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पाकिस्तान में बड़े बदलाव की तैयारी: नवाज शरीफ की वतन वापसी तय, मुहिम को फौज का भी समर्थन

Pakistan: पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान हर मोर्चे पर विफल साबित हुए हैं और बढ़ती महंगाई ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। ऐसे में नवाज की वापसी को फौज का भी समर्थन भी बताया जा रहा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 27 Dec 2021 11:21 AM GMT
Nawaz Sharif
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नवाज शरीफ (फोटो- सोशल मीडिया)

Pakistan : पाकिस्तान की सियासत (politics of Pakistan) में एक बार फिर बड़े बदलाव का माहौल बनने लगा है। करीब दो साल से लंदन में रह रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की देश वापसी तय मानी जा रही है। नवाज शरीफ 2019 के नवंबर महीने में इलाज कराने के लिए लंदन गए थे और वे तभी से लंदन में ही रह रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया में भी नवाज शरीफ के देश वापस लौटने और इमरान के दिन लगने की खबरों को प्रमुखता से छापा जाने लगा है।

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) हर मोर्चे पर विफल साबित हुए हैं और बढ़ती महंगाई ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। ऐसे में नवाज की वापसी को फौज का भी समर्थन भी बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि नवाज की पाकिस्तान वापसी की स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी है और अगले साल जनवरी महीने के दौरान उनकी वतन वापसी हो सकती है।

पाकिस्तान के बड़े पत्रकारों ने भी अपने ट्वीट में नवाज के जनवरी में पाकिस्तान लौटने की बात कही है। विभिन्न मोर्चों पर विफलता के कारण प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की मुश्किलें पहले ही काफी बढ़ी हुई हैं और नवाज के लौटने से उनकी मुश्किलें और बढ़ना तय माना जा रहा है।

फौज से बिगड़ चुकी है इमरान की ट्यूनिंग

फोटो- सोशल मीडिया

पाकिस्तान की सियासत(politics of Pakistan) को दुनिया के अन्य देशों से पूरी तरह भिन्न माना जाता रहा है। दुनिया के अन्य देशों में फौज चुनी हुई सरकार के दिशा निर्देशों के तहत काम करती है मगर पाकिस्तान में फौज और देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई की ही सरकार बनाने और गिराने में सबसे बड़ी भूमिका होती है।

नवाज शरीफ इसके भुक्तभोगी रहे हैं और फौज का विरोध मोल लेना ही उन्हें महंगा पड़ा था। इमरान को सत्ता में लाने में भी फौज की ही बड़ी भूमिका मानी जाती रही है मगर हाल के दिनों में इमरान की फौज से ट्यूनिंग पूरी तरह बिगड़ चुकी है।

हर मोर्चे पर विफल रहे हैं इमरान

पाकिस्तान में बदलाव का वादा करके सत्ता में आने वाले इमरान किसी भी मोर्चे पर अभी तक कामयाब होते नहीं दिख रहे हैं। यही कारण है कि उनका ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है। खैबर पख्तूनख्वा में हाल में हुए निकाय चुनाव में इसका असर भी दिखाई पड़ा था जब इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को जबर्दस्त झटके का सामना करना पड़ा था। लोगों की नाराजगी की वजह से ही इमरान को अपने गढ़ में ही हार झेलनी पड़ी थी। इसके बाद इमरान ने हार की समीक्षा करने की बात कही थी।

नवाज को फौज का भी समर्थन हासिल

नवाज शरीफ ने लंदन में रहने के बावजूद हाल के दिनों में पाकिस्तान में अपनी सक्रियता बढ़ाई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वे पार्टी कार्यकर्ताओं और जनसभाओं को संबोधित करते रहे हैं। इन जनसभाओं के दौरान उन्होंने इमरान खान के साथ ही फौज और आईएसआई पर भी हमले बोले हैं।

इमरान की हर मोर्चे पर विफलता और नवाज के इन हमलों के बाद फौज की छवि भी प्रभावित हो रही है और माना जा रहा है कि इसी कारण फौज ने शरीफ की पाकिस्तान वापसी के लिए काम करना शुरू कर दिया है।

हालांकि शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के अध्यक्ष और उनके भाई शाहबाज शरीफ नवाज की वतन वापसी को लेकर खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा है कि नवाज पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद ही पाकिस्तान लौटेंगे।

फोटो-सोशल मीडिया

नवाज की पार्टी को लोगों का समर्थन

नवाज शरीफ के पाकिस्तान छोड़ने के बाद उनके भाई शाहबाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज राजनीतिक मोर्चे पर पूरी तरह सक्रिय हैं। उन्होंने इमरान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और देश के विभिन्न प्रांतों में जनसभाओं के जरिए इमरान सरकार को घेरने की कोशिश की है।

कई केसों में फंसा होने के बावजूद उन्होंने संघर्ष की राह नहीं छोड़ी है और उन्हें देश के लोगों का समर्थन हासिल होता भी दिख रहा है। ऐसे में इमरान के विकल्प के तौर पर नवाज शरीफ ही उभरते दिख रहे हैं और यही कारण है कि फौज ने भी अब उन्हें समर्थन देने का मन बना लिया है।

जनवरी में पाक लौटने की संभावना

पाकिस्तान के दो बड़े पत्रकारों सलीम साफी और नजम सेठी ने हाल में किए गए अपने ट्वीट में नवाज के अगले साल जनवरी में पाकिस्तान लौटने की बात कही है। सेठी का तो यहां तक कहना है कि नवाज की वतन वापसी के लिए तीन महीने से कवायद की जा रही है और जल्द ही इसका नतीजा सबके सामने आएगा। उनका मानना है कि फरवरी या मार्च में इमरान को प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है। उसके बाद किसी और चेहरे को सामने लाकर देश में आम चुनाव कराए जा सकते हैं।

जेल में बिताना पड़ सकता है कुछ समय

लंदन में रहने के बावजूद नवाज आज भी पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय हैं और माना जा रहा है कि इमरान खान की हर मोर्चे पर विफलता के कारण उन्हें लोगों का बड़ा समर्थन हासिल हो सकता है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि वतन वापसी पर नवाज को कुछ समय जेलों में भी बिताना पड़ सकता है मगर बाद में फौज और अदालतों की मदद से सारे केस खत्म कराए जाएंगे और फिर सत्ता में उनकी वापसी की राह खुल जाएगी।

Vidushi Mishra

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