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पाकिस्तान बड़बोले पीएम इमरान खान पूरी तरह फेल, पॉलिटिक्स में हो गए हिट विकेट
Pak PM Imran Khan: इमरान खान ने 2018 में एक विशाल रैली में कहा था कि उनका लक्ष्य पाकिस्तान को "मानवीय व्यवस्था के लिए एक उदाहरण और एक न्यायपूर्ण प्रणाली" में परिवर्तित करना है।
New Delhi: इमरान खान (Imran Khan) कभी एक दिग्गज क्रिकेटर (cricketer) हुआ करते थे जिन्होंने पाकिस्तान (Pakistan) के क्रिकेट को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया लेकिन पॉलिटिक्स में उतर कर देश को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने की उनकी योजना बुरी तरह फेल हो गयी है। आज न तो उनके साथ सेना है और न पोलिटिकल संगी-साथी।
इमरान खान ने पाकिस्तानी जनता से वादा किया था कि वह पाकिस्तानी नागरिकों को विश्व मंच पर सम्मानित दर्जा दिलाएंगे, एक भ्रष्टाचार (Corruption) मुक्त और समृद्ध देश बनायेंगे। इस वादे के चलते उनको चुनावी जीत मिली थी। लेकिन इमरान खान अपने वादे धरातल पर लागू न कर सके। उनके आलोचकों के अनुसार, इमरान भले ही एक तेजतर्रार राष्ट्रवादी थे लेकिन वह शक्तिशाली सेना के पैरों तले दबे हुए थे। पाकिस्तानी सेना ने 1947 के बाद से आधे समय में देश पर शासन किया है और उसे शासन चलाने की आदत पड़ी हुई है। इस आदत को इमरान छुड़ा नहीं पाए।
सुंदर और करिश्माई दिग्गज क्रिकेटर इमरान खान (Cricketer Imran Khan)
सुंदर और करिश्माई, इमरान खान ने पहली बार 70 के दशक की शुरुआत में एक आक्रामक फ़ास्ट बॉलर के रूप में दुनिया का ध्यान खींचा था। जल्द ही वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हरफनमौला खिलाड़ियों में से एक बन गए और 1992 में उन्होंने पाकिस्तान की पहली और एकमात्र विश्व कप जीत दिलाई। उसी साल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, वह एक परोपकारी के रूप में जाने गए। उन्होंने कैंसर अस्पताल बनवाया और कई अन्य धर्मार्थ कार्य किये। उन्होंने १९९६ में अपनी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की स्थापना के साथ राजनीति में कदम रख दिया।
उनकी प्रसिद्धि के बावजूद, पीटीआई 17 साल तक इमरान खान के अलावा कोई दूसरी सीट नहीं जीत सकी। हालाँकि इस अवधि में पार्टी और इमरान खान ने कुछ नाटकीय क्षण भी देखे। 2007 में तत्कालीन सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा विपक्षी नेताओं पर जब कार्रवाई की गयी तो इमरान खान अपने घर की दीवार से कूद कर बच निकले थे।
युवा पाकिस्तानियों की पसंद थे इमरान खान
2011 में, इमरान खान ने भ्रष्टाचार, बिजली की कमी, शिक्षा और बेरोजगारी के संकट (Education and unemployment crisis) को जोरशोर से उठाया और युवा पाकिस्तानियों की भारी भीड़ को आकर्षित करना शुरू कर दिया। जल्द ही उनका समर्थन बढ़ता गया और सुशिक्षित पाकिस्तानी प्रवासियों ने इमरान की पार्टी के लिए अपनी नौकरियाँ छोड़ दीं। कई पॉप संगीतकार और अभिनेता भी उनके साथ अभियान में शामिल हो गए।
इमरान खान ने 2018 में एक विशाल रैली में कहा था कि उनका लक्ष्य पाकिस्तान को "अमीरों के गिरोहों और गरीबों के समुद्र" वाले देश से "मानवीय व्यवस्था के लिए एक उदाहरण और एक न्यायपूर्ण प्रणाली" में परिवर्तित करना है। उन्होंने कहा कि वह दुनिया को बताना चाहते हैं कि एक इस्लामी कल्याणकारी राज्य क्या होता है।
राजनीति में 22 वर्षों के बाद उसी वर्ष उन्होंने चुनावों में भरी जीत दर्ज की और सत्ता हासिल कर ली। हालांकि, पर्यवेक्षकों ने आगाह किया था कि उनका सबसे बड़ा दुश्मन उनकी अपनी बयानबाजी थी, जिसने उनके समर्थकों की उम्मीदों को आसमान पर बैठा दिया था।
प्लेबॉय इमरान (playboy imran)
1952 में जन्मे, एक सिविल इंजीनियर के बेटे, इमरान अहमद खान नियाज़ी लाहौर के एक संपन्न शहरी पश्तून परिवार में चार बहनों के साथ पीला बढ़े थे। लाहौर में बेहतरीन शिक्षा पाने के बाद वे ऑक्सफोर्ड चले गए जहाँ उन्होंने दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र में डिग्री के साथ स्नातक किया। इस दौरान उनका क्रिकेट करियर खूब फला-फूला और उन्होंने 1970 के दशक के अंत में लंदन में अपनी एक प्लेबॉय की छवि बना ली। 1995 में, उन्होंने बिजनेस टाइकून जेम्स गोल्डस्मिथ की बेटी जेमिमा गोल्डस्मिथ से शादी की। बाद में दोनों ने 2004 में तलाक ले लिया। इमरान ने टीवी पत्रकार रेहम नैयर खान से दूसरी शादी के लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं चली। फिर इमरान ने एक 'आध्यात्मिक गुरु' बुशरा बीबी से तीसरी शादी की।
सुधारक इमरान
एक बार सत्ता में आने के बाद इमरान खान ने एक "कल्याणकारी" राज्य के निर्माण की अपनी योजना शुरू की। उन्होंने कहा था कि यह इस्लाम के उदय के समय की एक आदर्श प्रणाली होगी जो लगभग 14 शताब्दी पहले थी।
उनकी सरकार ने कई प्रमुख नियुक्तियां योग्यता के आधार पर कीं और नौकरशाही और सिविल सेवा में भर्ती में सुधार की कोशिश की। अन्य उपायों में नागरिकों के लिए शिकायतों को दर्ज करना और राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम का विस्तार करने की योजना के साथ एक प्रांत में गरीबों के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा की शुरुआत करना शामिल है। दशकों के वनों की कटाई को उलटने के लिए सरकार ने 10 अरब पेड़ लगाने की एक परियोजना भी शुरू की।
एक लंबे समय से अपंग अर्थव्यवस्था (Economy) को मजबूत करने के लिए, खान ने नीति में एक महत्वपूर्ण यू-टर्न लिया और पाकिस्तान के लिए आईएमएफ से पैकेज हासिल किया और कर संग्रह का विस्तार करने के लिए ऊंचे लक्ष्यों को निर्धारित किया। उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया जिसे उनके विरोधियों ने बदले की कार्रवाई बताया। इस अभियान में कई लोग भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजे गए थे।
इस बीच पाकिस्तान के जनरल बेहद शक्तिशाली बने रहे और सैन्य अधिकारियों को एक दर्जन से अधिक नागरिक संस्थानों का प्रभारी बनाया गया, जिसमें चीन के साथ पाकिस्तान की प्रमुख बेल्ट एंड रोड पहल, कोरोना का मुकाबला करने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यबल और नागरिक उड्डयन प्राधिकरण शामिल हैं।
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