TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

रिपोर्ट में खुलासा: आने वाले साल में पानी की किल्लत से जूझेगा पाक

Manali Rastogi
Published on: 11 Jun 2018 3:46 PM IST
रिपोर्ट में खुलासा: आने वाले साल में पानी की किल्लत से जूझेगा पाक
X

इस्लामाबाद: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) समेत कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की रिसर्च रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि आने वाले कुछ सालों में पाकिस्तान में पानी की भारी किल्लत होने वाली है।

रिपोर्ट में यह आशंका जताई गई है कि 2025 तक पाकिस्‍तान में सूखा जैसे हालात बन जाएंगे। यह मसला पाकिस्‍तान के अखबारों में छाया हुआ है। दूसरी ओर पाकिस्तान हमेशा की तरह इसका दोष भी भारत के सिर मढ़ रहा है।

पाकिस्‍तान में बढ़ रही पानी की किल्लत

पाकिस्‍तान की उर्दू दैनिक ‘जंग’ ने लिखा है कि जल विशेषज्ञ दशकों से पानी की बढ़ती हुई किल्लत और भविष्य में पैदा होने वाली गंभीर स्थिति की तरफ ध्यान दिलाने की कोशिश करते रहे हैं लेकिन सरकार का रवैया बहुत ही ढीला ढाला रहा है। अंतरराष्ट्रीय नदियों के पानी से पाकिस्तान के जायज हिस्से को लेने के लिए पैरवी में गफलत और जल भंडारों के निर्माण को लेकर लगातार लापरवाही बरती गई।

यह भी पढ़ें: Breaking: पहली नहीं दूसरी गोली चली तो पाकिस्तान देगा करारा जवाब- पाक सेना

अखबार ने आईएमएफ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा है कि 1990 से किसी भी स्तर पर पानी को लेकर कोई योजना नहीं बनाई गई। अखबार ने सुप्रीम कोर्ट से इस रिपोर्ट में शामिल उन दूसरी वजहों पर भी ध्यान देने को कहा है, जिनके चलते आज पाकिस्तान के सामने पानी की किल्लत एक संकट में तब्दील होती जा रही है।

पाकिस्तान ने इस बात पर जताई आपत्ति

पाकिस्‍तान के एक अन्‍य दैनिक ‘एक्सप्रेस’ ने लिखा है कि दुनिया के बहुत से हिस्सों में पीने के पानी की दिक्कत है और अगर पानी है भी तो वह प्रदूषित है। पाकिस्तान का 80 फीसदी पानी प्रदूषित है और पानी का संकट आने वाले समय में पाकिस्तान की बहुत बड़ी समस्या साबित होने जा रही है।

अखबार ने भारत पर सिंधु जल समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है। हाल ही में पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल (एजीपी) के नेतृत्व में चार सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल वॉशिंगटन पहुंचा था। प्रतिनिधिमंडल किशनगंगा परियोजना और दोनों देशों के बीच हुई जल संधि के मुद्दे पर विश्व बैंक के साथ बैठक भी कर चुका है।

पाकिस्तान का तर्क है कि किशनगंज परियोजना से सिंधु जल संधि के तहत उसको मिलने वाले पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी जबकि भारत का कहना है कि इस बिजली परियोजना का निर्माण संधि की तय शर्तों के तहत किया गया है।

उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा में 330 मेगावॉट की इस बिजली परियोजना का निर्माण 2007 में शुरू किया गया था जबकि मई 2010 में पाकिस्तान ने इस परियोजना को अंतरराष्ट्रीय जल संधि का उल्लंघन बताते हुए आपत्ति जताई थी। इसके बाद वो इस मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ले गया। साल 2013 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारत को इस परियोजना के निर्माण की मंजूरी दे दी, साथ ही उसने भारत को अंतरराष्ट्रीय जल संधि के मुताबिक नदी में न्यूनतम जल प्रवाह बनाए रखने का आदेश भी दिया।



\
Manali Rastogi

Manali Rastogi

Next Story