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corona New variant omicron : ओमीक्रोन से खुद बचें और अपनों को बचाएं, वैक्सीन, मास्क और सोशल डिस्टेंस है जरूरी
Corona New variant omicron: मुम्बई (Mumbai) से एक चिंताजनक खबर है कि साउथ अफ्रीका से दिल्ली (Delhi) होते हुए मुंबई लौटे एक युवक का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव (Corona test positive) पाया गया है।
Corona New variant omicron: कोरोना वायरस (Corona Virus) के नए वेरियंट ओमीक्रोन (Corona New varient) की दहशत रोजाना बढती जा रही है क्योंकि ऐसा लग रहा है कि अगर कोई चूक हो गयी तो लेने के देने पड़ सकते हैं। ताजा स्थिति ये है कि ये वेरियंट अब नार्थ अमेरिका (America), ऑस्ट्रेलिया (Australia) और यूरोप (Europe)के ढेरों देशों में फ़ैल चुका है। तेजी से बदली परिस्थितियों में लोगों को अपने बचाव के उपाय पूरी गंभीरता से लेने शुरू कर देने चाहिए क्योंकि नया वेरियंट क्या गुल खिला सकता है, अभी कोई नहीं जानता।
संक्रमित लोग भारत आए
भारत की स्थिति ये है कि अभी नए वेरियंट (Corona Virus New variant omicron) से किसी संक्रमण की जानकारी तो नहीं मिली है लेकिन खतरा बरकरार है क्योंकि जिन देशों में संक्रमण फैला है वहां से फ्लाइट्स जारी हैं। विदेश से आने वाले यात्रियों की जांच शुरू तो की गयी है लेकिन स्थिति वही है जो पिछले साल जनवरी – फरवरी में थी जब चीन से यात्रा पर प्रतिबन्ध तो लगाया गया लेकिन मिडिल ईस्ट तथा अन्य देशों से आवागमन जारी था और उस रूट से अनेक संक्रमित लोग भारत आ गए थे।
मुंबई लौटे एक युवक का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव
बहरहाल, मुम्बई (Mumbai) से एक चिंताजनक खबर है कि साउथ अफ्रीका से दिल्ली (Delhi) होते हुए मुंबई लौटे एक युवक का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव (Corona test positive) पाया गया है। इस युवक को आइसोलेट करते हुए उसके सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज दिया है। यदि ये युवक नए वेरियंट से संक्रमित है तो यह चिंताजनक बात होगी क्योंकि वह दिल्ली से होता हुआ आया है और कई फ्लाइट्स और हवाईअड्डों से होता हुआ आया है।
कितनी कारगर है कोविशील्ड और कोवैक्सिन (Covishield And Covaccine)
नए वेरिएंट पर चिकित्सा विशेषज्ञों का दावा है कि यह वैक्सीन और इम्यूनिटी सिस्टम (Imunity) को भी पूरी तरह मात दे सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि भारत में कोरोना वैक्सीनेशन (Corona vaccine) में प्रमुख रूप से शामिल कोविशील्ड और कोवैक्सिन कितनी कारगर होगी। कोविशील्ड ( Covishield ) की कंपनी आस्त्रा ज़ेनेका ने स्पष्ट कर दिया है कि वह नए वेरियंट पर रिसर्च कर रहा है और उम्मीद है कि वैक्सीन में जरूरी बदलाव करके उसे नए वेरियंट के खिलाफ असरदार बना लिया जायेगा लेकिन इसमें वक्त लगेगा और अगले साल ही कुछ कहा जा सकता है। दूसरी और कोवैक्सिन की निर्माता कंपनी भारत बायोटेक (Bharat biotech) ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। रूस की स्पुतनिक वैक्सीन की निर्माता कंपनी ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। ऐसे में स्पष्ट है कि वैक्सीनों में कोई भी बदलाव तत्काल नहीं होने जा रहा और नए स्वरूप वाली वैक्सीन आने में कम से कम तीन महीने लग जायेंगे।
बूस्टर डोज़ जरूरी
वैक्सीन निर्माता कम्पनियाँ नए वेरियंट से बचाव के लिए बूस्टर डोज़ पर जोर दे रही हैं लेकिन दिक्कत ये है कि तमाम देशों में अभी पूरी आबादी को दो डोज़ तक नहीं लग पाई है सो ऐसे में तीसरी डोज़ लगने में लम्बा वक्त लगेगा। अफ्रीकी देश कह भी रहे हैं कि अगर उनके यहाँ व्यापक वैक्सीनेशन कर दिया गया होता तो आज ये नौबत न आती। डब्लूएचओ ने अभी तक बूस्टर डोज़ के खिलाफ रवैया अपनाया हुआ था लेकिन बदली परिस्थितियों में उसने अपना रुख साफ़ नहीं किया है।
लोग क्या करें
- कोरोना का कोई भी वेरियंट हो, लोगों के सामने बचाव के सीमित विकल्प हैं। ये उपाय हैं – मास्किंग, डिसटेंसिंग और वैक्सीनेशन। इसमें कोई भी कोताही भारी पड़ सकती है। चूँकि वैक्सीन की फुल डोज़ से भी बचाव की गारंटी नहीं है सो मास्किंग और डिसटेंसिंग तो हर हाल में अपनाना ही होगा। ध्यान रहे कि कोरोना की पिछली लहरें भी इसी तरह आईं थीं और भरी तबाही मचा कर लौटी थीं सो अपने को और अपनों को बचने के लिए सभी एहतियात पूरी शिद्दत से पालन करें।
- एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए वेरिएंट के प्रभाव को कम करने के लिए लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन के इंतजाम कर लिए जाने चाहिए, वैक्सीनेंशन में तेजी लानी चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जल्दी से जल्दी वैक्सीन लग जाए।