आर्थिक विकास पर खोज के लिए प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।
- स्टॉकहोम में किंग कार्ल XVI गुस्ताफ के हाथों दोनों को 10 दिसंबर को 90 लाख स्वीडिश क्रोनर पुरस्कार राशि के तौर पर मिलेगा।
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