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कितना क्रूर है किम जोंग! 1 सितम्बर से खुलेंगे स्कूल, घर नहीं लौट सकेंगे बीमार बच्चे
पूरी दुनिया इस समय कोरोना से जंग लड़ रही है। भारत और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में जहां बच्चों को स्कूल जाने की मनाही है। वहीं उत्तर कोरिया ने सितंबर से वहां हर बच्चे के लिए स्कूल आने का फरमान जारी कर सभी को चौंका दिया है।
नई दिल्ली: पूरी दुनिया इस समय कोरोना से जंग लड़ रही है। भारत और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में जहां बच्चों को स्कूल जाने की मनाही है। वहीं उत्तर कोरिया ने सितंबर से वहां हर बच्चे के लिए स्कूल आने का फरमान जारी कर सभी को चौंका दिया है।
इसमें वे बच्चे भी शामिल हैं जो किसी कारणवश अस्वस्थ हैं। आदेश में ये भी कहा गया है कि बच्चे स्कूल आने के बाद घर नहीं जा सकेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सभी बच्चों को 1 सितम्बर से स्कूल बुलाया गया है।
अगर कोई बच्चा बुखार या सर्दी से पीड़ित दिखाई दे तो उसे स्कूल में ही रोक लिया जाएगा। वो वहीं आसपास आइसोलेट किया जाएगा, जहां साथ में उसकी पढ़ाई भी होगी। उसे घर लौटने या अस्पताल जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उतरी कोरिया के बच्चों की फाइल फोटो
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स्कूल अलग से नहीं ले सकते फैसला
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्कूल उन्हीं हालातों में अलग से कोई निर्णय ले सकता है, जब किसी क्लास में 7 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे को तेज बुखार हो। इसके बाद भी किसी क्लास को बंद करने का अधिकार स्कूल का नहीं होगा, बल्कि उसे पहले म्यूनिसिपल और डिसीज कंट्रोल अथॉरिटी को सूचित करना होगा।
इसके बाद उन बच्चों को अलग किया जाएगा, जो बीमार हों और स्कूल के पास ही इलाज दिया जाएगा। माता-पिता या किसी को भी उन बच्चों से मिलने की इजाजत नहीं होगी।
मीडिया में ये खबर आने के बाद पैरेंट्स अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं लेकिन किम के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
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डरे हुए पेरेंट्स नहीं कर पा रहे विरोध
ऐसा कहा जाता है कि उत्तर कोरिया में किम परिवार की बात न मानने को सीधा देशद्रोह के तौर पर देखा जाता है और पूरे परिवार को जेल में डाल दिया जाता है। तीन पीढ़ियों के बाद वफादारी की जांच होगी, तब जाकर मामला सुधरेगा। कई बार ये सजा कुछ महीनों तो कई बार सालों चलती है। इस दौरान तीन पीढ़ी तक को किसी भी बड़े ओहदे पर बैठने का मौका नहीं मिल पाता है।
किम जोंग की फाइल फोटो
इतनी है साक्षरता दर
कोरिया के बारे में ऐसा कहा जाता है कि ये देश बाकी किसी भी मामले में दुनिया के अन्य देशों से पीछे हो लेकिन पढ़ाई के मामले में दुनियाभर में सबसे आगे है। यहां शिक्षा पूरी तरह से स्टेट-फंडेड है और खुद नॉर्थ कोरिया के मुताबिक उनके यहां साक्षरता दर 100 प्रतिशत है।
साल 1988 में खुद यूनेस्को ने इस बात की जांच करने की कोशिश की और पाया कि वहां प्री-प्रायमरी से लेकर कॉलेज स्तर पर भारी संख्या में शिक्षक हैं।
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