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Inflation in Pakistan: आखिर पाकिस्तान में इतना महंगा क्यों है आटा, आइये जाने इसके बारे में

Inflation in Pakistan: रोटी और नान देश के प्रमुख खाद्य पदार्थों में से हैं और आटे की कीमतों में भारी बढ़ोतरी ने लोगों को मुश्किल में डाल दिया है। देश में सरकारी सब्सिडी वाले आटे के लिए लंबी कतारें देखी जा सकती हैं।

Neel Mani Lal
Published on: 21 Jan 2023 4:29 PM IST
Inflation in Pakistan
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Inflation in Pakistan (Social Media)

Inflation in Pakistan: पिछले कई हफ्तों से पाकिस्तान में गेहूं के आटे की कीमत बेहद ऊंचे स्तर पर मंडरा रही है। रोटी और नान देश के प्रमुख खाद्य पदार्थों में से हैं और आटे की कीमतों में भारी बढ़ोतरी ने लोगों को मुश्किल में डाल दिया है। देश में सरकारी सब्सिडी वाले आटे के लिए लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। सिंध के मीरपुर खास में ऐसे ही एक वितरण स्थल पर भगदड़ ने 7 जनवरी को एक 35 वर्षीय व्यक्ति की जान ले ली। पाकिस्तान की केंद्र और प्रांतीय सरकारों ने खाद्य संकट के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह रूस यूक्रेन युद्ध, 2022 की विनाशकारी बाढ़ और अफगानिस्तान में गेहूं की तस्करी और लंबे समय से चली आ रही कमियों के कारण ये हाल हुआ है।

160 रुपये किलो बिक रहा आटा

पाकिस्तान के दो गेहूं उत्पादक राज्यों - पंजाब और सिंध में आटा 145 से 160 पाकिस्तानी रुपये किग्रा के आसपास बिक रहा है, जबकि खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में कीमतें और भी अधिक रही हैं। गल्फ न्यूज के एक लेख के अनुसार, पाकिस्तान में 5 किलो और 10 किलो आटे के बैग की कीमतें एक साल पहले की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई हैं। इसी लेख में कहा गया है कि इस्लामाबाद और रावलपिंडी में एक नान 30 पाकिस्तानी रुपये में बिक रही है जबकि एक रोटी 25 पाकिस्तानी रुपये में बिक रही है। एक पाकिस्तानी रुपया भारतीय करेंसी में लगभग 35 पैसे के बराबर है।

किस वजह से आया संकट?

पाकिस्तान अपनी खपत की जरूरतों को पूरा करने के लिए गेहूं का आयात करता है, जिसका बड़ा हिस्सा रूस और यूक्रेन से आता है। ऑब्जर्वेटरी ऑफ इकोनॉमिक कॉम्प्लेक्सिटी (OEC) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2020 में, पाकिस्तान ने 1.01 बिलियन डॉलर मूल्य का गेहूं आयात किया, जिसमें से सबसे अधिक यूक्रेन (496 मिलियन डॉलर मूल्य) से आया, इसके बाद रूस (394 मिलियन डॉलर) था। इस वर्ष, युद्ध ने उस आपूर्ति को बाधित कर दिया, जबकि पिछले वर्ष की बाढ़ ने घरेलू उपज को खत्म कर दिया। पाकिस्तान में समस्या अपर्याप्त स्टॉक की तुलना में वितरण की अधिक है।



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Durgesh Sharma

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