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पाक पीएम नवाज शरीफ पनामा पेपर्स जांच समिति के समक्ष होंगे पेश
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने परिवार की संपत्ति के संबंध में पनामा पेपर्स जांच के लिए एक संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के समक्ष पेश होंगे। शरीफ गुरुवार को जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने वाले पहले मौजूदा प्रधानमंत्री होंगे।
आठ जून को दल ने शरीफ को सम्मन जारी कर 15 जून सुबह 11 बजे इस्लामाबाद की फेडरल ज्यूडिशियल एकेडमी, जेआईटी के कार्यालय में पेश होने का आदेश दिया था।
इस आदेश में प्रधानमंत्री को पनामा पेपर्स के मामले से संबंधित 'प्रासंगिक रिकॉर्ड, दस्तावेज, सामग्री' लाने का निर्देश दिया है, जो शरीफ के वकील, मखदूम अली खान द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत लगभग सभी दस्तावेजों और सबूतों की तरह आवश्यक है। सूत्रों ने कहा कि शरीफ की पेशी से पहले वित्तमंत्री इशाक दार से भी पूछताछ की जा सकती है।
पनामा पेपर्स के मामले में 20 अप्रैल के अपने फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने जेआईटी का गठन किया था और प्रधानमंत्री, उनके पुत्रों और इस मामले से संबंधित किसी भी अन्य व्यक्ति को धन-शोधन के आरोपों की जांच के लिए बुलाने का अधिकार दिया था, जिसके माध्यम से लंदन के पार्क लेन इलाके के चार अपार्टमेंट खरीदे गए थे।
2 जून को प्रधानमंत्री के सबसे छोटे पुत्र हसन नवाज फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के अतिरिक्त निदेशक जनरल वाजिद जिया की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय जांच टीम के समक्ष उपस्थित हुए थे।
एक दिन पहले शरीफ के बड़े पुत्र हुसैन नवाज शरीफ परिवार द्वारा लंदन में खरीदी गई संपत्तियों में धन संबंधी मामलों की सुनवाई में बचाव के लिए जेआईटी के समक्ष तीसरी बार पेश हुए थे।
जेआईटी के समक्ष पहली बार पेश होने के दौरान हुसैन ने जांच दल द्वारा किए गए सवालों के जबाव देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि जेआईटी की स्थिति का मामला विचाराधीन है और उन्होंने पहले ही उच्चतम न्यायालय के समक्ष इसके दो सदस्यों को हटाने संबंधी एक याचिका दाखिल की थी।
इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने हुसैन की जेआईटी के दो सदस्यों को इस जांच दल से बाहर करने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया था।
दो सुनवाइयों के बाद प्रधानमंत्री के बड़े पुत्र ने पत्रकारों से कहा था कि उन्होंने जेआईटी के सदस्यों द्वारा उनके समक्ष रखे गए सभी सवालों के जबाव दे दिए हैं।