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Omicron: ओमिक्रॉन 'हल्का' नहीं, भले युवाओं और बुजुर्गों में कम गंभीर हो सकता है, WHO प्रमुख बोले

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की तरफ से गया है, कि कोविड -19 (COVID-19) का अधिक संक्रामक वेरिएंट 'ओमिक्रॉन' (Omicron) विश्व स्तर पर प्रमुख डेल्टा वेरिएंट (Delta Variants) की तुलना में कम गंभीर है।

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Newstrack NetworkPublished By aman
Published on: 7 Jan 2022 8:28 AM IST (Updated on: 7 Jan 2022 8:31 AM IST)
Coronavirus: WHO ने जारी किया नया कोविड अलर्ट, कहा- महामारी की जा सकती है खत्म, अगर...
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डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेसस (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)  

Omicron : विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की तरफ से गया है, कि कोविड -19 (COVID-19) का अधिक संक्रामक वेरिएंट 'ओमिक्रॉन' (Omicron) विश्व स्तर पर प्रमुख डेल्टा वेरिएंट (Delta Variants) की तुलना में कम गंभीर है। मगर, इसे हल्के वेरिएंट के रूप में वर्गीकृत (Classified) नहीं किया जाना चाहिए।

क्लीनिकल मैनेजमेंट (Clinical Management) में डब्ल्यूएचओ प्रमुख (WHO chief) जेनेट डियाज ने कहा है, कि शुरुआती अध्ययनों से पता चला है कि डेल्टा की तुलना में नवंबर में दक्षिण अफ्रीका (South Africa) और हांगकांग (Hong Kong) में पहली बार पहचाने गए वेरिएंट Variant) से अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम कम था। ये बातें उन्होंने जिनेवा (Geneva) में डब्ल्यूएचओ मुख्यालय (WHO Headquarters) में एक मीडिया संबोधन के दौरान कहा। अपनी ब्रीफिंग में उन्होंने कहा, कि 'युवा और वृद्धों दोनों में गंभीरता का जोखिम कम दिख रहा है।'

अध्ययन किए गए अधिकांश मामले युवाओं पर

बता दें, कि यह टिप्पणी दक्षिण अफ्रीका (South Africa) और इंग्लैंड (England) के अध्ययन सहित अन्य आंकड़ों के साथ गंभीर बीमारी के कम जोखिम पर आई है। हालांकि, WHO chief ने विश्लेषण किए गए मामलों के अध्ययन या उम्र के बारे में और अधिक विवरण फिलहाल नहीं दिया है। बुजुर्गों पर असर, नए वेरिएंट के बड़े अनुत्तरित प्रश्नों में से एक है। क्योंकि, अब तक अध्ययन किए गए अधिकांश मामले युवाओं में मिले हैं।

'ओमिक्रॉन', डेल्टा की तुलना में कम गंभीर दिखता है'

जिनेवा में इसी ब्रीफिंग में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा, कि 'हालांकि ओमिक्रॉन, डेल्टा की तुलना में कम गंभीर दिखता है, विशेष रूप से टीकाकरण वाले लोगों में, इसका मतलब ये नहीं है, कि इसे हल्के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए।'

मामलों की 'सुनामी' को लेकर चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) प्रमुख ने यहां चेतावनी देते हुए कहा, कि 'पिछले वेरिएंट की तरह, ओमिक्रॉन के चलते लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा रहा है। उनकी मौतें भी हो रही हैं।' उन्होंने मामलों की 'सुनामी' को लेकर चेतावनी भी दी। क्योंकि, वैश्विक स्तर पर ओमिक्रॉन और डेल्टा दोनों के मामले रिकॉर्ड किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य प्रणाली लगातार बहुतायत भरती जा रही। विभिन्न सरकारें 5.8 मिलियन लोगों की मौत के जिम्मेदार बनकर वायरस को काबू में करने के लिए संघर्ष कर रही हैं।

लाखों लोग अभी भी असुरक्षित

टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस ने कोरोना के टीकों के वितरण और पहुंच में विश्व स्तर पर अधिक इक्विटी के लिए अपने आह्वान को दोहराया। टेड्रोस बोले, 'वैक्सीन लगवाने की वर्तमान दर के आधार पर दुनिया के 109 देश 70 प्रतिशत आबादी के लिए डब्ल्यूएचओ (WHO) के लक्ष्य को जुलाई तक पूरी तरह से टीका लगाने से चूक जाएंगे। उस उद्देश्य को महामारी के तीव्र चरण को ख़त्म करने में मदद के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कहा, 'कुछ देशों में बूस्टर (booster) डोज लगाए जा रहे हैं। लेकिन, बूस्टर डोज महामारी को समाप्त नहीं करेगा। बावजूद इसके भी अरबों लोग पूरी तरह से असुरक्षित रहेंगे।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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