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Boarding School Britain: 470 सालों से एक ही यूनिफ़ोर्म, आपको हिला देगा इसका रहस्य
Christ Hospital Boarding School Britain: 470 सालों से एक विद्यालय ने अपने स्कूल की ड्रेस नहीं बदली है । यह बहुत आश्चर्य करने की बात है ।जो ड्रेस स्कूल के शुरू होने में चलायी गयी थी वह आज भी बदली नहीं गयी है ।
Christ Hospital Boarding School Britain: आज कल स्कूलों में प्रत्येक दिन नयी - नयी ऐक्टिविटी होती रहती है ।नए सिस्टम से पढ़ाई करायी जाती है ।हर दूसरा स्कूल हर दूसरे साल अपने स्कूल की यूनिफ़ॉर्म को बदलता है ।पर आपको शायद यक़ीन नहीं होगा भारत के कई मील दूर ब्रिटेन में हैं । जहां 470 सालों से एक विद्यालय ने अपने स्कूल की ड्रेस नहीं बदली है । यह बहुत आश्चर्य करने की बात है ।जो ड्रेस स्कूल के शुरू होने में चलायी गयी थी वह आज भी बदली नहीं गयी है ।
इस स्कूल का नाम क्राइस्ट हास्पिटल बोर्डिंग स्कूल है । इस स्कूल की स्थापना 1552 में हुई थी ।ये इंग्लैंड में वेस्ट ससेक्स के दक्षिण में है।यहां पर 11 से 18 साल की आयु वाले बच्चे पढ़ते हैं। यह 1553 में अच्छे से चलना शुरू हुआ था । यह पब्लिक स्कूल है ।इस स्कूल का एरिया 1200 एकड़ का है ।इस स्कूल को सरकार और राजघराने दोनों से आर्थिक मदद मिलती है।
शुरुआत में इस स्कूल का उद्देश्य सिर्फ़ गणित और नेविगेशन के लिए बच्चों को तैयार करना था ।पर अब इस स्कूल में विज्ञान, आर्ट , म्यूज़िक , स्पोर्ट्स हर कुछ शामिल हैं ।
इस स्कूल की खास बात ये भी है कि यहाँ सालों की परम्परा को अब भी निभाया जा रहा है । अगर मौसम ठीक रहे तो यहां पर लंच से पहले बैंड के साथ परेड रोज होती है।यह परेड सोमवार , बुधवार , शुक्रवार और शनिवार के दिन होती है।
इस स्कूल की यूनिफार्म में लंबा नीला कोट, पीले मोजे और गले पर सफेद नेक बैंड्स लगाना होता है। ये यूनिफॉर्म यहां 1553 में लागू की गई और अब भी चल रही है।हालांकि गर्मी के दिनों में ये कोट नहीं पहना जाता है ।
यूनिफ़ोर्म को बदलने के लिए कई बार बच्चों की वोटिंग भी हुई है पर हर बार यूनफ़ॉर्म न बदलने के पक्ष में ही वोटिंग हुई है ।क्राइस्ट्स हॉस्पिटल स्कूल की यूनिफॉर्म दुनियाभर में फेमस है।शुरुआती दिनों में सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क यूनिफार्म दी जाती थी ।
यूनिफॉर्म में नीले और पीले रंग को क्यों चुना गया, इस बारे में बहुत सी अटकलें लगाई गई।पर अब तक सही पता नहीं लग पाया है । शुरू में सोचा गया कि ये दोनों रंग महंगे नहीं हैं।फिर जब ये बच्चे हास्पिटल में सेवा करने जाएंगे तो अलग से ही पहचान में आ जाएंगे।और स्कूल का नाम होगा।कहा जाता है यहाँ से पढ़े बच्चों को सीधे ऑक्सफोर्ड और केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में दाख़िला मिलता है ।