×

Imran Khan Jail: पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान को 14 और पत्नी बुशरा बीबी को 7 की जेल की सजा, जानें पूरा मामला

Imran Khan Jail: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को 14 साल की जेल की सजा हो गई है।

Neel Mani Lal
Published on: 17 Jan 2025 1:00 PM IST (Updated on: 17 Jan 2025 1:24 PM IST)
Imran Khan Jail: पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान को 14 और पत्नी बुशरा बीबी को 7 की जेल की सजा, जानें पूरा मामला
X

PM Imran Khan 14 years jail: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। जबकि उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भी 7 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। फैसला सुनाने के बाद बुशरा बीबी को तुरंत गिरफ्तार करने के भी आदेश दे दिए गए थे। जहाँ पुलिस ने उन्हें औपचारिक तौर पर गिरफ्तारी के लिए घेर लिया था। दरअसल फैसला सुनने के लिए बुशरा बीबी अदियाला जेल में मौजूद थी। तभी उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था।

जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को यह सजा 19 करोड़ पाउंड के अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में सुनाई गई है। इसी मामले में इनकी पत्नी को भी सजा सुनाई गई है। सजा के तौर पर इमरान खान को 14 साल जेल और बुशरा बीबी को 7 साल की जेल की सजा हुई है। सजा के साथ ही इनके खिलाफ भारी जुर्माना भी लगाया गया है।

दोनों के ऊपर लगा भारी जुर्माना

आज जज नासिर जावेद राणा ने अदियाला जेल में अस्थाई अदालत में दोनों के खिलाफ फैसला सुनाया। इससे पहले इस भ्रष्टाचार मामले में तीन बार सजा पर फैसला टाला जा चुका है। आज फैसले के दौरान कोर्ट ने इमरान खान पर दस लाख और बुशरा बीबी पर पांच लाख का जुर्माना भी लगाया। साथ ही यह भी कहा कि जुर्माना न भरने की स्थित में उन्हें छह महीने और जेल की सजा होगी। आज अदियाला कोर्ट में कड़ी सुरक्षा बीच यह फैसला सुनाया गया। साथ ही कोर्ट में बुशरा बीबी को तुरंत गिरफ्तार भी कर लिया गया था।

क्या है अल कादिर ट्रस्ट मामला?

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में 14 साल की सजा सुनाई गई है। इसी मामले में इमरान की पत्नी बुशरा बीबी को सात साल की सजा सुनाई गई है। यह सजा 19 करोड़ पाउंड (एक पाउंड 105 रुपये का है) के अल-कादिर ट्रस्ट मामले में सुनाई गई है, जिसमें इमरान और बुशरा को बहरिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपये और सैकड़ों कनाल की जमीन हासिल करने का दोषी पाया गया है। आरोप है इन दोनों ने 50 अरब रुपये की रकम को वैध बनाने के लिए ऐसा किया था। इस मनी लॉन्ड्रिंग की पहचान इमरान खान के प्रधानमंत्री काल के दौरान यूनाइटेड किंगडम ने की थी और उस रकम को पाकिस्तान को वापस कर दिया था। इमरान खान और बुशरा बीबी पर भारी जुर्माना भी लगाया गया है। इमरान को 10 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा और उनकी पत्नी को 5 लाख रुपए का जुर्माना भरने को कहा गया है।


अल कादिर केस

इस मामले में आरोप है कि इमरान खान और बुशरा बीबी ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के दौरान ब्रिटेन द्वारा पाकिस्तान को लौटाए गए 50 अरब रुपये को वैध बनाने के बदले में बहरिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपये और जमीन अवैध रूप से हासिल की।

दिसंबर 2023 में, पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने इमरान खान, बुशरा बीबी और कई अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। मामले में उन पर सरकारी खजाने के लिए निर्धारित धन को निजी खातों में अवैध रूप से स्थानांतरित करने का आरोप लगाया गया।

इस जोड़े पर पहली बार फरवरी 2024 में आम चुनावों के तुरंत बाद अभियोग लगाया गया था। एनएबी ने आरोप लगाया था कि बहरिया टाउन के मलिक रियाज हुसैन और उनके सहयोगियों ने अवैध रूप से जमीन और धन हस्तांतरित किया।

सुनवाई और सज़ा में देरी

इस फ़ैसले में कई बार देरी हुई, शुरुआत में सर्दियों की छुट्टियों और प्रक्रियात्मक मुद्दों के कारण दिसंबर 2023 से जनवरी 2024 तक के लिए टाल दिया गया। इमरान ख़ान और बुशरा बीबी की अदालती सुनवाई में अनुपस्थिति ने भी स्थगन में योगदान दिया।इमरान ख़ान का दावा है कि ये मामले राजनीति से प्रेरित हैं।


