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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद भी नहीं मिली जॉब, बेटे ने मां-बाप पर किया केस
फैज का कहना है कि वो इस आर्थिक मदद का हकदार है क्योंकि बचपन से ही खराब सेहत के चलते उसके करियर और लाइफ को काफी नुकसान पहुंचा है और अगर उसके मां-बाप उसे सपोर्ट नहीं करते हैं तो ये उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा।
नई दिल्ली: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई करने के बावजूद एक शख्स नौकरी की तलाश में दर-दर भटक रहा है। उसकी उम्र 41 साल है। वह पिछले लगभग एक दशक से बेरोजगार है।
उसने अपने परिवार पर ही मुकदमा किया है और डिमांड की है कि उसके मां-बाप उसे ताउम्र आर्थिक मदद देते रहें। इस युवक का नाम फैज सिद्दीकी है।
जो कोई भी इस मामले के बारें में सुन रहा है। वह पूरी बात जानकर हैरान रह जा रहा है। तो आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं आखिर ये पूरा मामला है क्या?
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद भी नहीं मिली जॉब, बेटे ने मां-बाप पर किया केस(फोटो:सोशल मीडिया)
1 मिलियन पाउंड्स की कीमत वाले फ्लैट में रहता है फैज
दरअसल फैज ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री ली है और वकालत का प्रशिक्षण भी प्राप्त कर चुका है। इसके बावजूद उसे अभी तक जॉब नहीं मिली है। अब वह 41 साल का हो गया है। पिछले कई सालों से बेरोजगार चल रहा है।
उसका कहना है कि वो अपने मां-बाप पर निर्भर है। उसने कोर्ट में केस करके अपने पैरेंट्स से जीवन भर आर्थिक मदद देने के लिए हर्जाने की मांग की है।
फैज के पैरेंट्स दुबई में हैं। उनका लंदन में एक फ्लैट भी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक फैज इस फ्लैट में पिछले 20 सालों से बिना किराया देकर रह रहा था। ये लंदन के हायडी पार्क में स्थित है। उसकी कीमत कीमत 1 मिलियन पाउंड्स से भी अधिक की बताई जा रही है।
पैरेंट्स मदद के तौर पर हर महीने देते हैं डेढ़ लाख रूपए
उनकी मां रक्षंदा की उम्र लगभग 69 साल हैं। जबकि पिता जावेद की उम्र 71 साल हैं। पैरेंट्स फैज के पास हर हफ्ते 400 पाउंड यानी लगभग 40 हजार रूपए पहुंचाते हैं।
उनकी तरफ से एक महीने में लगभग डेढ़ लाख रूपए फैज को दिए जाते हैं। इतना ही नहीं वे फैज के बिलों का भी खर्च खुद ही उठाते हैं। लेकिन फैज और उसके माता-पिता के बीच तनाव और झगड़े के बाद से अब वे उसकी आर्थिक रूप से मदद नहीं करना चाहते हैं।
फैज बोला- पैरेंट्स सपोर्ट नहीं करेंगे तो ये उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा
जबकि फैज का कहना है कि वो इस आर्थिक मदद का हकदार है क्योंकि बचपन से ही खराब सेहत के चलते उसके करियर और लाइफ को काफी नुकसान पहुंचा है और अगर उसके मां-बाप उसे सपोर्ट नहीं करते हैं तो ये उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा।
वहीं पैरेंट्स की तरफ से वकील जस्टिन वारशॉ का कहना है कि फैज के मां-बाप पिछले काफी सालों से अपने बेटे की मांगों को पूरा करते आ रहे हैं। उसकी मनमर्जियों को झेल रहे हैं लेकिन वे अब उसकी मदद नहीं करना चाहते हैं।
जिस ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की, उस पर ठोका मुकदमा
बता दें कि फैज इससे पहले साल 2018 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के खिलाफ भी कोर्ट जा चुका है। उसने जिस ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। उसी के खिलाफ केस कर दिया था।
उसने कोर्ट में केस करके ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी पर मुकदमा ठोक दिया था और 1 मिलियन पाउंड्स की मांग की थी। उसका दावा था कि ऑक्सफोर्ड में शिक्षा का स्तर अच्छा नहीं था।
इस वजह से वो एक टॉप अमेरिकी लॉ कॉलेज में दाखिला लेने से वंचित रह गया था। जबकि कोर्ट ने फैज के इस केस को ठुकरा दिया था।
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