इमरान को भारत से नहीं मोदी से दिक्कत, कश्मीर पर पीएम की नई पहल से पाक में जबर्दस्त बेचैनी

प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पीएम मोदी का ताल्लुक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से है और संघ की एक अजीब सी सोच रही है। यही कारण है कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बेहतर नहीं हो पा रहे हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 27 Jun 2021 8:37 AM GMT
Imran has a problem with Modi
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इमरान को भारत से नहीं मोदी से दिक्कत: फोटो- सोशल मीडिया

नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का मानना है कि पड़ोसी देश भारत से रिश्ते सुधारने में सबसे बड़ी रुकावट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। उन्होंने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी की जगह कोई दूसरा नेता होता तो शायद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहतर बनाने में कामयाबी मिल जाती। दूसरे नेता की अगुवाई में दोनों देश सभी मुद्दों को सुलझाने में कामयाब हो सकते थे।

इस बीच जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई पहल के बाद पाकिस्तान में जबर्दस्त बेचैनी दिख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कश्मीर के नेताओं से बातचीत के मुद्दे पर पाकिस्तानी मीडिया में एक स्वर से पाकिस्तान के अलग-थलग पड़ने की बात कही जा रही है। पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने भी इमरान सरकार की कश्मीर नीति विफल होने का आरोप लगाते हुए सरकार की घेरेबंदी की है।

मोदी के कारण नहीं सुधर पा रहे रिश्ते

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए गए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पीएम मोदी का ताल्लुक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से है और संघ की एक अजीब सी सोच रही है। यही कारण है कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बेहतर नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मोदी की जगह भारत की अगुवाई किसी दूसरे नेता के हाथ में होती तो दोनों देश आपसी मतभेदों को सुलझा सकते थे।

पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं पाकिस्तान के दूसरे लोगों की अपेक्षा भारत को ज्यादा जानता है क्योंकि मैंने भारत में काफी क्रिकेट खेली है। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक साथ क्रिकेट खेलते रहे हैं और यही कारण है कि मेरे मन में भारत के प्रति सम्मान और प्यार है। क्रिकेट का खेल दोनों देशों में एक धर्म के समान है और मैं दूसरों की तुलना में भारत को ज्यादा प्यार और सम्मान देता हूं।

मोदी का रुख सकारात्मक नहीं

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सत्ता में आने के बाद उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने सत्ता में आने की वजह स्पष्ट की थी। मैंने उनसे कहा था कि पाकिस्तान में गरीबी कम करने के मेरे सपने के कारण ही मुझे पाकिस्तानी लोगों का समर्थन मिला है। मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक दिक्कतों को दूर करने पर जोर दिया था क्योंकि इससे दोनों देशों का फायदा होता मगर पीएम मोदी के रुख के कारण बात आगे नहीं बढ़ पाई।

विपक्षी दलों ने इमरान सरकार को घेरा

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कश्मीर के नेताओं की सर्वदलीय बैठक का असर पाकिस्तान में भी दिख रहा है। पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने इमरान सरकार को घेरते हुए कहा है कि कश्मीर मुद्दे पर वे पूरी तरह अलग-थलग पड़ते जा रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया ने भी इमरान सरकार पर निशाना साधा है।

पाकिस्तान के टीवी चैनलों में चल रही डिबेट के दौरान इमरान सरकार पर कश्मीर को लेकर भारत के सामने झुकने के आरोप लगाए जा रहे हैं। एक विशेषज्ञ का कहना है कि 1947 के बाद पहली बार कश्मीर को लेकर नई दिल्ली में ऐसी बैठक हुई जिसमें पाकिस्तान की बात करने वाला कोई भी नेता मौजूद नहीं था। अभी तक भारत सरकार की ओर से कश्मीर को लेकर की जाने वाली हर पहल में हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मौजूद रहा करते थे। हुर्रियत की ओर से सरकार के सामने वही बातें रखी जाती थीं जो उन्हें पाकिस्तान की ओर से सिखाई-पढ़ाई जाती थी।

भारत कर रहा बातचीत का नाटक

पीएम मोदी के सर्वदलीय बैठक के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट खुलकर सामने आ गई है। पाक विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने भी आरोप लगाया है कि भारतीय प्रधानमंत्री कश्मीर मुद्दे को लेकर ड्रामा करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हुर्रियत नेताओं को जानबूझकर इस बैठक से अलग रखा गया है जबकि हुर्रियत को अलग रखकर कश्मीर समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता।

पाक को दखल देने का हक नहीं

दूसरी ओर भारत का स्पष्ट तौर पर कहना है कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसमें दखल देने का पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पाकिस्तान के साथ रिश्तों को लेकर भारत ने अपना रुख पूरी तरह स्पष्ट कर रखा है।

भारत पाकिस्तान के साथ अन्य पड़ोसियों की तरह सामान्य रिश्ता बहाल करने का इच्छुक है, लेकिन पाकिस्तान को पहले इसके लिए माहौल बनाना होगा। भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान को ठोस कार्रवाई करनी होगी। पाकिस्तान अभी तक सिर्फ दिखावे की कार्रवाई करता रहा है जबकि हकीकत में वह घाटी में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा देने की कोशिश में जुटा रहा है।

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