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पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की मांग को पूरा करने के लिए कृषि आय पर लगाया कर, इसलिए लिया ये बड़ा फैसला

Pakistan : पाकिस्तान सरकार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मांग को पूरा करने के लिए कृषि आय पर संघीय कर लगाने पर विचार कर रही है।

Priya Singh
Report Priya SinghPublished By Vidushi Mishra
Published on: 24 Oct 2021 4:54 PM IST
Pakistan PM Imran Khan
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प्रधानमंत्री इमरान खान (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Pakistan : पाकिस्तान की मौजूदा आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की मांगों को पूरा करने के लिए, उसे कृषि आय पर कर लगाने का फैसला लेना पड़ा। आईएमएफ ने पाकिस्तान से कहा है कि वो कृषि क्षेत्र को संघीय कर के दायरे में शामिल कर ले। वहीं पाकिस्तान सरकार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मांग को पूरा करने के लिए कृषि आय पर संघीय कर लगाने पर विचार कर रही है।

हालांकि, दोनों पक्ष आर्थिक नीतियों के लिए ज्ञापन (MEFP) पर सहमत नहीं हो पाए हैं। जाहिर है कि लंबे समय से पाकिस्तान दिवालिएपन का शिकार है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए अर्थव्यवस्था के मामले कोई भी ठोस निर्णय लेना मुश्किलें खड़ी कर रहा है।

कानूनी संशोधन का मसौदा तैयार

कृषि क्षेत्र पर कर लगाने के मामले में कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह संविधान में संशोधन के बिना संभव है। साथ ही इस प्रस्ताव पर पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच चर्चा हो चुकी है। इससे संबंधित कानूनी संशोधन का मसौदा भी तैयार कर लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के कर अधिकारियों ने आईएमएफ को बताया है कि चौथे टैक्स कानून संशोधन अध्यादेश में कानूनी संशोधन पेश किया जा सकता है।

आईएमएफ (फोटो- सोशल मीडिया)

संविधान संशोधन के बिना कृषि आय को संघीय कर के दायरे में लाने का प्रावधान है

पाकिस्तान के संघीय कानून और न्याय मंत्री फारोग नसीम ने इस विषय पर पत्रकारों से बात की है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून से बात करते हुए उन्होंने कहा, " संविधान संशोधन के बिना कृषि आय को संघीय कर के दायरे में लाया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) के अध्यक्ष और वित्त सलाहकार पहले ही कानून मंत्री के साथ इस मुद्दे को उठा चुके हैं।"

किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंचे इमरान खान

उन्होंने आगे कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि देश में बढ़ती राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान प्रस्ताव को मंजूरी देंगे या नहीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1973 के संविधान के तहत, संघीय सरकार कृषि आय पर कर नहीं लगा सकती थी, क्योंकि मामला प्रांतीय क्षेत्र में आता था। हालांकि, प्रांतीय सरकारें, समय के साथ, जमींदारों के प्रभाव के कारण इस मामले से बचती रहीं।

समाधान निकालने की कोशिश हो रही है

समाधान के विषय पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि संघीय सरकार ने कानून मंत्रालय के परामर्श से एक समाधान खोजा है। जहां केवल 2001 के आयकर अध्यादेश में संशोधन करके कृषि आय पर संघीय आयकर लगाया जा सकता है। साथ ही कर अधिकारी आयकर कानून की धारा 41 में संशोधन करके कृषि आय की परिभाषा को केवल फसलों से होने वाली आय तक सीमित रखने पर विचार कर रहे हैं।



Vidushi Mishra

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