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आखिर क्या है इमरान के साथ नियाजी जोड़ने का रहस्य, विपक्ष ने क्यों बुलंद किया गो नियाजी गो का नारा
Pakistan: इमरान के बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि विपक्षी दलों की ओर से उनके नाम का संबोधन इमरान नियाजी के रूप में किया जाता है।
Pakistan: पाकिस्तान की पूरी सियासत इन दिनों इमरान खान के इर्द-गिर्द ही घूम रही है। विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है तो इमरान खान भी विपक्ष को जवाब देने में पीछे नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के नेशनल असेंबली को बहाल करने के फैसले के बाद विपक्षी दलों के हौसले बुलंद हैं और इमरान खान को करारा झटका लगा है।
इमरान के बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि विपक्षी दलों की ओर से उनके नाम का संबोधन इमरान नियाजी के रूप में किया जाता है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी विपक्ष की ओर से गो नियाजी गो का नारा बुलंद किया गया था। दरअसल इमरान को इमरान नियाजी कहकर विपक्ष उन्हें चिढ़ाने का प्रयास करता है और इसका भी एक दिलचस्प इतिहास है।
विपक्ष के नेता कहते हैं इमरान नियाजी
पाकिस्तान की सियासी दुनिया, खेल जगत, मीडिया और सोशल मीडिया में इमरान का नाम इमरान खान के रूप में ही प्रचलित है। इमरान भी अपना नाम इमरान खान ही लिखते हैं जबकि उनका पूरा नाम इमरान अहमद खान नियाजी है। ऐसे में विपक्षी दलों के नेता इमरान को चिढ़ाने के लिए इमरान नियाजी नाम पुकारा करते हैं।
पाकिस्तान के विपक्षी दलों के कई प्रमुख नेता अपनी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्हें इमरान नियाज़ी कहकर ही संबोधित करते हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ की उपाध्यक्ष और नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज हमेशा उन्हें इमरान नियाजी बुलाया करती हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ समेत कई अन्य प्रमुख नेता भी इमरान नियाज़ी कहकर ही उन पर तंज कसते हैं।
इमरान नियाजी कहकर चिढ़ाने की मंशा
दरअसल इमरान को इमरान नियाजी कहने के पीछे विपक्षी नेताओं की सोची समझी रणनीति है। इसका सीधा कनेक्शन 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम से जुड़ा हुआ है। 1971 की लड़ाई में पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी फौज की कमान लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल खान नियाजी के हाथों में थी। लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने ही पाकिस्तानी फौज के सरेंडर वाले दस्तावेज पर दस्तखत किए थे।
पाकिस्तानी सेना के इस सरेंडर करने वाली घटना को देश में काफी अपमानजनक और शर्मनाक माना जाता रहा है। पाकिस्तान के इतिहास में लोग जनरल नियाजी को कायर और कमजोर नेतृत्व वाला फौजी बताते रहे हैं। ऐसे में नियाजी सरनेम को पाकिस्तान में गाली के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। इसी कारण विपक्षी दल भी इमरान खान को इमरान नियाजी कह कर उन्हें चिढ़ाते हैं।
विपक्ष ने बुलंद किया गो नियाजी गो का नारा
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में जिस दिन अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया गया था उस दिन भी विपक्षी सांसदों ने गो नियाजी गो (Go Niazi Go) के नारे लगाए थे। पाकिस्तान के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव को विदेशी ताकतों की साजिश बताते हुए खारिज कर दिया था। उनके इस कदम पर नाराज विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की थी और इमरान के खिलाफ गो नियाजी गो के नारे बुलंद किए थे। डिप्टी स्पीकर के सदन से चले जाने के बाद विपक्षी सांसदों ने काफी देर तक सदन की कार्यवाही चलाई थी और इस दौरान इमरान खान के खिलाफ लगातार नारे गूंजते रहे।
इस संबोधन पर चिढ़ते हैं इमरान
जानकारों का मानना है कि इमरान खान जानबूझकर अपने नाम के साथ नियाजी शब्द नहीं लगाते हैं। विपक्षी नेताओं के बार-बार इमरान नियाज़ी के संबोधन से नाराज होकर एक बार इमरान ने अपनी खीझ निकालते हुए अपना पूरा नाम इमरान अहमद खान नियाजी बताया था। उनका कहना था कि अच्छा हो कि आप लोग मेरा पूरा नाम लिया करें।
इमरान ने भले ही अपने नाम के आगे नियाजी लिखना छोड़ दिया हो मगर विपक्ष के नेता बार-बार उन्हें इमरान नियाज़ी संबोधित करके उन्हें चिढ़ाने का कोई मौका नहीं चूकते। मौजूदा समय में पाकिस्तान में चल रही सियासी उठापटक के बीच विपक्ष के नेताओं की ओर से बार-बार उन्हें इमरान नियाज़ी नाम से ही संबोधित किया जा रहा है।