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पाकिस्तान : राजनीतिक दल के रूप में एमएमएल के पंजीकरण का विरोध

Rishi
Published on: 23 Dec 2017 7:49 PM IST
पाकिस्तान : राजनीतिक दल के रूप में एमएमएल के पंजीकरण का विरोध
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इस्लामाबाद : पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख हाफिज सईद की मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) का निर्वाचन आयोग में राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण कराने का विरोध किया है। मंत्रालय ने इसे प्रतिबंधित संस्था की शाखा करार दिया है। डॉन ऑनलाइन की शनिवार की रपट के मुताबिक, एक सुरक्षा एजेंसी की रपट सामने आने के बाद मंत्रालय ने अपना विरोध दर्ज कराया है। रपट में कहा गया है कि एक राजनीतिक दल के रूप में एमएमएल का पंजीकरण राजनीति में हिंसा और उग्रवाद पैदा करेगा।

मंत्रालय ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से एमएमएल द्वारा पंजीकरण की याचिका पर विचार नहीं करने का अनुरोध किया है।

सितंबर में एमएमएल समर्थित उम्मीदवार याकूब शेख ने नेशनल एसेंबली की लाहौर सीट के लिए हुए उपचुनाव में 5,822 वोट हासिल किए थे और चौथे स्थान पर रहे थे।

यह उपचुनाव सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पनामा पेपर घोटाले में नाम आने पर नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराए जाने के बाद आयोजित किया गया था।

गृह मंत्रालय ने एमएमएल को प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा और जेयूडी की एक शाखा करार दिया है। चुनाव आयोग ने पॉलिटिकल पार्टी ऑर्डर (पीपीओ) 2002 की धारा 3(4) के संबंध में गृह मंत्रालय से एमएमएल की स्थिति पर स्पष्टीकरण मांगा था।

पीपीओ के अनुसार, जो संगठन पाकिस्तान की अखंडता को कमजोर करते हैं, सांप्रदायिक, क्षेत्रीय या प्रांतीय घृणा को बढ़ावा देते हैं, जिन्हें आतंकवादी समूह का तमगा मिला हो और अपने सदस्यों को किसी भी तरह का सैन्य या अर्धसैनिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, वे राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण के पात्र नहीं हैं।

सुरक्षा एजेंसी ने कहा, "इस पर यकीन करना मुश्किल है कि एमएमएल अपने पथ पर कायम रहेगी और पूरी तरीके से एलईटी और जेयूडी से दूरी बनाए रखेगी।" इसलिए यह सिफारिश की जाती है कि ऐसे समूहों से बचा जाए।

एमएमएल ने गृह मंत्रालय के कथित हस्तक्षेप की वजह से निर्वाचन आयोग द्वारा 11 अक्टूबर को पंजीकरण से इंकार करने के आदेश को चुनौती दी थी।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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