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फिर तिलमिलाया पाकिस्तान, कश्मीर में चुनावी सुगबुगाहट के बाद दिया ऐसा बयान, कहा- करेंगे विरोध
Pakistan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से जम्मू-कश्मीर के 14 राजनेताओं को 24 जून को बैठक का न्यौता देने के बाद पाकिस्तान तिलमिला उठा है और उसने भारत के ऐसे कदम का विरोध करने की बात कही है।
Pakistan: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) यानी केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराने के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा 24 जून को सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाने के बाद सुगबुगाहट तेज हो गई है। न केवल भारत में बल्कि पाकिस्तान (Pakistan) में भी इस बात का असर दिखाई दे रहा है। इस बात की तिलमिलाहट भी उसके बयानों में साफ देखी जा सकती है।
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव (Jammu Kashmir Assembly Elections) के आयोजन की खबरें जोर पकड़ने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान तिलमिला उठा है। जिसके बाद उसने एक बार फिर से भारत के आंतरिक मामले में अपनी विशेष टिप्पणी दी है। वैसे जम्मू कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करना हो या फिर सरकार द्वारा उठाया गया कोई अन्य कदम पाकिस्तान का विरोध करना निश्चय ही है।
विरोध करने की कही बात
अब चुनाव के आयोजन की सुगबुगाहट के बाद भी पाकिस्तान का कुछ ऐसा ही हाल है। इस बीच पड़ोसी मुल्क ने शनिवार को कहा कि उनका देश कश्मीर के विभाजन और उसकी जनसांख्यिकी में बदलाव के भारत के किसी भी कदम का विरोध करेगा। यह बयान दिया है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi)। अपने देश का हाल जो भी हो लेकिन पाकिस्तान का भारत के मसले में कूदना मानो आदत सी बन चुकी है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से जम्मू-कश्मीर के 14 राजनेताओं को 24 जून को बैठक का न्यौता देने के बाद आया है। विधानसभा चुनाव के लिहाज से इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस बैठक में केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा चुनाव का खाका तैयार किया जा सकता है।
विदेश मंत्री ने दिया ये बयान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद कहा कि भारत को 5 अगस्त, 2019 की अपनी कार्रवाई (अनुच्छेद-370 को निरस्त करना) के बाद कश्मीर में कोई और कदम उठाने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष व यूएन महासचिव को भारत के संभावित कदम के बारे में बता चुके हैं।
कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के के पांच अगस्त 2019 के कदम का पूरी तरह से विरोध किया है और इस मसले को सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि भारत के किसी भी ऐसे कदम का पाकिस्तान विरोध करने का प्रण लेता है, जो क्षेत्र की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए जम्मू कश्मीर को विभाजित करने वाले हो।
गौरतलब है कि दो साल पहले अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटा कर जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया गया था। इसके साथ ही इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का एलान किया गया था। जिसके बाद से पाकिस्तान ने इस कदम को विरोध किया था। यही नहीं उसने एक भी मौका नहीं छोड़ा, इस मसले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उछालने का। हालांकि कामयाबी उसे फिर भी हासिल नहीं हो पाई।
राजनीतिक प्रक्रिया आगे बढ़ाने की दिशा में हो रही बैठक
जाहिर है कि इंटरनेट पर प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील देने और राजनीतिक नेताओं को हिरासत से रिहा करने के बाद पीएम मोदी और राजनीतिक पार्टियों के बीच होने वाली इस बैठक को केंद्रशासित प्रदेश में राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के प्रयास की दिशा में कदम के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि सरकार के एजेंडे में परिसीमन, चुनाव कराना और सरकार की स्थापना करना शामिल है। इस बैठक में शामिल होने वाले नेताओं को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।
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