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Pakistan: मुश्किल में इमरान खान सरकार, सहयोगी दल MQM ने किया समर्थन वापस लेने का ऐलान

Pakistan: इमरान खान की पार्टी PTI की प्रमुख सहयोगी दल मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQM) ने सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का निश्चय किया है।

Rajat Verma
Report Rajat VermaPublished By Vidushi Mishra
Published on: 30 March 2022 10:22 AM IST
पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान: pakistan pm imran khan government in big crisis Many MPs left
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पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान (Social media)

Pakistan: पाकिस्तान में मौजूदा समय में सियासी धरपकड़ जारी है। ऐसे में मौजूदा हालातों के मद्देनज़र पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के लिए मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। हालिया प्राप्त सूचना के मुताबिकइमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की प्रमुख सहयोगी दल मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQM) ने सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का निश्चय किया है।ऐसे में यह बताया जा रहा है कि एमक्यूएम के समर्थन वापस लेने के बाद पाकिस्तान की इमरान खान सरकार अल्पमत में आ जाएगी।

बीते कई दिनों से पाकिस्तान में चली आ रही सियासी धरपकड़ और अन्य हालातों के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग तेज है। ऐसा माना जाए रहा है कि पीटीआई की प्रमुख विरोधी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) और अन्य द्वारा सदन में अविश्वास प्रस्ताव की मांग की गई है जिसके आधार पर अब आगामी 3 अप्रैल को पकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अपनी सरकार को बहुमत साबित करनी है और यदि वह ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उनकी सरकार गिर जाएगी।

पाकिस्तान में सत्ता का समीकरण-

पाकिस्तान लोकसभा में कुल 342 सीटें है, जिसके मुताबिक सरकार बनाने के लिए आधे से एक अधिक यानी 172 को दरकार है। ऐसे में इमरान खान की अध्यक्षता वाली पीटीआई के कुल 155 सांसद तथा उनके सहयोगी दल एमक्यूएम के 7 सांसद, पीएमएल (क्यू) के 5 सांसद, बीएपी के 5 सांसद, जीडीए के 3 सांसद और एएमएल का 1 सांसद सरकार बनाने में भागीदार हैं।

ऐसे में इमरान खान के पास सहयोगियों को मिलाकर कुल 176 सांसदों की संख्या है जो कि बहुमत से 4 अधिक है। अब ऐसे में यदि एमक्यूएम अपने 7 सांसदों के साथ इमरान खान सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेती है तो यकीनन इमरान खान की सरकार अल्पमत में आ जाएगी।

इसी के मद्देनज़र यह सुनने में आ रहा है कि एमक्यूएम और पीपीपी के बीच हुए एक समझौते के तहत ही इमरान खान सरकार पर यह नया संकट मंडरा रहा है।

पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो ने ठोस दावे के साथ कहा है कि इमरान खान सरकार अल्पमत में हैं। हालांकि अब आगामी 3 अप्रैल को यह देखना दिलचस्प होगा कि इमरान खान बहुमत साबित कर पाते हैं अथवा उनकी सरकार गिर जाती है।



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Vidushi Mishra

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