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Pervez Musharraf: दुबई से कराची पहुंचा मुशर्रफ का पार्थिव शरीर, आज होगा अंतिम संस्कार
Pervez Musharraf: परवेज मुशर्रफ का निधन 5 फरवरी को दुबई के अस्पताल में हो गया था। पूर्व राष्ट्रपति लंबे समय से बीमार चल रहे थे और अस्पताल के बिस्तर पर थे।
Pervez Musharraf: पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ का पार्थिव शरीर सोमवार को विशेष विमान से दुबई से कराची पहुंच गया। आज यानी मंगलवार 7 फरवरी को पाकिस्तान की पोर्ट सिटी में स्थित सेना के छावनी इलाके में उन्हें दफनाया जाएगा। परवेज मुशर्रफ का निधन 5 फरवरी को दुबई के अस्पताल में हो गया था। पूर्व राष्ट्रपति लंबे समय से बीमार चल रहे थे और अस्पताल के बिस्तर पर थे।
79 वर्षीय सेवानिवृत जनरल का दुबई के अमेरिकी अस्पताल में एमाइलॉयडोसिस का उपचार चल रहा था। पाक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को चार्टर्ड विमान से मुशर्रफ का पार्थिव शरीर कराची पहुंची। पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी सबा, बेटा बिलाल और बेटी आयला भी साथ में पहुंचे। उन्हें कराची के ओल्ड आर्मी कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा। इससे जुड़ी सारी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। अंतिम संस्कार की नमाज मलिर कैंट के गुलमोहर पोलो मैदान में होगी। बता दें कि मुशर्रफ की मां को दुबई में और पिता को कराची में दफनाया गया था।
मुशर्रफ को लेकर पाकिस्तानी संसद में हुआ हंगामा
पाकिस्तानी संसद में प्रमुख राजनेता या देश के किसी जाने-माने व्यक्तित्व के निधन पर दिवंगत आत्मा के लिए फातेहा जिसे प्रार्थना कहते हैं, करने की परंपरा है। लेकिन सोमवार को पूर्व सैन्य तानाशाह के लिए प्रार्थना करने को लेकर यहां जमकर हंगामा हुआ। मुशर्रफ के लिए फातेहा करने के मुद्दे पर कुछ पाकिस्तानी सांसदों ने जमकर हो – हल्ला किया। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति की तानाशाही और संविधान का उल्लंघन करने को लेकर आलोचना की। दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी के सांसदों ने परवेज मुशर्रफ के लिए प्रार्थना करने से इनकार कर दिया।
बता दें कि भारत में पैदा हुए परवेज मुशर्रफ का परिवार बंटवारे के बाद पाकिस्तान चला गया। मुशर्रफ बाद के दिनों में पाकिस्तानी आर्मी में शामिल हुए और कामयाबी के सीढ़ी चढ़ते हुए सेना प्रमुख के पद तक पहुंचे। इसके बाद साल 1999 में उन्होंने एक रक्तहीन तख्तापलट में नवाज शरीफ को हटाकर देश की बागडोर खुद के हाथ में ले ली। उन्होंने 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति के तौर पर कार्य किया। मुशर्रफ पर कारगिल युद्ध की साजिश रचने का आरोप है। सत्ता छोड़ने के बाद उन्हें गुमनामी में जीवन बिताना पड़ा।