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Pakistan: एक बार PM बनने का मौका चूक चुके हैं शहबाज, जानिए किस अजीज ने मारी थी लंगड़ी

Pakistan: पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान के सत्ता से बेदखल होने के बाद अब शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 11 April 2022 7:56 AM IST (Updated on: 11 April 2022 9:37 AM IST)
shahbaz sharif
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शहबाज शरीफ (फोटो-सोशल मीडिया)

Pakistan: पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान के सत्ता से बेदखल होने के बाद अब शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है। विपक्षी दलों ने पहले ही पीएम पद के लिए शहबाज शरीफ को नामित कर रखा था और अब उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है।

दूसरी ओर इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने भी प्रधानमंत्री पद के लिए पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को मैदान में उतार दिया है। कुरेशी की चुनौती के बावजूद शहबाज शरीफ का पीएम बनना तय माना जा रहा है क्योंकि उन्हें नेशनल असेंबली में बहुमत हासिल है।

वैसे शहबाज शरीफ के बारे में यह जानना दिलचस्प है कि पांच साल पहले वे प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए थे। उनकी ताजपोशी में लंगडी लगाने वाला कोई दूसरा नहीं बल्कि उनके बड़े भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ही थे।

नवाज शरीफ के कारण ही वे देश का सबसे बड़ा सियासी पद पाने से वंचित रह गए थे मगर अब किस्मत ने एक बार फिर पलटी मारी है। अबकी बार शाहबाज की किस्मत के सितारे बुलंद है और उनकी राह में कोई रुकावट नहीं मानी जा रही है।

शहबाज ने दाखिल किया नामांकन

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव पारित होने के बाद अब सबकी निगाहें शाहबाज शरीफ पर ही टिकी हुई हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ के नेता शाहबाज शरीफ के पास लंबा सियासी अनुभव रहा है और वे पाकिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण प्रांत पंजाब के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। विपक्षी दलों की ओर से नाम पर मुहर लगाया जाने के बाद शाहबाज ने प्रधानमंत्री पद के लिए अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है।

नामांकन दाखिल करने से पहले शहबाज ने उन लोगों को धन्यवाद दिया जो पाकिस्तान में संकट की इस घड़ी में संविधान के लिए खड़े रहे। नामांकन दाखिल करने के लिए रविवार को दोपहर दो बजे तक का समय निर्धारित किया गया था।

नेशनल असेंबली में विपक्षी दलों के सांसदों का बहुमत होने के कारण शहबाज की ताजपोशी तय मानी जा रही है। पीएम पद की शपथ लेने से पहले ही शहबाज ने आने वाले दिनों में पाकिस्तान की नीतियों को लेकर अपना रुख साफ करना शुरू कर दिया है।

नवाज शरीफ बने थे पीएम की राह में रोड़ा

पाकिस्तान के सियासी जानकारों का कहना है कि इससे पहले शाहबाज एक बार प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए थे। दरअसल 2017 में भी उनके प्रधानमंत्री बनने का संयोग बना था मगर वे यह शीर्ष पद पाने से वंचित रह गए थे। शाहबाज के बड़े भाई नवाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं और 2017 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था। दरअसल पनामा पेपर्स मामले में नवाज शरीफ का नाम सामने आया था और इसे लेकर पाकिस्तान में सियासी भूचाल आ गया था।

नवाज शरीफ के बर्खास्त होने से खाली हुए प्रधानमंत्री पद पर सबसे मजबूत दावेदारी शाहबाज शरीफ की ही मानी जा रही थी। जिस समय नवाज शरीफ की बर्खास्तगी हुई थी, उस समय उनका 10 महीने का कार्यकाल शेष था। उस समय नवाज शरीफ ने शहबाज की मजबूत दावेदारी को दरकिनार करते हुए शाहिद खाकान अब्बासी को नया पीएम बनाने का फैसला किया था।

नवाज शरीफ के इस कदम के कारण शाहबाज प्रधानमंत्री पद पाते-पाते रह गए थे। फौज से अच्छा रिश्ता होने के बावजूद नवाज के कारण वे प्रधानमंत्री नहीं बन सके थे। अब एक बार फिर उनकी किस्मत के सितारे बुलंद हुए हैं। अबकी बार उनकी पीएम पद पर ताजपोशी तय मानी जा रही है।

शहबाज पर भी भ्रष्टाचार के आरोप

वैसे अपने भाई नवाज शरीफ की तरह शाहबाज शरीफ के दामन पर भी भ्रष्टाचार के छींटे पड़े हुए हैं। उनके खिलाफ 14 अरब रुपए की मनी लांड्रिंग का मामला चल रहा है और इस मामले में वे जेल की हवा भी खा चुके हैं। उनके खिलाफ यह मामला अभी भी बंद नहीं हुआ है और इस मामले में फिलहाल वे जमानत पर हैं।

इसके बावजूद पाकिस्तान के सियासी हालात इस तरह बन गए हैं जिसमें विपक्षी दलों के बीच शाहबाज शरीफ के नाम पर ही रजामंदी बनी है। शाहबाज शरीफ के करीबी लोगों का कहना है कि उन्होंने पीएम पद की शपथ लेने के लिए नई शेरवानी का ऑर्डर तक कर दिया है।

बदले की भावना से नहीं करेंगे काम

प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी के भी खिलाफ बदले की भावना से कोई काम नहीं करेंगे मगर कानून अपना काम जरूर करेगा। माना जा रहा है कि उनका इशारा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, उनके समर्थक मंत्रियों और नेशनल असेंबली के स्पीकर की ओर है जिन्होंने अंतिम समय तक अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग टालने की कोशिश की।

सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद इमरान खान की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद उन पर संविधान के उल्लंघन का आरोप लग रहा है। माना जा रहा है कि शाहबाज के शपथ लेने के बाद इमरान के साथ ही नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर और डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। इस मामले में उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है।

Vidushi Mishra

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