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Pakistan: पाकिस्तान के अंधेरे में डूबने के आसार, चीनी कंपनियों के कड़े रुख से शरीफ सरकार के छूटे पसीने
Power Crisis In Pakistan: चीनी कंपनियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनके तीन सौ अरब रुपए के बकाए का भुगतान नहीं किया गया तो वे पाकिस्तान की बिजली काटने का बड़ा कदम उठाने से नहीं हिचकेंगी।
Pakistan Power Crisis: पाकिस्तान की नई शहबाज शरीफ सरकार (Shehbaz Sharif Government) के सामने एक बड़ा संकट पैदा हो गया है। चीनी कंपनियों ने बकाए के भुगतान को लेकर सरकार को खुली चेतावनी दे दी है। चीनी कंपनियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनके तीन सौ अरब रुपए के बकाए का भुगतान नहीं किया गया तो वे पाकिस्तान की बिजली काटने (Power Cut) का बड़ा कदम उठाने से नहीं हिचकेंगी। चीनी कंपनियों के इस रुख के बाद पूरे पाकिस्तान (Pakistan) के अंधेरे में डूबने की आशंका पैदा हो गई है। इसीलिए सरकार इन कंपनियों को मनाने और उनकी वित्तीय कठिनाइयों को दूर करने की कोशिश में जुट गई है।
इमरान खान (Imran Khan) के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नई सरकार ने देश के आर्थिक रूप से बदहाल होने का हवाला दिया था। ऐसे में चीनी कंपनियों की मांग को पूरा करना पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) के लिए आसान नहीं होगा। इसी कारण सरकार बीच का कोई रास्ता निकालने की कोशिश में जुटी हुई है।
बिजली संयंत्रों को बंद करने की चेतावनी
मौजूदा समय में पाकिस्तान में दो दर्जन से अधिक चीनी कंपनियां (Chinese Companies In Pakistan) काम कर रही हैं। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत ये चीनी कंपनियां रेलवे, संचार, ऊर्जा और विकास से जुड़े अन्य क्षेत्रों में काम कर रही हैं। इन कंपनियों को विभिन्न मोर्चों पर तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान के आर्थिक रूप से बदहाल होने के कारण इन कंपनियों का सरकार पर काफी पैसा बकाया है। कंपनियों की शिकायतें दूर करने के लिए सोमवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में बकाए के भुगतान का मुद्दा प्रमुखता से उठा। चीनी कंपनियों की ओर से यह मुद्दा उठाए जाने पर पाकिस्तान के योजना और विकास मंत्री अहसान इकबाल कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।
चीनी कंपनियों ने खुली चेतावनी देकर पाकिस्तान सरकार की चिंताएं और बढ़ा दी हैं। चीनी कंपनियों की ओर से चेतावनी दी गई है कि यदि उनके बकाए के 300 अरब रुपए का भुगतान नहीं किया गया तो पाकिस्तान में चल रहे बिजली संयंत्रों को बंद कर दिया जाएगा। चीनी कंपनियों का यह कड़ा रुख पाकिस्तान सरकार के लिए चिंता का बड़ा कारण बन गया है।
चीनी कंपनियों ने खड़े किए हाथ
मौजूदा समय में पाकिस्तान भीषण गर्मी का कहर झेल रहा है और इस कारण बिजली की डिमांड काफी बढ़ चुकी है। बैठक के दौरान पाकिस्तानी अफसरों ने उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया तो चीनी कंपनियों ने हाथ खड़े कर दिए। चीनी प्रतिनिधियों ने कहा कि पैसे की किल्लत को देखते हुए ऐसा किया जाना कतई संभव नहीं है।
चीनी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बारी-बारी से अपनी बात रखी और सभी प्रतिनिधियों का कहना था कि बकाए के भुगतान के बिना उनके लिए आगे आपूर्ति करना संभव नहीं है। बैठक के दौरान चीनी प्रतिनिधियों की सुरक्षा, जटिल वीजा प्रक्रिया और टैक्स से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की गई। हालांकि पाकिस्तान सरकार विभिन्न मुद्दों पर चीनी कंपनियों को संतुष्ट करने में पूरी तरह विफल नजर आई।
भुगतान बढ़ाने की मांग
चीनी कंपनियों की ओर से कोयले की कीमतों में वृद्धि का मुद्दा भी उठाया गया चीनी कंपनियों का कहना था कि कोयले की कीमत करीब चार गुना बढ़ चुकी है और ऐसे हालात में ईंधन की आपूर्ति के लिए चार गुना भुगतान की व्यवस्था की जानी चाहिए। भुगतान संकट के साथ कोयले का कम स्टॉक भी संकट को बढ़ाने वाला साबित हो रहा है। कोयले को कम स्टॉक के कारण बिजली संयंत्रों में पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं हो पा रहा है। उत्पादन बढ़ाने की कोशिश में ईंधन के कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाने का खतरा भी पैदा हो गया है।
आर्थिक संकट सुलझाना आसान नहीं
पाकिस्तान के अंधेरे में डूबने का खतरा पैदा होने के बाद पाकिस्तान सरकार संकट को टालने की कोशिश में जुट गई है। आर्थिक बदहाली के बावजूद सरकार इसके लिए पैसे का प्रबंध करने में जुटी हुई है। मंत्री इकबाल ने चीनी कंपनियों को भुगतान का संकट सुलझाने का आश्वासन जरूर दिया है मगर पाकिस्तान सरकार के लिए यह आसान काम नहीं माना जा रहा है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की गुहार पर सऊदी अरब की ओर से पिछले दिनों पाकिस्तान को आर्थिक मदद जरूर दी गई है मगर यह विभिन्न मोर्चों पर आर्थिक दिक्कतों को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
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