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Imran Khan: दस साल तक संभाली पाकिस्तान की कप्तानी, मगर पीएम की पारी का नाटकीय अंत
Imran Khan News: पाकिस्तान के सियासी इतिहास में 1947 से आज तक कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल नहीं पूरा कर सका है और इमरान भी इसके अपवाद नहीं रहे।
Pakistan News: पाकिस्तान के क्रिकेट जगत में इमरान खान (Imran Khan) की हीरो वाली छवि रही है मगर प्रधानमंत्री (Pakistan Prime Minister) के रूप में उनकी पारी का बड़ा नाटकीय अंत हुआ है। पाकिस्तान के सियासी (Pakistan Politics) इतिहास में 1947 से आज तक कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल नहीं पूरा कर सका है और इमरान भी इसके अपवाद नहीं रहे। विपक्ष की तगड़ी गोलबंदी और एकजुटता के कारण उन्हें भी समय से पहले अपना पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इमरान ने करीब 10 साल तक पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) की कप्तानी संभाली और इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान की टीम को विश्व विजेता बनाने में भी कामयाबी हासिल की। एक समय था जब पाकिस्तान के क्रिकेट जगत (Cricket World) में इमरान की तूती बोलती थी। पाकिस्तान को विश्व विजेता बनाने के बाद इमरान की लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई थी और बाद में इसी लोकप्रियता ने उन्हें सियासत के क्षेत्र में भी पैर जमाने में मदद की।
48 टेस्ट मैचों में की पाकिस्तान की कप्तानी
क्रिकेट की दुनिया में इमरान की पाकिस्तान में महानायक की छवि रही है और वे करीब 10 साल तक पाकिस्तान के क्रिकेट टीम के कप्तान (Pakistan Team Captain) रहे। उन्होंने 1971 में टेस्ट मैच (Test Match) खेलने की शुरुआत की थी जबकि 1974 में उन्होंने वनडे मैचों में डेब्यू किया था। अपने दौर में उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों (World's Best All-Rounders) में शुमार किया जाता था।
उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने 48 टेस्ट मैच खेले। इस दौरान पाकिस्तान को 14 टेस्ट मैचों में कामयाबी मिली जबकि 8 में हार का सामना करना पड़ा। उनकी कप्तानी में 26 टेस्ट मैच ड्रॉ समाप्त हुए। 139 वनडे मैचों में उन्होंने 77 मैचों में पाकिस्तान को जीत दिलाई जबकि 57 मैचों में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा।
जब पाकिस्तान को बनाया विश्व चैंपियन
इमरान की कप्तानी में ही 25 मार्च 1992 को पाकिस्तान की क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया था। इसी दिन पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में इंग्लैंड की टीम को हराकर विश्वकप खिताब जीता था। विश्व कप (World Cup) के फाइनल मुकाबले में इमरान खान ने कप्तानी पारी खेलते हुए सर्वाधिक 72 रन बनाए थे। पाकिस्तान ने निर्धारित 50 ओवर में छह विकेट के नुकसान पर 249 रन बनाए थे और इंग्लैंड को 250 रन बनाने की चुनौती दी थी। इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम कोई भी कमाल नहीं दिखा सकी थी और 49.2 ओवर में 227 रन बनाकर ऑल आउट हो गई थी।
इस तरह इमरान की कप्तानी में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को 22 रनों से हराकर विश्व कप जीत लिया था। फाइनल मुकाबले में शानदार प्रदर्शन के लिए इमरान खान को मैन ऑफ द मैच पुरस्कार भी मिला था। इस जीत के पहले ही पाकिस्तान में इमरान की काफी लोकप्रियता थी मगर विश्वकप की जीत ने इमरान को शोहरत की बुलंदी पर पहुंचा दिया था।
नहीं पूरा कर सके पीएम का कार्यकाल
क्रिकेट की दुनिया में पाकिस्तान के महानायक माने जाने वाले इमरान सियासी पिच (Imran Khan Political Career) पर वैसा कमाल नहीं दिखा सके। वे प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने में कामयाब नहीं हो सके। मजे की बात यह है कि पाकिस्तान के इतिहास में आज तक कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है और इमरान भी कोई नई लकीर नहीं खींच सकें।
अविश्वास प्रस्ताव पर हारने से पहले इमरान लगातार यह कहते रहे कि वे आखिरी बॉल तक खेलने वाले खिलाड़ी रहे हैं और विपक्ष को अपनी सियासी चालों से अचरज में डाल देंगे। दूसरी ओर विपक्षी दलों ने इमरान को सत्ता से बेदखल करने के लिए हाथ मिला लिया था और अंत में विपक्षी दल ही इमरान खान पर भारी पड़े और उन्हें बड़े बेआबरू होकर सत्ता छोड़नी पड़ी।
पीटीआई को बनाया मजबूत दावेदार
इमरान ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद 1996 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की स्थापना की थी। अपनी लोकप्रियता की वजह से ही वे अपनी पार्टी की सियासी जमीन को मजबूत बनाने में कामयाब हुए और एक दिन देश की सत्ता पर काबिज होने में भी सफलता हासिल की। हालांकि अपनी ही पार्टी के कई सांसदों के बागी होने और सहयोगी दलों के कई सांसदों के साथ छोड़ने के कारण सत्ता पर उनकी पकड़ ढीली पड़ी और आखिरकार अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा।
इमरान खुद को सत्ता से हटाने के पीछे विदेशी ताकतों की साजिश बता रहे हैं और उनका इशारा साफ तौर पर अमेरिका की ओर है। इमरान और उनके समर्थक सांसदों से बड़ा सियासी मुद्दा बनाने में जुटे हुए हैं।
अब सियासी ताकत दिखाने की करेंगे कोशिश
वैसे पाकिस्तान के सियासी जानकारों का मानना है कि इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से भले ही इस्तीफा दे देना पड़ा हो मगर पाकिस्तान की सियासत से अभी उन्हें खारिज नहीं किया जा सकता। देश में उनके समर्थकों की भी अच्छी खासी संख्या है। अब यह देखने वाली बात होगी कि पाकिस्तान में नई सरकार कब तक हुकूमत करती है और कब नए चुनाव कराए जाते हैं।
पाकिस्तान के अगले चुनाव में इमरान ने एक बार फिर अपनी सियासी ताकत दिखाने की पूरी कोशिश करेंगे। उन्होंने विपक्षी दलों पर पहले ही हमलावर रुख अपना रखा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि वे पाकिस्तान के लोगों का समर्थन हासिल करने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं।
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