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Pakistan: बाढ़ के कारण खाने के लाले मगर फिर भी नहीं गई अकड़, PM शहबाज शरीफ ने फिर अलापा कश्मीर राग
Pakistan: देश के खाद्य संकट को टालने के लिए पाकिस्तान भारत से आयात पर भी विचार कर रहा है मगर फिर भी उसकी अकड़ अभी तक कम नहीं हुई है।
Pakistan: बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे पाकिस्तान में महंगाई चरम पर पहुंच गई है और कई इलाकों में लोगों के सामने खाने का संकट पैदा हो गया है। टमाटर 500 रुपये तो प्याज 300 रुपये किलो तक बिक रहा है। पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा डूबा हुआ है और इस विनाशकारी आपदा से निपटने के लिए पाकिस्तान हुकूमत के पास संसाधन, पैसा और राशन भी नहीं है। देश के खाद्य संकट को टालने के लिए पाकिस्तान भारत से आयात पर भी विचार कर रहा है मगर फिर भी उसकी अकड़ अभी तक कम नहीं हुई है।
इस संकटपूर्ण स्थिति में भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाकर भारत ने कश्मीर पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने भारत पर लोगों की आवाज को दबाने और नरसंहार करने का बड़ा आरोप भी लगाया है। माना जा रहा है कि देश के सामने पैदा हुए संकट से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ही उन्होंने एक बार फिर कश्मीर का कार्ड खेला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताई थी संवेदना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में अपने ट्वीट में पड़ोसी मुल्क में आई भीषण प्राकृतिक आपदा पर अफसोस जताया था। उन्होंने आपदा से प्रभावित पाकिस्तान के लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना भी जताई थी। प्रधानमंत्री मोदी के इस ट्वीट के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान को मदद पहुंचाने की आस भी जगी थी। जानकार सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में उच्च स्तर पर इस बाबत विचार भी किया गया है।
बाढ़ की भयानक विभीषिका के कारण पाकिस्तान को इस समय दुनिया के सभी देशों से मदद की दरकार है। पाकिस्तान के खाद्य संकट को टालने के लिए देश के वित्त मंत्री ने भारत से खाद्य आयात पर विचार की बात भी कही थी मगर ऐसे माहौल में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर की चर्चा करके एक बार फिर उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है।
कश्मीर में नरसंहार का आरोप
भारत के साथ व्यापार शुरू करने और खाद्य सामग्रियों के आयात के संबंध में पूछे जाने पर शरीफ ने कहा कि हमें भारत के साथ व्यापार शुरू करने में कोई दिक्कत नहीं है मगर भारत ने कश्मीर के लोगों के अधिकार छीन लिए हैं और वहां नरसंहार का काम किया जा रहा है। भारत ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करके कश्मीर की जमीन पर जबरन कब्जा जमा लिया है। कश्मीर के लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करके सभी मुद्दों पर गहराई से चर्चा करने के लिए तैयार हूं। दोनों देशों को अपने-अपने यहां गरीबी खत्म करने के लिए संसाधन लगाने होंगे, लेकिन यह भी सच्चाई है कि इन मुद्दों का हल किए बिना शांति नहीं स्थापित की जा सकती है।
भारत से खाद्य आयात पर विचार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान को पूरी दुनिया से मदद की दरकार है। पाकिस्तान टकटकी लगाए हुए अंतरराष्ट्रीय मदद की ओर देख रहा है मगर इसके साथ ही उसने कश्मीर राग अलाप कर अपनी राह में कांटे भी बो लिए हैं।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल का कहना है कि देश में सब्जियों और अन्य खाद्य सामग्रियों का गहरा संकट पैदा हो गया है और पाकिस्तान भारत के साथ खाद्य आयात पर विचार कर सकता है। ऐसे संकट के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान पर हैरानी जताई जा रही है।
पाकिस्तान में सबसे बड़ी आपदा
पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ से देश का एक तिहाई हिस्सा डूब गया है और लाखों लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक अब तक 11 सौ से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ ने इसे देश के इतिहास की सबसे बड़ी आपदा बताया है। देश भर में 10 लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुके हैं। चारों ओर पानी भरा होने के कारण लोगों तक मदद भी नहीं पहुंच पा रही है।
बाढ़ के कारण तमाम पुल और सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। अपने घर से बेघर हो चुके लोग खाने-पीने की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। तमाम लोगों ने ऊंचाई के स्थानों पर डेरा डाल रखा है। प्रधानमंत्री शरीफ का कहना है कि देश में बुनियादी ढांचे की फिर मरम्मत के लिए 10 बिलियन डॉलर की जरूरत होगी। ऐसे माहौल में शरीफ ने कश्मीर का मुद्दा उठाकर एक बार फिर नया विवाद पैदा कर दिया है।