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पाकिस्तान में भूचाल: इमरान की कुर्सी पर गहराया संकट, विपक्ष का सहयोगी दलों को तोड़ने का दावा
Pakistan News: इमरान की तमाम कोशिशों के बावजूद विपक्ष की ओर से सहयोगी दलों के 23 सांसदों के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का दावा किया जा रहा है।
Pakistan News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की कुर्सी पर खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। देश के विपक्षी दलों (Opposition Parties) ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उन्हें जल्द ही सत्ता से बेदखल करने की मुकम्मल तैयारी की है। जानकारों का कहना है कि विपक्षी दल इमरान के सहयोगी दलों को तोड़ने की तैयारी में जुटे हुए हैं और इस मामले में उन्हें सफलता भी मिलती दिख रही है। विपक्षी दलों की ओर से इमरान के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर सहयोगी दलों का रवैया सबसे अहम हो गया है। इमरान की तमाम कोशिशों के बावजूद विपक्ष की ओर से सहयोगी दलों के 23 सांसदों के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का दावा किया जा रहा है।
दूसरी ओर विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के बाद इमरान का गुस्सा सातवें आसमान पर है और वे बौखलाए हुए दिख रहे हैं। इसी कारण उन्होंने विपक्ष के तीन बड़े नेताओं मौलाना फजलुर्रहमान, शाहबाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया है। इमरान सरकार (Imran Government) अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान को आगे बढ़ाने की कोशिश में जुटी हुई है मगर माना जा रहा है कि इस महीने के आखिर तक इस प्रस्ताव पर मतदान हो सकता है।
इमरान सरकार को सत्ता में रहने का हक नहीं
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली (National Assembly of Pakistan) में इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के 100 सांसदों की ओर से इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव पेश किया गया था। विपक्ष का आरोप है कि देश में बेतहाशा महंगाई के कारण आम लोगों का जीना दूभर हो गया है और इमरान सरकार विभिन्न मोर्चों पर पूरी तरह फेल साबित हुई है। ऐसी सरकार को अब सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। सरकार की ओर से जनता से किए गए वादे भी पूरे नहीं किए गए।
नेशनल असेंबली के अलावा देश की सड़कों पर भी इमरान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। विपक्षी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जता रहे हैं और कई स्थानों पर विपक्षी कार्यकर्ताओं की पुलिस से भिड़ंत भी हो चुकी है।
पाक की नेशनल असेंबली का गणित
विपक्ष की ओर से इमरान सरकार को समर्थन देने वाले सहयोगी दलों के सांसदों को तोड़ने की कोशिश भी की जा रही है। 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में इमरान की पार्टी पीटीआई के 155 सदस्य हैं जबकि गठबंधन सहयोगियों के 23 सदस्यों का भी सरकार को समर्थन हासिल है। दूसरी ओर विपक्ष के पास 163 सदस्य हैं। इमरान सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है। ऐसे में विपक्ष की ओर से 23 सदस्यों का समर्थन हासिल करने की जीतोड़ कोशिश की जा रही है।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ के एक वरिष्ठ नेता का दावा है कि सहयोगी दलों ने सत्तारूढ़ गठबंधन को छोड़ देने का फैसला किया है। सहयोगी दलों के इस रुख के कारण इमरान सरकार के भविष्य को लेकर संकट गहरा गया है और इमरान सरकार जबर्दस्त दबाव में दिख रही है।
विपक्ष के दबाव से इमरान बौखलाए
विपक्ष के बढ़ते दबाव के कारण इमरान खान भी इन दिनों बौखलाए हुए दिख रहे हैं और उन्होंने विपक्ष के बड़े नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनके निशाने पर मुख्य रूप से विपक्ष के तीन बड़े चेहरे मौलाना फजलुर्रहमान, शाहबाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी हैं। इमरान खान ने इन तीनों नेताओं को सख्त लहजे में धमकी दी है चेतावनी दी है कि अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद इन नेताओं को उनके गुस्से का सामना करना पड़ेगा।
सड़कों पर लड़ाई लड़ने की चेतावनी
दूसरी ओर विपक्षी नेता फजलुर्रहमान का कहना है कि सरकार ने नेशनल असेंबली में बेईमानी करके यदि अविश्वास प्रस्ताव को गिराने में कामयाबी हासिल कर ली तो भी विपक्ष चुप बैठने वाला नहीं है। विपक्षी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर विरोध जताएंगे जिससे देश में अराजक हालात पैदा हो सकते हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि अविश्वास प्रस्ताव गिरने की स्थिति में भी इमरान खान अब देश की हुकूमत नहीं चला पाएंगे। सत्ता पक्ष और विपक्ष में चल रही इस खींचतान के कारण देश के राजनीतिक हालात संकटपूर्ण स्थिति में फंसते दिखाई पड़ रहे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी और बढ़ेगी।