मामले की शुरुआत

- इस मामले की जड़ यूनाइटेड किंगडम तक जाती है जहां एक शख्स के खातों को इस संदेह पर फ्रीज किया गया तथा कि उसके खातों की रकम एक अन्य देश में भ्रष्टाचार से कमाई हुई है।

- मामले का चक्र 2018 में शुरू हुआ था जब यूनाइटेड किंगडम की नेशनल क्राइम एजेंसी (एनसीए) रियल एस्टेट टाइकून मलिक रियाज के परिवार के साथ 190 मिलियन पाउंड के एक समझौते पर सहमत हुई थी। एनसीए के अनुसार, इस सेटलमेंट में ब्रिटेन की एक रियल एस्टेट संपत्ति - 1 हाइड पार्क प्लेस, लंदन, शामिल थी जिसका मूल्य लगभग 50 मिलियन पाउंड था।

- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सत्ता में आने के तुरंत बाद यूके में रियाज की संपत्ति की जांच के लिए एनसीए के कदम का पहला रिकॉर्ड दिसंबर 2018 में सामने आया।

- 14 अगस्त, 2019 को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में एनसीए ने कहा : "एनसीए को कुल 100 मिलियन पाउंड से अधिक के आठ बैंक खातों पर रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं। इन खातों की रकम एक विदेशी राष्ट्र में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार से प्राप्त होने का संदेह है।

- दिसंबर 2018 में एक सुनवाई के बाद एक संदिग्ध व्यक्ति के लगभग 20 मिलियन पाउंड वाले खाते को फ्रीज कर दिया गया था।

- उस साल की शुरुआत में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने रियाज की 460 अरब रुपये की पेशकश को उसकी रियल एस्टेट फर्म, बहरिया टाउन लिमिटेड द्वारा सेटेलमेन्ट बकाया के रूप में स्वीकार कर लिया था। यह पाया गया था कि बहरिया टाउन लिमिटेड ने कराची के बाहरी इलाके में हजारों एकड़ जमीन अवैध रूप से अधिग्रहित की थी।

- इसके बाद यूनाइटेड किंगडम में एनसीए को रियाज़ के साथ सेटलमेंट में मिली रकम पाकिस्तान सुप्रीमकोर्ट के हवाले कर दी गई। माना गया था कि रकम सीधे सरकार के खाते में आएगी।

पाकिस्तान के तत्कालीन आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने इमरान और उनकी पत्नी पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रियल एस्टेट फर्म की रक्षा के लिए 5 अरब रुपये और सैकड़ों कनाल जमीन लेने का आरोप लगाया था। सनाउल्लाह ने कहा कि बहरिया टाउन कम्पनी ने ब्रिटेन में एक पाकिस्तानी नागरिक को 50 अरब रुपये अवैध रूप से हस्तांतरित किए थे।सनाउल्लाह ने दावा किया कि उस समय प्रधानमंत्री इमरान खान ने मामले को हल करने के लिए अपने सहयोगी शहजाद अकबर को काम सौंपा था। अकबर ने पूरे मामले को "निबटा" दिया, और 50 अरब रुपये - जो राज्य की संपत्ति थी और राष्ट्रीय खजाने से संबंधित थी - को बहरिया टाउन की देनदारी के खिलाफ एडजस्ट कर दिया गया।

इमरान और बुशरा की संलिप्तता

सनाउल्लाह के अनुसार, बहरिया टाउन ने अल-कादिर ट्रस्ट को सैकड़ों एकड़ जमीन दान की थी, जिसमें रियल एस्टेट डेवलपर के दानदाताओं और इमरान की पत्नी बुशरा खान के हस्ताक्षर थे। उन्होंने कहा कि गैर-लाभकारी संगठन के केवल दो ट्रस्टी हैं: इमरान खान और बुशरा बीबी।

राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो

रियल एस्टेट कारोबारी मलिक रियाज और पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान के करीबी सहयोगियों पर शिकंजा कसने की कोशिश में, पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने कहा कि अधिकार के दुरुपयोग, वित्तीय लाभ और विश्वास के आपराधिक उल्लंघन के आरोपों की जांच से पता चला है कि अली रियाज मलिक और अन्य ने पाकिस्तान सरकार को पैसा लौटाने के लिए ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी के साथ एक आउट-ऑफ-कोर्ट समझौता किया था। इसके अलावा, मैसर्स बहरिया टाउन ने अल कादिर ट्रस्ट यूनिवर्सिटी के लिए जिला झेलम में स्थित 458 एकड़ से ज्यादा की भूमि दान की।



Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

Content Writer

Next Story