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UNSC Permanent Member: PM मोदी का मास्टर स्ट्रोक,पाकिस्तान का 'दोस्त' देश भी आया साथ,UNSC में भारत को स्थायी सदस्य बनाने का किया समर्थन

UNSC Permanent Member: शिखर सम्मेलन के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) भारत की स्थायी सदस्यता की मांग भी उठा दी है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 11 Sept 2023 1:51 PM IST (Updated on: 11 Sept 2023 1:52 PM IST)
UNSC Permanent Member
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पीएम मोदी और तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (सोशल मीडिया)

UNSC Permanent Member: राजधानी दिल्ली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। सदस्य देशों के बीच काफी मतभेदों के बावजूद आम सहमति से दिल्ली घोषणा पत्र जारी करने में मिली कामयाबी के बाद अंतरराष्ट्रीय जगत में पीएम मोदी के सशक्त नेतृत्व की खूब चर्चाएं हो रही हैं। शिखर सम्मेलन के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) भारत की स्थायी सदस्यता की मांग भी उठा दी है।

इस शिखर सम्मेलन के दौरान भारत को एक और बड़ी कामयाबी मिली है जिसे प्रधानमंत्री मोदी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अक्सर भारत विरोधी बयान देने वाले तुर्की के सुर भी अब बदल गए हैं। पाकिस्तान तुर्की को अपना गहरा दोस्त मानता रहा है मगर तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में भारत की दावेदारी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अगर भारत सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनता है तो हमें गर्व होगा। तुर्की के इस बदले हुए रुख पर अंतरराष्ट्रीय जगत में हैरानी भी जताई जा रही है।

भारत को सदस्यता मिली तो हमें गर्व होगा

दुनिया के कई बड़े देश पहले ही भारत को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता देने की मांग का समर्थन कर चुके हैं। इन देशों में अमेरिका और फ्रांस जैसे ताकतवर देश भी शामिल है। अब ऐसी ही मांग तुर्की की ओर से भी की गई है जिसे अभी तक पाकिस्तान समर्थक देश माना जाता रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि भारत को यदि सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता दी जाती है तो हमें गर्व महसूस होगा।

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कई बार कश्मीर का मुद्दा उठाने वाले तुर्की के राष्ट्रपति के रुख में आयुष बदलाव ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया है। तुर्की की ओर से कई बार कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर भारत सख्त ऐतराज जता चुका है मगर अब तुर्की का रुख बदला हुआ नजर आ रहा है। वैसे तुर्की में भूकंप के समय भारत ने पुराने सारे मतभेदों को बुलाते हुए काफी मदद भी पहुंचाई थी।

सिर्फ पांच देशों तक सीमित न रहे सदस्यता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि भारत को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी गैर P-5 देश को बारी-बारी से स्थायी सदस्य बनने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया पांच से कहीं ज्यादा बड़ी है। हमें गर्व होगा यदि भारत जैसा देश सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन जाए।

उन्होंने कहा कि हमारे कहने का मतलब यह है कि यह केवल अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस के बारे में नहीं है। हम सुरक्षा परिषद में सिर्फ इन पांच देशों को ही नहीं रखना चाहते। उल्लेखनीय है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद अस्तित्व में आए संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में दुनिया के पांच देशों अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस को स्थायी सदस्यता मिली हुई है और इन देशों को P-5 के नाम से जाना जाता है। इन देशों को किसी भी प्रस्ताव पर वीटो लगाने का अधिकार हासिल है।

भूकंप के समय भारत की मदद के लिए आभार जताया

तुर्की के राष्ट्रपति ने दिल्ली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन को काफी कामयाब बताया। उन्होंने कहा कि मैं जी-20 की बेहद सफल अध्यक्षता के लिए भारत को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि मैं अपनी पत्नी और तुर्की के पूरे प्रतिनिधिमंडल की शानदार मेहमान नवाजी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं।

उन्होंने फरवरी 2023 में तुर्की में आए भूकंप के बाद भारत की ओर से ऑपरेशन दोस्त के तहत पहुंचाई गई मदद के लिए भी धन्यवाद दिया। उन्होंने भारत के चंद्रयान और आदित्य मिशन के लिए भी शुभकामनाएं दीं।

भारत की दावेदारी को मिली ताकत

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारत को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता देने की मांग उठाई गई है। उन्होंने कहा कि 80 साल के इतिहास में संयुक्त राष्ट्र काफी बदल चुका है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद सदस्य देशों की संख्या में भी चार गुना बढ़ोतरी हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया काफी बदल चुकी है मगर अभी तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब नई व्यवस्था के तहत चीजों को देखने की जरूरत है। कूटनीतिक जानकारी का मानना है कि जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के बाद सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी को काफी ताकत मिली है।



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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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